रेल यात्रियों के लिए एक बड़ी राहत भरी खबर सामने आ सकती है। दरअसल सरकार वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों के किराए को और अधिक किफायती बनाने पर विचार कर रही है। अपनी स्पीड, अत्याधुनिक सुविधाओं और आरामदायक यात्रा के लिए जानी जाने वाली ये सेमी-हाई-स्पीड ट्रेनें देशभर के प्रमुख शहरों को जोड़ने में अहम भूमिका निभा रही हैं।
बता दें, 31 मार्च 2025 तक देशभर में कुल 136 वंदे भारत ट्रेन शुरू की जा चुकी हैं, जिनकी ओवरऑल ऑक्यूपेंसी दर 100 प्रतिशत से भी अधिक रही है। हालांकि, बाकी ट्रेन के मुकाबले अधिक किराए के चलते लोअर और मिडिल इनकम ग्रुप के कई यात्री अब भी इस आधुनिक ट्रेन सेवा का लाभ नहीं उठा पा रहे हैं। ऐसे में रेलवे और सरकार इस अंतर को कम करने के लिए वंदे भारत ट्रेनों के किराए को अधिक किफायती बनाने पर विचार कर रही है।

वंदे भारत किराए में कटौती पर विचार कर रही है सरकार
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों की अफॉर्डेबिलिटी को लेकर संसद में हाल ही में बहस देखने को मिली। कांग्रेस सांसद रकीबुल हुसैन ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से इन ट्रेनों के किराए में कटौती को लेकर सवाल किया। रिपोर्ट्स के अनुसार, सरकार वर्तमान में सब्सिडी और टियर-प्राइसिंग जैसे ऑप्शंस पर विचार कर रही है, जिसके तहत यात्रियों से उनकी इनकम के अनुसार किराया लिया जा सकता है।
हालांकि, इस दिशा में कदम उठाना आसान नहीं होगा। वंदे भारत जैसी एडवांस्ड ट्रेनों के ऑपरेशन में प्रतिदिन ₹5 से ₹8 लाख तक का खर्च आता है, जिसमें ₹2–3 लाख एनर्जी पर, ₹1–1.5 लाख मेंटेनेंस पर और ₹0.5–1 लाख स्टाफ सैलरी पर खर्च होता है। इसके अलावा खानपान, सफाई और अन्य सेवाओं की कॉस्ट अलग है। ऐसे में किराए में कटौती करना सरकार के लिए एक चुनौतीपूर्ण फैसला हो सकता है।
वंदे भारत एक्सप्रेस की बढ़ती लोक्रप्रियता
बताते चलें की वंदे भारत एक्सप्रेस, जिसे ट्रेन 18 के नाम से भी जाना जाता है का उद्घाटन फरवरी 2019 में हुआ था। चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में मेक इन इंडिया पहल के तहत बनी यह ट्रेन अत्याधिक लोकप्रिय है। इस अत्याधुनिक ट्रेन में ऑटोमैटिक दरवाजे, आरामदायक रिक्लाइनिंग सीटें, ऑनबोर्ड वाई-फाई कनेक्टिविटी और बायो-वैक्यूम टॉयलेट जैसे एडवांस्ड फीचर्स शामिल हैं। इसके अलावा, यह 160 km/h तक की रफ्तार से दौड़ने में सक्षम है।
ऐसे में अगर टिकट प्राइस को थोड़ा कम कर दिया जाए, तो आने वाले समय में लोग कार की जगह ट्रेन से चलना पसंद करेंगे, जिससे प्रदूषण कम होगा और पर्यावरण को भी लाभ मिलेगा।
हालांकि इस बारे में सरकार या इंडियन रेलवे के हवाले से अभी तक कोई ऑफिशियल स्टेटमेंट जारी नहीं किया गया है, लेकिन बातचीत से साफ है कि आगे चलकर कुछ बदलाव हो सकते हैं। कोविड के बाद जहां दुनिया भर में जहां अफ्फोर्डेबिलिटी महत्वपूर्ण है, ऐसे में वंदे भारत ट्रेन एक आदर्श उदाहरण बन सकती है।
___________________________________________________________
SUMMARY
सरकार वंदे भारत एक्सप्रेस के किराए को किफायती बनाने पर विचार कर रही है, ताकि ज्यादा लोग इसका लाभ उठा सकें। हालांकि, हाई ऑपरेशन कॉस्ट के चलते किराया कम करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। फिलहाल सरकार सब्सिडी और टियर-प्राइसिंग जैसे ऑप्शंस पर विचार कर रही है। वंदे भारत ट्रेनें अपनी स्पीड और सुविधाओं के कारण अत्यधिक लोकप्रिय हैं और पर्यावरण को भी लाभ दे सकती हैं। साथ ही कोविड के बाद आधुनिक, किफायती पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में भारत के प्रयासों को मजबूती मिल सकती है।
