ब्रिटेन की नई गृह सचिव शबाना महमूद ने जिम्मेदारी संभालते ही एक महत्वपूर्ण बयान जारी किया है। अपने इस स्टेटमेंट में उन्होंने कहा की जो देश अपने नागरिकों को वापस लेने में मदद नहीं करेंगे, उनके वीज़ा रोके जाएंगे या सीमित कर दिए जाएंगे। दरअसल यह बयान उन्होंने अमेरिका की गृह सुरक्षा मंत्री क्रिस्टी नोएम (Kristi Noem) से मुलाकात के बाद दिया। क्रिस्टी नोएम ने अमेरिका में गैरकानूनी प्रवासियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।ऐसे में अब ब्रिटेन भी इन्हीं पॉलिसी को अपनाने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।

भारत, पाकिस्तान और नाइजीरिया पर ब्रिटेन की नजर
ब्रिटेन के अधिकारियों ने कहा है कि भारत, पाकिस्तान और नाइजीरिया जैसे देश अपने लोगों को वापस लेने में ठीक से मदद नहीं कर रहे हैं। ये देश वापसी समझौते में सबसे ज़्यादा परेशानी खड़ी कर रहे हैं। इस मामले में ब्रिटेन का एक इंटेलिजेंस ग्रुप ‘Five Eyes’ भी अब ऐसे देशों पर दबाव बनाने की तैयारी में है। यह ग्रुप चाहता है कि जो देश सहयोग नहीं करें, उन पर सख्त कार्रवाई की जाए।
अधिकारियों के मुताबिक, भारत ने 2021 में एक समझौता किया था। लेकिन इसके बावजूद, वह जरूरी ट्रेवल डाक्यूमेंट्स जारी नहीं कर रहा है। देखा जाए तो अब ब्रिटेन ऐसे मामलों में कड़ा रुख अपनाना चाहता है।
कितने भारतीय प्रभावित हो सकते हैं?
बता दें कि ब्रिटेन में जिन लोगों ने वीज़ा अवधि से ज्यादा वक्त तक रहना तय किया है, उनमें सबसे ज्यादा भारतीय हैं। 2020 में 20,706 भारतीय ऐसे पाए गए है। जिसके बाद भारत ने 2024 में 7,395 अपने नागरिकों को वापस बुलाया। यह संख्या किसी भी दूसरे देश से सबसे ज्यादा है। हालांकि ब्रिटेन के अधिकारी कहते हैं कि भारत में जरूरी ट्रेवल डाक्यूमेंट्स बनाने में देरी होती रहती है।
इसके अलावा, पाकिस्तान ने कई बार दोषी पाए गए लोगों को वापस लेने से मना कर दिया है। नाइजीरिया भी ऐसे देशों में है, जहां लोग तय समय से ज्यादा रह जाते हैं।
ब्रिटेन-भारत रिलेशनशिप में तनाव
ब्रिटेन की नई इमीग्रेशन नीति ने भारत के साथ रिश्तों में तनाव बढ़ा दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच दूरियां बढ़ा सकता है। भारत लंबे समय से विशेष वीज़ा सुविधाओं की मांग कर रहा है। ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के डॉ. पीटर वॉल्श ने कहा कि भारत इस पॉलिसी को नकारात्मक रूप से देखता है। ऐसे में लंदन अपने सबसे बड़े वीज़ा यूजर देश के साथ रिश्तों को कमजोर कर सकता है।
इस मामले पर गृह सचिव महमूद ने साफ कहा है कि या तो अच्छा काम करो, या फिर चले जाओ। इस साल माइग्रेशन में 37% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ गया है। लेकिन सवाल यह है कि स्ट्रिक्ट वीजा रिस्ट्रिक्शन सहयोग को बढ़ावा देंगी या डिप्लोमेटिक रिलेशन को और बढ़ाएंगी। इसका जवाब तो वक्त ही देगा।
Summary:
ब्रिटेन की नई गृह सचिव शबाना महमूद ने कुछ देशों के वीज़ा रोकने या सीमित करने की बात कही है। खासतौर पर जो अपने नागरिकों को वापस लेने में सहयोग नहीं करते। भारत, पाकिस्तान और नाइजीरिया इस मामले में रडार पर हैं। भारत के साथ ब्रिटेन के रिश्तों में नई इमीग्रेशन पॉलिसी से तनाव बढ़ा है। इस साल प्रवासन में 37% की बढ़ोतरी हुई है, जिससे सरकार पर दबाव बढ़ा है।
