हाल ही में हैदराबाद स्थित अमेरिकी कांसुलेट में एक अनोखा मामला सामने आया है। इस मामले में एक छात्र का F-1 वीज़ा, इंटरव्यू के दौरान तकनीकी सवालों का जवाब न दे पाने के कारण रिजेक्ट कर दिया गया।
यह मामला वीज़ा इंटरव्यू के कड़े नियम और बदलते हुए ट्रेंड की ओर संकेत करता है। खासतौर पर उन छात्रों के लिए जो टेक्निकल फील्ड में पढ़ाई के लिए अमेरिका जाना चाहते हैं।

टेक्निकल इंटरव्यू बना वीज़ा रिजेक्शन का कारण
बता दें कि 30 मई 2025 को एक भारतीय छात्र हैदराबाद स्थित अमेरिकी कांसुलेट पहुंचा था। उसका उद्देश्य इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन में Applied Data Science प्रोग्राम में एडमिशन लेना था। इंटरव्यू की शुरुआत सामान्य सवालों से हुई । जिसमें छात्र से उसकी एकेडमिक्स, यूनिवर्सिटी और ग्रेजुएशन प्रोजेक्ट के बारे में पूछा गया।
लेकिन कुछ ही देर बाद वीज़ा अधिकारी ने तकनीकी सवाल पूछना शुरू किया। ये सवाल आमतौर पर छात्र वीज़ा इंटरव्यू में नहीं पूछे जाते। छात्र घबरा गया और कुछ तकनीकी सवालों के जवाब नहीं दे पाया।
ऐसे में अधिकारी ने वीज़ा आवेदन रिजेक्ट कर दिया। इस फैसले में कई लोगों को हैरान कर दिया। आमतौर पर ऐसे इंटरव्यू ज्यादा कठिन नहीं होते, लेकिन यह मामला कुछ अलग था।
जानिए क्या है F-1 वीज़ा?
F-1 वीज़ा उन अंतरराष्ट्रीय छात्रों के लिए है, जो अमेरिका में पढ़ाई करना चाहते हैं। यह वीज़ा पूरी तरह से अमरीका में पढ़ाई के लिए इश्यू किया जाता है। F-1 वीज़ा के साथ छात्र अपने कोर्स शुरू होने से 30 दिन पहले अमेरिका आ सकते हैं।
इस दौरान छात्र कैंपस में पार्ट टाइम काम करते हैं। इसके अलावा, वे कोर्स से सम्बंधित जॉब एक्सपीरियंस भी ले सकते हैं। इसके लिए स्टूडेंट्स ऑप्शनल ट्रेनिंग प्रोग्राम (OPT) या करीकुलर प्रैक्टिकल ट्रेनिंग (CPT) के जरिए प्रोफेशनल स्किल्स बढ़ा सकते हैं।
STEM छात्रों के लिए वीज़ा प्रक्रिया में सख्ती
आपको बता दें की हैदराबाद की यह घटना अकेली मिसाल नहीं है। अमेरिका के वीज़ा इंटरव्यू में अब तकनीकी सवालों की संख्या बढ़ रही है। खासतौर पर उन छात्रों से, जो STEM यानी साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथ्स के कोर्स में एडमिशन लेना चाहते हैं।
इस रणनीति के पीछे का उद्देश्य, यह जांचना कि छात्र वाकई पढ़ाई के काबिल हैं या नहीं । साथ ही, यह भी सुनिश्चित करना है कि छात्र पढ़ाई के बहाने अमेरिका जाकर नौकरी न करने लगें।
Summary
हाल ही में हैदराबाद के अमेरिकी कांसुलेट में एक छात्र का F-1 वीज़ा रिजेक्ट कर दिया गया। यह मामला वीज़ा इंटरव्यू प्रक्रिया में बढ़ती सख्ती को दर्शाता है। इस मामले में खासकर STEM (साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग, मैथ्स) क्षेत्र के छात्रों के छात्र शामिल है। ऐसे में अब केवल एकेडमिक योग्यता ही नहीं, बल्कि विषय की गहरी समझ भी वीज़ा पाने के लिए जरूरी है। अमेरिका इस प्रक्रिया को स्ट्रिक्ट कर रहा है ताकि वीज़ा का गलत इस्तेमाल न हो।
