राष्ट्रपति ट्रम्प के आदेश के बाद H1B Visa की मंज़ूरी में लगेगा अधिक समय, जानिए क्या है कारण?


Mohul Ghosh

Mohul Ghosh

Mar 30, 2025


20 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति Donald Trump द्वारा हस्ताक्षरित कार्यकारी आदेश 14161 के बाद, US वीजा रिन्यूअल की प्रक्रिया में भारतीय यात्रियों के लिए नई परेशानियां सामने आ रही हैं। इस प्रोसेस के चलते अब उन्हें सख्त एलिजिबिलिटी स्टैण्डर्ड और लॉन्ग प्रोसेसिंग पीरियड का सामना करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, वीज़ा इंटरव्यू वेवर (ड्रॉपबॉक्स) की पात्रता अवधि को 48 महीने से घटाकर सिर्फ 12 महीने कर दिया गया है। ऐसे में इसका प्रभाव विशेष रूप से H-1B और B1/B2 वीज़ा होल्डर्स पर पड़ेगा।

आइए जानते हैं कि आखिर ये एक्सेक्यूटिव आर्डर (Executive Order 14161) क्या है और इससे संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रावधान कौन से हैं।

Executive Order 14161 के तहत मुख्य परिवर्तन

नए आदेश, जिसका शीर्षक है “विदेशी आतंकवादियों और अन्य राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा खतरों से संयुक्त राज्य अमेरिका की सुरक्षा करना” (Protecting the United States from Foreign Terrorists and Other National Security and Public Safety Threats) में निम्नलिखित अनिवार्यताएँ हैं-

  • Visa आवेदकों के लिए कड़ी जाँच और स्क्रीनिंग प्रक्रियाएँ लागू की जाएंगी।
  • सिक्योरिटी रिस्क के आधार पर Visa प्रोग्राम की पूरी समीक्षा की जाएगी।
  • हाई रिस्क वाले देशों की पहचान की जाएगी, जिन पर संभावित प्रवेश प्रतिबंध लग सकते हैं।
  • वीजा रिन्यूअल के लिए ड्रॉपबॉक्स पात्रता को 48 महीने से घटाकर 12 महीने किया जाएगा।

यह नीतिगत बदलाव ट्रम्प प्रशासन के द्वारा निर्धारित चेकिंग स्टैण्डर्ड को फिर से लागू करता है, जिसके अनुसार वीज़ा आवेदकों को अब 1 से ज्यादा बार पर्सनल इंटरव्यू के लिए उपस्थित होना होगा।

भारतीय ट्रैवेलर्स पर प्रभाव

  • 12 महीने के ड्रॉपबॉक्स नियम के चलते अधिक आवेदकों को अब पर्सनल इंटरव्यू  के लिए उपस्थित होना पड़ेगा।
  • US वीज़ा अपॉइंटमेंट के लिए वेटिंग टाइम  में वृद्धि, जो कोविड के बाद पहले ही 400+ दिन हो चुका था।
  • H-1B और B1/B2 वीज़ा होल्डर्स के लिए कड़ी जांच, जिसके कारण प्रोफ़ेशनल और टूरिस्ट के लिए अनिश्चितता बढ़ सकती है।

भारत-अमेरिका रिलेशनशिप पर प्रभाव

बताते चलें की 2023 में, 1.76 मिलियन से अधिक भारतीयों ने अमेरिका की यात्रा की है। यह आकड़ा 2019 में 1.47 मिलियन की तुलना में कहीं अधिक है। ऐसे में इस रिकॉर्ड के साथ, भारत अब अमेरिका में इंटरनेशनल विजिटर का दूसरा सबसे बड़ा सोर्स बन चुका है। इस बीच, वीज़ा प्रोसेस में बढ़ती देरी और कड़े नियम के चलते दोनों देशों के बीच ट्रेवल और बिजनेस रिलेशनशिप पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता हैं।

विदेश मंत्री की वीज़ा प्रक्रिया तेज़ करने की अपील

इस पुरे मामले पर बात करते हुए भारतीय विदेश मंत्री, एस. जयशंकर ने वीज़ा प्रक्रिया में तेज़ी लाने का आग्रह करते हुए कहा-

“ यदि वीज़ा प्राप्त करने में 400 दिन लगते हैं,  तो मुझे नहीं लगता कि इससे रिश्ते बेहतर होंगे।”

इस बात पर गौर करते हुए अमेरिकी विदेश विभाग (US Department of State) ने बताया कि वे 60 दिनों के भीतर वीज़ा पॉलिसी को रिव्यु करेंगे, जिससे आगे बदलाव होने की संभावना हैं।

____________________________________________________________

                                            SUMMARY

20 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति ट्रम्प द्वारा हस्ताक्षरित Executive Order 14161  के तहत, US वीज़ा रिन्यूअल प्रक्रिया में भारतीय यात्रियों को नई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वीज़ा प्रोसेस  में कड़ी जाँच, लंबी प्रतीक्षा अवधि और ड्रॉपबॉक्स एलीजीबिल्टी 12 महीने करने जैसे बदलाव हुए हैं। यह बदलाव H-1B और B1/B2 वीज़ा होल्डर्स पर असर डालेगा, जिससे भारत-अमेरिका संबंधों पर नकारात्मक प्रभाव हो सकता है।


Mohul Ghosh
Mohul Ghosh
  • 155 Posts

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

You Might Also Like

Recent Posts

Related Videos

   

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

who's online