बेंगलुरु के माध्यम से चेन्नई और मैसूर को अत्याधुनिक बुलेट ट्रेन (Mysore-Bengaluru-Chennai Bullet Train) से जोड़ने की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है , जो दक्षिण भारत यात्रा को और मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर न केवल यात्रा के समय को 90 मिनट तक कम करेगा, बल्कि कनेक्टिविटी में भी सुधार कर, पूरे क्षेत्र में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा।

11 नियोजित स्टॉप के साथ, इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य प्रमुख शहरों को जोड़ना और यात्रियों और पर्यटकों को एक कुशल यात्रा विकल्प प्रदान करना हैं।
किन राज्यों में शुरू होगी ये परियोजना?
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह महत्वाकांक्षी परियोजना तीन राज्यों- तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में 463 किमी तक फैली होगी जिनमें 11 स्टेशन शामिल होंगे। इनमें से तीन स्टेशन बेंगलुरु में स्थित हैं।
एक अन्य रिपोर्ट का दावा है कि 350 किमी/घंटा की गति, 320 किमी/घंटा की परिचालन गति और 250 किमी/घंटा की औसत गति के साथ हाई-स्पीड कनेक्टिविटी का उद्देश्य यात्रा के समय को काफी कम करना है, जिससे मैसूर और चेन्नई एक-दूसरे से मात्र 90 मिनट की दूरी पर आ जाएँगे।
इस ट्रैन के रूट में चेन्नई, पूनामल्ली, चित्तूर, कोलार, कोडाहल्ली, व्हाइटफील्ड, बैयप्पनहल्ली, इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी, केंगेरी, मांड्या और मैसूरु के स्टॉप शामिल हैं।
टनल वर्क
परियोजना का पहला चरण चेन्नई से बेंगलुरु तक 306 किलोमीटर की दूरी को कवर करेगा, जबकि दूसरे चरण में बेंगलुरु से मैसूर तक 157 किलोमीटर की दूरी को कवर किया जाएगा।
इसकी कुल लंबाई में से 258 किमी कर्नाटक में, 132 किमी तमिलनाडु में और शेष आंध्र प्रदेश में है। यह कॉरिडोर रास्ते में आने वाले 313 कस्बों और गांवों को प्रभावित करेगा।
टूरिज्म और क्षेत्रीय विकास में बढ़ावा
भारत की पहली हाई-स्पीड रेल परियोजना, मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के पूरा होने के बाद, मैसूर-बेंगलुरु-चेन्नई कॉरिडोर टूरिज्म और क्षेत्रीय विकास में महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करेगा।
मैसूर-बेंगलुरु-चेन्नई बुलेट ट्रेन (Mysore-Bengaluru-Chennai Bullet Train) प्रोजेक्ट भारत के ट्रांसपोर्टेशन में महत्वपूर्ण सुधार का प्रतिनिधित्व करती हैं। इसमें योजना में शामिल उद्देश्यों से फास्टर ट्रेवल, आर्थिक विकास और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में निश्चित तौर पर बढ़ावा मिलेगा।
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SUMMARY
भारत की नई बुलेट ट्रेन परियोजना का लक्ष्य चेन्नई और मैसूर को बेंगलुरु के माध्यम से मात्र 90 मिनट में जोड़ना है, जिसमें 11 स्टॉप होंगे। यह हाई-स्पीड रेल कॉरिडोर क्षेत्रीय संपर्क और आर्थिक गतिविधि को बढ़ाने के लिए तैयार है। यह परियोजना यात्रियों और पर्यटकों के लिए तेज़, कुशल यात्रा का ऑप्शन देती है, जो दक्षिण भारत के प्रमुख शहरों में यात्रा के समय को काफी कम करने में मदद करेगी।
