Shein की वापसी से भी क्यों नहीं चमका Reliance Ecommerce? जानिए 3 अहम कारण


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

May 29, 2025


एक समय का हिट फैशन ब्रांड शीन ने एक भारत में वापसी की है। रिलायंस के जरिए शीन में फैशन मार्केट में एक बार फिर एंट्री की है। ऐसे में लोगों को उम्मीद थी कि यह एक फिर से कमाल दिखाएगा। लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। एक समय GenZ की पसंदीदा रही शीन अब संघर्ष कर रही है। भारत के फैशन ई-कॉमर्स बाजार में कम्पटीशन बहुत तेज है। फरवरी 2025 में लॉन्च हुए शीन ऐप के डाउनलोड तेजी से घटे हैं। यहां तक की यूजर्स की दिलचस्पी भी कम हो गई है।

रिलायंस ने शीन की ग्लोबल टेक्नोलॉजी को भारत के बड़े बाजार से जोड़ने की कोशिश की। उम्मीद थी कि कंपनी तेजी से बढ़ेगी और अच्छा मुनाफा कमाएगी।

लेकिन अब हालात बदले हुए नजर आ रहे हैं। काम में कमी, इन्वेंट्री की कमी और ट्रेंड को समय पर न समझना भारी पड़ रहा है।अब शीन की वापसी पर सवाल उठने लगे हैं। 

आइये जानते है क्या है वह 3 बड़े कारण? जिनकी वजह से रिलायंस-शीन की पार्टनरशिप  सफलता हासिल नहीं कर पाई-

1. भीड़ में देर से एंट्री, असर नहीं दिखा पाई शीन

पांच साल के बैन के बाद शीन ने रिलायंस के साथ भारत में वापसी की। फरवरी 2025 में इसका नया ऐप लॉन्च हुआ। लेकिन GenZ का ध्यान खींचने में यह नाकाम रहा। लॉन्च के बाद ऐप डाउनलोड्स में तेज़ गिरावट आई। 

अप्रैल तक ये घटकर सिर्फ़ 3,311 प्रतिदिन रह गए। कभी युवाओं की पसंद रही शीन अब कहीं खो गई है। भारतीय फैशन मार्केट पहले से ही बड़े बड़े खिलाड़ी मौजूद है। Amazon, Flipkart, Myntra और Urbanic जैसे बड़े नाम मार्केट में हैं। ऐसे में देर से आना शीन को भारी पड़ रहा है।

2. इन्वेंट्री की कमी और धीमी रफ्तार ने बढ़ाई मुश्किलें

ग्लोबल लेवल पर Shein पर हमेशा लाखों प्रोडक्ट्स मौजूद रहते हैं। लेकिन अप्रैल 2025 तक Shein India के पास मात्र 12,000 प्रोडक्ट्स थे। ऐसे में रिलायंस ने लोकल सोर्सिंग और प्रोडक्शन पर ज्यादा ध्यान दिया। ये कदम सही साबित हुआ। हालांकि इससे कुछ चीज़ें धीमी हो गई। 

देखा जाए तो, छोटे ब्रांड्स जैसे Littlebox ट्रेंड्स के साथ बहुत जल्दी एडजस्ट कर लेते हैं। लेकिन रिलायंस जैसे बड़े ब्रांड में बदलाव इतना आसान नहीं है। फास्ट फैशन में इंडस्ट्री में  रफ्तार बहुत ज़रूरी है। यहां वो कमी साफ़ तौर पर दिखी। यही वजह है कि Shein India उम्मीद के अनुसार ग्रो नहीं कर पाया।

3. एग्जीक्यूशन में कमी ने AI को किया कमजोर

शीन की ग्लोबल सफलता का राज़ है- उनका AI बेस्ड डिमांड प्रिडिक्शन और स्मार्ट मैन्युफैक्चरिंग। रिलायंस के पास जियो, जियोमार्ट और कंटेंट प्लेटफॉर्म से भारी मात्रा में डेटा है। पर सवाल ये है कि क्या वे इसे सही तरीके से इस्तेमाल कर पा रहे हैं या नहीं। इस बीच कस्टमर्स भी महंगे दाम और सीमित विकल्प को लेकर शिकयटी कर रहे है। ये साफ दिखाता है कि शीन के AI बेस्ड  दावे,  यूज़र एक्सपीरियंस से मेल नहीं खाते। यहां टेक की कोई कमी नहीं है। लेकिन उसे ठीक से लागू करना अभी बाकी है।

SUMMARY

रिलायंस को उम्मीद थी कि शीन की ब्रांड और तकनीक से उसकी ई-कॉमर्स योजना सफल होगी। लेकिन असली हालात इससे काफी अलग हैं। फ़ास्ट फैशन में  Shein को तेजी से प्रोडक्ट लॉन्च करने होंगे। साथ ही कस्टमर बेस को भी समझना होगा। तब शीन इंडिया युवा ग्राहकों तक पहुंचने में कामयाब रहेगी। फिलहाल रिलायंस रिटेल की ग्रोथ धीमी हो रही है। अब इस पार्टनरशिप को बचाने के लिए सिर्फ नाम ही काफी नहीं है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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