UPI प्रयोग करने वालों के लिए बड़ी खबर सामने आई है। अगर आप भी पिछले कुछ समय से अपने इनएक्टिव फोन नंबर से UPI ट्रांजेक्शन कर रहे है, तो अपने मोबाइल ओपेरटर से इसे तुरंत एक्टिव कराएं। अगर ऐसा नहीं करते है, तो UPI से पेमेंट करने में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

दरअसल 1 अप्रैल से, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा एक नया कदम उठाया जा रहा है, जिसके तहत उन UPI ID को हटा दिया जाएगा, जो इनएक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ी हैं। ऐसे में इसका सीधा असर उन यूजर्स पर होगा, जिनका बैंक या UPI अकाउंट किसी पुराने या बंद नंबर लिंक्ड है।
इनएक्टिव नंबर को अनलिंक करेगा NPCI
यदि आसान शब्दों में समझा जाए तो, जो लोग मोबाइल भुगतान के लिए GPay, PhonePe और UPI ऐप का उपयोग करते हैं, वे अब अपने इनएक्टिव या पुनः असाइन किए गए मोबाइल नंबर का उपयोग करके ट्रांजेक्शन पूरा नहीं कर पाएंगे। NPCI ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि कुछ इनएक्टिव मोबाइल नंबर, बैंकिंग व UPI सिस्टम में टेक्निकल प्रॉब्लम्स को बढ़ा रहे हैं।
इसके अलावा, यह कदम साइबर फ्रॉड और अनऑर्थराइज्ड ट्रांजैक्शन को कम करने में भी मदद करेगा। यह आमतौर पर तब होता है जब आप किसी ऐसे UPI अकाउंट का इस्तेमाल कर रहे होते हैं, जिसका मोबाइल नंबर बंद होने के बावजूद भी टेलीकॉम कंपनियां द्वारा किसी और यूजर को अलॉट कर दिया जाता हैं।
इसलिए NPCI ने बैंकों और मेजर UPI प्लेटफॉर्म्स को कहा है कि वो इस हफ्ते इनएक्टिव नंबर की पहचान करें और उन्हें अपने सिस्टम से हटा दें। इसका मतलब ये है कि अगर आपका नंबर काफी समय से एक्टिव नहीं है, तो वो बैंक रिकॉर्ड से अपने आप हटा दिया जाएगा।
NPCI के नए नियम का आप पर असर?
अगर आप भी NPCI की इस नई पॉलिसी को लेकर कंफ्यूज है। तो आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं। मान लीजिए, आपने हाल ही में नया मोबाइल नंबर लिया है, लेकिन आपका बैंक अकाउंट अभी भी पुराना नंबर ही लिंक्ड या रजिस्टर्ड है। तो ऐसी स्थिति में, आपको इस अकाउंट से ट्रांजेक्शन करने में परेशानी आ सकती है।
यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि इन नए नियम का असर उन लोगों पर भी होगा, जो अभी तक अपने बंद हो चुके या किसी और को अलॉट चुके मोबाइल नंबर से UPI इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही, अगर आपने अपना सिम बंद कर दिया है लेकिन बैंक में नंबर अपडेट नहीं किया है, तो भी आपको परेशानी हो सकती है।
इस समस्या से कैसे बचे?
इस परेशानी से बचने के लिए पेमेंट अथॉरिटी ने सुझाव दिया है कि यूज़र्स को सबसे पहले मोबाइल नंबर चेक करना चाहिए, खासकर अगर वे किसी पुराने या बिना इस्तेमाल वाले बैंक अकाउंट से लिंक्ड हैं। अगर ऐसा है, तो जल्द से जल्द इसे एक्टिव कर लें ताकि यह अनलिंक न हो जाए।
इसके अलावा, ऐसे यूजर्स जिनका पुराना नंबर बंद हो चुका है या काफी समय से एक्टिव नहीं है, तो उसे तुरंत अपडेट करें। ध्यान रखें की 1अप्रैल से पहले नया नंबर रजिस्टर करना ज़रूरी है ताकि भविष्य में बैंकिंग सर्विस में आने वाली असुविधा से बचा जा सके।
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SUMMARY
अगर आपका बैंक खाता किसी पुराने या बंद मोबाइल नंबर से जुड़ा है, तो 1 अप्रैल से आपकी UPI ID डिलीट हो सकती है। NPCI ने निर्णय लिया है कि इनएक्टिव और री-असाइन किए गए मोबाइल नंबरों से जुड़ी UPI IDs को हटा दिया जाएगा। इसका उद्देश्य साइबर फ्रॉड रोकना और बैंकिंग सिस्टम को सुरक्षित बनाना है।
