भारत में ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में नई शुरुआत हुई है। विप्रो और इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस (IISc) के सहयोग से WIRIN (Wipro–IISc Research and Innovation Network) लॉन्च किया गया है। यह एक ड्राइवरलेस कार है, जिसे बेंगलुरु के आर.वी. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (RVCE) के साथ मिलकर तैयार किया गया है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई ड्राइवरलेस कार
X (पहले ट्विटर) पर आदर्श हेगड़े द्वारा शेयर किया गया 28 सेकंड का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो में श्री श्री 1008 सत्यात्मा तीर्थ श्रीपादांगलु कार के अंदर बैठे दिखाई दे रहे हैं। यह कार बिना ड्राइवर के RVCE कैंपस में चलती हुई नजर आई। यह वीडियो भारत की स्वदेशी ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी की बड़ी उपलब्धि को दर्शाता है।
भारत ने बनाई स्वदेशी ड्राइवरलेस कार
बता दें कि इस प्रोटोटाइप का लॉन्च 27 अक्टूबर को आरवी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में हुआ। कार्यक्रम में विप्रो के रामचंद्र बुद्धिहाल, नेराष्ट्रीय शिक्षण समिति ट्रस्ट (RSST) के अध्यक्ष एमपी श्याम और RVCE के प्रिंसिपल केएन सुब्रमण्यम मौजूद थे।
यह प्रोजेक्ट RVCE के फैकल्टी मेंबर उत्तरा कुमारी और राजा विद्या ने तैयार किया है। उन्होंने बताया कि छात्रों के साथ मिलकर छह साल रिसर्च के बाद यह मॉडल डिज़ाइन किया गया। इसका लक्ष्य एक ऑटोनोमस व्हीकल बनाना था। खासतौर पर जो व्हीकल भारतीय सड़कों के लिए उपयुक्त हो।
भारतीय सड़कों के लिए स्मार्ट सोल्यूशन बनेगा WIRIN
Wipro-IISc रिसर्च और इनोवेशन नेटवर्क (WIRIN) की शुरुआत 2019 में हुई थी। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स, 5G, विज़ुअल कंप्यूटिंग और V2X संचार जैसी नई एडवांस्ड टेक्नोलॉजी पर काम किया जा रहा है। WIRIN का मुख्य लक्ष्य ऐसे ऑटोमेटिक सिस्टम बनाना है। जो भारतीय सड़कों की समस्याओं से निपटने में सक्षम हो।
इसमें गड्ढे, ट्रैफिक और एनिमल क्रॉसिंग जैसी समस्याएं शामिल हैं। जो भारतीय सड़कों पर अक्सर देखने को मिलती हैं।
बताते चलें कि IISc और विप्रो की यह साझेदारी भारत में स्मार्ट मोबिलिटी को नई दिशा दे रही है। इस से देश में ऑटोनोमस टेक्नोलॉजी और मजबूत हो रही है। विप्रो की नेविगेशन, सिमुलेशन और 5G तकनीक अब IISc के रिसर्च महत्वपूर्ण योगदान निभा रही है। ऐसे में ये दोनों प्लेटफार्म मिलकर नए और बेहतर सोल्यूशन बना रहे हैं।
Summary:
भारत ने WIRIN प्रोजेक्ट से ड्राइवरलेस कार तकनीक में बड़ी सफलता हासिल की है। यह कार विप्रो, IISc और RV कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग ने मिलकर डिज़ाइन कि है। छह साल की मेहनत के बाद यह प्रोजेक्ट तैयार हुआ। इस प्रोजेक्ट में खासतौर पर AI, रोबोटिक्स और 5G जैसी भारतीय टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है। इसका उद्देश्य भारतीय सड़कों और स्मार्ट मोबिलिटी के लिए सेल्फ ड्राइविंग व्हीकल बनाना है।
