Digital Payment in India :  रियल टाइम पेमेंट्स में नंबर 1 बना भारत, हर महीने 18 अरब UPI ट्रांजैक्शन!


Bhawna Mishra

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Jul 22, 2025



हाल ही में, भारत को डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में नई उपलब्धि हासिल की है। दरअसल इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) ने एक रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (UPI) के जरिए एक महीने में 18 बिलियन ट्रांजैक्शन का आंकड़ा पार कर लिया है।  भारत अब वैश्विक स्तर पर रीयल-टाइम ट्रांज़ैक्शन सिस्टम में सबसे आगे है। यह UPI की सफलता और भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल पेमेंट नेटवर्क का परिणाम है।

भारत बना डिजिटल पेमेंट्स का ग्लोबल चैम्पियन

UPI भुगतान में भारत अब दुनिया में सबसे आगे निकल गया है। UPI को 2016 में भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने लॉन्च किया था। इसने मोबाइल ऐप के ज़रिए एक से अधिक बैंक खातों को जोड़ना बेहद आसान बना दिया। अब लोग कुछ ही क्लिक में तुरंत पैसे भेज सकते है या रिसीव कर सकते हैं। यह भारत के डिजिटल पेमेंट सिस्टम के लिए एक बड़ा बदलाव साबित हुआ है।

UPI ने पीयर-टू-पीयर पेमेंट को भी बेहद सरल बना दिया है। लाखों की संख्या में छोटे बिजनेस अब मिनिमल कॉस्ट पर डिजिटल पेमेंट एक्सेप्ट कर रहे हैं। इससे देश में कैशलेस इकोनॉमी को तेज़ी से बढ़ावा मिला है।

UPI से जुड़ रहे करोड़ों यूजर और व्यापारी

बता दें कि वर्तमान में UPI हर महीने 18 अरब से ज़्यादा लेनदेन प्रोसेस कर रहा है। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) के अनुसार, यह देश के कुल डिजिटल पैमेंट का लगभग 85% है। यह आंकड़ा भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में UPI की महत्वपूर्ण भूमिका को दर्शाता है। सिर्फ जून 2025 में ही UPI ने 24.03 लाख करोड़ रुपये मूल्य के 18.39 अरब ट्रांजैक्शन दर्ज किए। यह पिछले साल जून की तुलना में 32% अधिक है। 

UPI फिलहाल 49.1 करोड़ यूजर्स और 6.5 करोड़ व्यापारियों को एक साथ जोड़ रहा है। इतना ही नहीं, यह एक ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर 675 बैंकों को जोड़ने की क्षमता रखता है।

डिजिटल पेमेंट से बदलती अर्थव्यवस्था

भारत की अर्थव्यवस्था अब तेजी से डिजिटल तरीके को अपना रही है। प्रेस सूचना ब्यूरो (PIB) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, देश में अब लोग कैशऔर कार्ड की बजाय डिजिटल पेमेंट को ज़्यादा पसंद कर रहे हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि लाखों यूजर और छोटे व्यापारी अब UPI का इस्तेमाल कर रहे हैं।

यह तरीका न सिर्फ सुरक्षित और कम खर्च वाला है, बल्कि इससे पैसे भेजना और लेना भी बहुत आसान हो गया है।

इस बीच UPI का दायरा अब भारत से बाहर भी तेजी से बढ़ रहा है। अब यह प्लेटफ़ॉर्म UAE, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस जैसे सात देशों में उपलब्ध है। हाल ही में फ्रांस में इसकी शुरुआत हुई, जो यूरोपीय ,मार्केट में UPI के प्रवेश का बड़ा संकेत है। इससे विदेश में रहने या घूमने वाले भारतीय अब आसानी से ट्रांजेक्शन कर पाएंगे। 

भारत BRICS देशों में UPI के इस्तेमाल को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है। अब इस ग्रुप में छह नए देश भी शामिल हो गए हैं।

डिजिटल इंडिया की मज़बूत पहचान

PIB के मुताबिक, इस तरह के विस्तार से पैसे ट्रांसफर करने का तरीका बेहतर होगा। इससे भारत की डिजिटल पहचान मजबूत होगी। अगर हम भारत की डिजिटल सफलता को देखें, तो यह सबको आर्थिक रूप से जोड़ने की एक मजबूत शुरुआत है।

जन धन योजना (Jan Dhan Yojana) देश में कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने में अहम भूमिका निभा रही है। 9 जुलाई तक इस योजना के तहत 55.83 करोड़ से ज्यादा लोग बैंकिंग सिस्टम से जुड़ चुके हैं। हर महीने और भी ज्यादा यूजर और बिजनेसमैन UPI से भुगतान कर रहे हैं। इससे साफ है कि भारत धीरे-धीरे कैशलेस इकॉनमी की ओर बढ़ रहा है।

Summary

भारत ने डिजिटल भुगतान में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। IMF की रिपोर्ट के अनुसार, UPI के ज़रिए भारत ने एक महीने में 18 अरब से ज्यादा लेनदेन किए हैं। अब यह सिस्टम 49 करोड़ यूजर्स और 6.5 करोड़ व्यापारियों को जोड़ रहा है। UPI का दायरा विदेशों तक बढ़ गया है। जन धन योजना और UPI मिलकर भारत को कैशलेस इकोनॉमी की दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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