प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लंदन यात्रा के दौरान भारत और ब्रिटेन के बीच एक ऐतिहासिक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) हुआ है। इस एग्रीमेंट से भारत में व्हिस्की और जिन जैसी प्रीमियम ब्रिटिश स्पिरिट्स की कीमतों में बड़ी कमी आने की उम्मीद है। इस फैसले के तहत ब्रिटिश स्पिरिट्स पर इम्पोर्ट ड्यूटी तुरंत 150% से घटाकर 75% किया जाएगा।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह फैसला भारतीय बाजार में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। अब तक भारी टैक्स के चलते कई प्रीमियम विदेशी ब्रांड आम भारतीय उपभोक्ता की पहुंच से बाहर थे। हालांकि इस कदम से हाई-एंड जिन और व्हिस्की जैसी स्पिरिट्स अब ज़्यादा किफायती होंगी।

क्या सच में सस्ती होगी Whisky? जानिए संभावित कीमत
सरकार भले ही सेंट्रल इम्पोर्ट ड्यूटी में कटौती कर रही हो, लेकिन ज़्यादातर टैक्स राज्य सरकारों द्वारा लगाए जाते हैं। एक्साइज ड्यूटी, वैट और सेस जैसे टैक्स अभी भी पहले जैसे ही रहेंगे। विशेषज्ञों के मुताबिक, इसका मतलब यह है कि फाइनल रिटेल प्राइस में बहुत ज़्यादा कमी की उम्मीद नहीं है।
उदाहरण के लिए, दिल्ली में ₹5,000 वाली इम्पोर्टेड स्कॉच की बॉटल की पुरानी और संभावित नई कीमतों का सिम्पल ब्रेकडाउन नीचे दिया गया है।
| कैटेगरी | अभी (150%) | FTA के बाद (75%) | 10 साल बाद (40%) |
| बेस प्राइस (आयात) | ₹1,000 | ₹1,000 | ₹1,000 |
| इम्पोर्ट ड्यूटी | ₹1,500 | ₹750 | ₹400 |
| टोटल (स्टेट टैक्स से पहले) | ₹2,500 | ₹1,750 | ₹1,400 |
| स्टेट टैक्स + रिटेलर मार्जिन | ₹2,500 | ₹2,500 | ₹2,500 |
| फाइनल प्राइस (एमआरपी) | ₹5,000 | ₹4,250 | ₹3,900 |
| सेविंग टू कस्टमर | — | ₹750 | ₹1,100 |
हालांकि, रियल वर्ल्ड सिचुएशन में स्टेट गवर्नमेंट्स अपना टैक्स बढ़ा सकती हैं। इसके अलावा, रिटेलर भी अपना मार्कअप बढ़ा सकते हैं। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि असली बचत बहुत कम होगी। कई राज्यों में यह केवल ₹100 से ₹300 तक सीमित रह सकती है।
खुशी के साथ सतर्कता की भी जरूरत, इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स
भारतीय अंतर्राष्ट्रीय स्पिरिट्स और वाइन संघ (ISWAI) ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इससे देश के स्पिरिट्स बाजार में प्रीमियम ब्रांडों को बढ़ावा मिलेगा। ISWAI के मुताबिक, यह कदम फॉरेन इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा देगा। साथ ही, हॉस्पिटैलिटी, टूरिज्म और रिटेल सेक्टर को भी फायदा होगा।
स्टेट्स के लिए भी यह अच्छा होगा क्योंकि प्रोडक्शन बढ़ने से उनकी आमदनी में इजाफा होगा। ISWAI के CEO संजीत पाधी ने इसे ‘ हिस्टोरिक मोमेंट’ बताया। उनका कहना है कि इससे प्रीमियम स्पिरिट्स अब ज्यादा लोगों तक पहुंच सकेंगी। हालांकि, इंडस्ट्री ने सतर्क रहने की सलाह दी है ताकि इस मौके का भरपूर फायदा उठाया जा सके।
क्या कीमतों में कमी से बदलेगा कस्टमर बिहेवियर?
कीमतें ज्यादा नहीं गिरेंगी, लेकिन इसका असर बड़ा हो सकता है। इम्पोर्ट ड्यूटी कम होने से बाजार में एक नया संदेश जाएगा। यह दिखाएगा कि इम्पोर्टेड ऐल्कोहॉलअब सिर्फ अमीरों की चीज़ नहीं, बल्कि आम लोगों के लिए भी सुलभ हो रही है। इस बदलाव से खास तौर पर इन जगहों पर डिमांड बढ़ने की उम्मीद है-
- अर्बन मिडिल क्लास
- टैक्स-फ्री शॉपिंग जोन
- प्रीमियम होटल और बार
Summary
विदेशी शराब पसंद करने वालों के लिए अच्छी खबर है। भारत और ब्रिटेन के बीच हुए समझौते से स्कॉच जैसी प्रीमियम शराब आने वाले समय में सस्ती हो सकती है। अभी कीमतों में ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन आगे चलकर राहत मिल सकती है। जैसे-जैसे टैक्स कम होगा, कंपनियां छोटे पैक और बेहतर दाम में प्रोडक्ट लॉन्च कर सकती हैं।
