डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2025 में अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली है। ऐसे में एक बार फिर सत्ता में लौटने के बाद से ही उन्होंने बहुत से नियमों में बदलाव जारी किए है। दरअसल, 2016 के अपने कैंपेन के दौरान डोनाल्ड ट्रम्प ने शिक्षा विभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा था, उनका मानना है कि शिक्षा संबंधी निर्णय राज्य स्तर पर ही लिए जाने चाहिए।

इसके बाद 2023 में एक वीडियो में ट्रम्प ने इस मुद्दे पर अपनी राय को फिर से स्पष्ट किया। उनका कहना था कि अमेरिका हर साल 1 ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च करता है, फिर भी उनका एजुकेशन सिस्टम ग्लोबल कॉम्पिटिटर्स से काफी पीछे है।
ट्रम्प का शिक्षा प्रणाली में सुधार का एजेंडा
आपको बता दें की रिपब्लिकन पार्टी ने डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्ताव को पूरी तरह से सपोर्ट किया है, जो Project 2025 से जुड़ा हुआ है। हालांकि ऐसा माना जा रहा है की यह एक कन्सेर्वटिवे पॉलिसी इनिशिएटिव है, जिसके तहत शिक्षा में फ़ेडरल कण्ट्रोल को समाप्त करने का इरादा है। इसके अलावा GOP के प्रमुख नेताओं जैसे विवेक रामास्वामी और निक्की हेली ने भी इस दिशा में डिपार्टमेंट के पुनर्गठन या उसे समाप्त करने के प्रयासों का खुलकर समर्थन किया है।
इस फैसले से छात्रों व स्कूलों पर क्या होगा असर?
शिक्षा विभाग की बात करें तो वर्तमान में यह निम्नलिखित कार्य करता है-
- 98,000 पब्लिक और 32,000 प्राइवेट स्कूल में 50 मिलियन से अधिक छात्र
- 12 मिलियन कॉलेज छात्रों के लिए ग्रांट्स, लोन और वर्क स्टडी प्रोग्राम
हालांकि राष्ट्रीय शिक्षा संघ की अध्यक्ष, बेकी प्रिंगल, ने चेतावनी दी है कि अगर इस विभाग को समाप्त किया गया, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। जैसे-
- कक्षाओं का आकार बढ़ सकता है
- जॉब ट्रैनिंग प्रोग्राम में कमी आएगी
- स्पेशल एजुकेशन सर्विस में गिरावट आएगी
- हायर एजुकेशन और भी महंगी हो जाएगी
- छात्रों के सिविल राइट्स की सुरक्षा कमजोर पड़ेगी
इस बीच विरोधियों का कहना है कि इस डिपार्टमेंट को खत्म करने से शिक्षा के लिए फ़ेडरल फंडिंग में कमी होगी, जिसका नकारात्मक असर विशेष रूप से कम आय वाले छात्रों और परिवारों पर पड़ेगा।
शिक्षा विभाग खत्म करने के लिए बिल पेश किया
हालांकि कुछ रिपब्लिकन सांसदों ने शिक्षा विभाग को समाप्त करने के लिए बिल पेश किए हैं, लेकिन इनमें से कोई भी लागू नहीं हो पाया है। हाल ही में, प्रतिनिधि थॉमस मैसी (R-KY) और डेविड रूज़र (R-NC) ने इसे खत्म करने के लिए एक नया कानून प्रस्तावित किया, लेकिन सीनेट में फिलिबस्टर के कारण 60 वोटों की आवश्यकता के चलते इस विधेयक के पास होने की संभावना बेहद कम है।
हालांकि दोनों सदनों में रिपब्लिकन का दबदबा है, लेकिन इस कदम को आगे बढ़ाने के लिए डेमोक्रेट्स का समर्थन आवश्यक होगा, जिससे डिपार्टमेंट ऑफ़ एजुकेशन का अबॉलिशन अत्यधिक कठिन और लगभग असंभव हो जाएगा।
स्कूल चॉइस और फ़ेडरल ओवरसाइट
ट्रंप ने एक आदेश पर भी हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें शिक्षा विभाग को स्कूल चॉइस कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का निर्देश दिया गया है। इस पहल से कम आय वाले परिवारों को फ़ेडरल फंड का उपयोग करके चार्टर और प्राइवेट स्कूलों तक बेहतर पहुंच मिल सकेगी। स्कूल चॉइस हमेशा से रिपब्लिकन पार्टी की नीति प्राथमिकताओं में से एक रही है, और कई GOP-नेतृत्व वाले राज्यों ने पहले ही इन कार्यक्रमों के लिए बजट बढ़ाया है।
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SUMMARY
जनवरी 2025 में राष्ट्रपति बने डोनाल्ड ट्रंप ने शिक्षा विभाग को समाप्त करने का प्रस्ताव रखा, जो उनके 2016 के अभियान से जुड़ा था। रिपब्लिकन पार्टी और प्रमुख GOP नेताओं ने इस प्रस्ताव का समर्थन किया। हालांकि, विरोधियों का कहना है कि इससे शिक्षा के फ़ेडरल फंडिंग में कमी आएगी। ट्रंप ने स्कूल चॉइस कार्यक्रमों का विस्तार करने के लिए भी कदम उठाया है।
