द प्रिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह सामने आया है कि पंजाब, गुजरात और हरियाणा के विद्यार्थी, जो कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, उन्हें वीज़ा आवेदनों में रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि इन देशों के साथ-साथ UK जैसे देशों में भी सख्त नियम हैं जिनके लिए कुछ भारतीय राज्यों में छात्रों को कड़ी जांच का सामना करना पड़ रहा है।

भारत में ऑस्ट्रेलियाई उच्चायोग ने द प्रिंट को बताया कि नियमों के पीछे का विचार “मामलों की अधिक जांच” करना था। साथ ही इस पुरे घटनाक्रम पर नज़र रखने वाले एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारतीय इमिग्रेंट्स इस प्रणाली से बचने के लिए छात्र वीजा का उपयोग कर रहे हैं।
फ्रॉड वीजा में बढ़ोतरी है बड़ी वजह
द प्रिंट ने जिन कई शिक्षा और आव्रजन सलाहकारों से बात की, वे मानते हैं कि ये बदलाव COVID-19 महामारी के बाद नेट माइग्रेशन के आंकड़ों में बढ़ोतरी और वीजा धोखाधड़ी के बढ़ते मामलों के कारण हुआ हैं।
विदेशी देश या विश्वविद्यालय छात्र वीजा आवेदकों के रिजेक्शन से जुड़ी कोई भी जानकारी साझा नहीं करती हैं। हालांकि, अमेरिकी इमिग्रेशन फर्म EB5 BRICS के प्रमुख विवेक टंडन के अनुसार, कनाडा में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के इच्छुक पंजाब और हरियाणा के छात्रों के बीच उच्च अस्वीकृति दर का एक पैटर्न नज़र आ रहा हैं। वहीं, ऑस्ट्रेलिया ने कुछ समय पहले गुजरात के साथ-साथ पंजाब व हरियाणा के छात्रों पर बैन लगाया था।
IELTS परीक्षा में हो रही धोखाधड़ी
मुंबई स्थित FRR Forex के निदेशक देव मेहता ने द प्रिंट से बात करते हुए बताया कि IELTS परीक्षा में प्रॉक्सी और जाली मार्कशीट का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा “ छात्रों में विदेश जाने की एक्ससाइटमेंट इतनी अधिक है कि वह कुछ भी करने को तैयार हैं।” मेहता ने कहा कि विदेशी देशों का अधिक ध्यान इस बात पर है कि आवेदक द्वारा चुना गया विश्वविद्यालय और पाठ्यक्रम उनके करियर से मेल खाते हैं या नहीं।
ऐसे में, पंजाब के आवेदनों पर कनाडा और ऑस्ट्रेलिया बारीकी से जांच कर रहे हैं, जबकि आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के आवेदनों पर भी अधिक अनुकूल विचार किए जाने की उम्मीद है।
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SUMMARY
पंजाब, गुजरात और हरियाणा के छात्रों को वीज़ा रिजेक्शन का सामना करना पड़ रहा है, जो कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में उच्च शिक्षा के आवेदन के लिए इच्छुक है। इसका कारण इन देशों में वीज़ा नियमों की सख्ती और धोखाधड़ी के बढ़ते मामले हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इन राज्यों के आवेदनों की गहराई से जांच की जा रही है, जबकि अन्य राज्यों के लिए प्रक्रिया में अधिक सहूलियत हो सकती है।
