अमेरिका में बसने का सपना देख रहे अमीर भारतीयों में EB-5 वीजा की मांग तेजी से बढ़ रही है। डोनाल्ड ट्रंप द्वारा हाल ही में पेश किए गए 5 मिलियन डॉलर के ‘गोल्डन कार्ड वीजा’ के बाद इस वीजा को लेकर लोगों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है।

यह वीजा अमेरिकी परमानेंट रेजिडेंस का एक प्रमुख रास्ता है, और अब उच्च वर्ग के लोग इसे अमेरिका में बसने के लिए एक नई उम्मीद मान रहे हैं।
EB5 Visas- भारतीयों के लिए एकमात्र उम्मीद
जैसा कि हम जानते हैं कि ‘गोल्डन कार्ड’ वीजा की कीमत करीब 50 लाख डॉलर है, यह 800,000 डॉलर वाले EB5 Visa से करीब 6.5 गुना ज्यादा महंगा हो गया है। यह EB-5 वीजा अमेरिका में परमानेंट रेजिडेंस अधिकार प्रदान करता है। डेविस एंड एसोसिएट्स की सुकन्या रमन ने बताया कि EB-5 के लिए कार्यालय में पूछताछ तेजी से बढ़ रही है और लोग किसी भी संभावित बदलाव से पहले जल्द ही I-526E याचिका के लिए आवेदन करना चाहते हैं।
फिलहाल यह साफ नहीं है कि ट्रंप का गोल्डन कार्ड स्कीम मौजूदा EB-5 वीजा के स्थान पर लागू किया जाएगा या नहीं। हालांकि कई लोगों को चिंता है कि अगर ट्रंप फिर से राष्ट्रपति बने, तो वीजा पॉलिसी में तेजी से बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई लोग अब जल्दी से EB-5 Visa के लिए आवेदन कर रहे हैं।
लॉक्वेस्ट की मैनेजिंग पार्टनर पूर्वी चोथानी ने कहा “5 मिलियन डॉलर खर्च करने की बजाय EB-5 Visa एक बेहतर और समझदारी भरा विकल्प है। ट्रंप ने सिर्फ इतना कहा है कि वह गोल्ड कार्ड “बेचेंगे”, लेकिन ये स्पष्ट नहीं किया कि इसके लिए 5 मिलियन डॉलर निवेश करना जरूरी होगा या नहीं।”
गोल्ड कार्ड पर फिलहाल सस्पेंस जारी
अब अगर गोल्ड कार्ड की बात करें, तो फिलहाल ये सिर्फ एक आइडिया ही है, जिसे लेकर कोई पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है और ना ही इसकी लॉन्च डेट तय कि गई है। इतना ही नहीं इसके लिए एलिजिबिलिटी की शर्तें भी अभी तक साफ नहीं हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसे किसी भी नए प्रोग्राम को लागू करने के लिए संसद की मंजूरी जरूरी होगी।
वहीं दूसरी ओर, EB-5 Visa एक स्थापित और भरोसेमंद विकल्प है। इस कार्यक्रम के तहत विदेशी नागरिकों को अमेरिका में किसी बिज़नेस में निवेश करने से पहले कम से कम 10 लोगों को रोजगार देना ज़रूरी होगा। डेविस एंड एसोसिएट्स के एक्सपर्ट एलेक्स जोवी के मुताबिक, EB-5 आज भी एक कानूनी रूप से सुरक्षित विकल्प है।
क्या मिड-लेवल वर्कर्स के लिए नहीं होगा गोल्ड कार्ड?
आपको बता दें की EB-5 Visa सीधे ग्रीन कार्ड और फिर पांच साल बाद अमेरिकी सिटीजनशिप प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह ऑप्शन उन लोगों के लिए बेहतर है, जो परमानेंट रूप से अमेरिका में बसना चाहते हैं।
दूसरी ओर, ट्रंप का गोल्ड कार्ड स्कीम सिर्फ UHNI और इन्वेस्टर्स के लिए ही वैलिड है , वही प्रोफेशनल्स या मिड-लेवल वर्कर्स को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। वही एक्सपर्ट्स का मानना है कि कोई भी अमेरिकी कंपनी $5 मिलियन खर्च कर किसी को नौकरी नहीं देगी। इसलिए यह स्कीम सिर्फ रिच क्लास तक सीमित लगती है।
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SUMMARY
अमेरिका में बसने का सपना देख रहे अमीर भारतीयों के बीच EB-5 वीजा की मांग बढ़ी है, खासकर ट्रंप के 5 मिलियन डॉलर के गोल्डन कार्ड वीजा प्रस्ताव के बाद। हालांकि, गोल्डन कार्ड के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं है, लेकिन EB-5 वीजा विशेष तौर पर उच्च वर्ग के इन्वेस्टर्स के लिए एक स्थिर और भरोसेमंद ऑप्शन के रूप में उभर रहा है।
