भारत की सबसे बड़ी IT एक्सपोर्टर कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) इन दिनों अपने अब तक के सबसे बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में से एक पर काम कर रही है। TCS इस प्रोजेक्ट में 4,500 करोड़ रुपये से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट कर रही है। बता दें की कंपनी अब देश के अलग-अलग शहरों में अपनी मौजूदगी बढ़ा रही है। बेंगलुरु से लेकर कोलकाता और हैदराबाद तक, कई बड़े शहर इस लिस्ट में हैं। कंपनी टियर-2 शहरों में भी विस्तार कर रही है।

बेंगलुरु में TCS का रियल एस्टेट एक्विजिशन
भारत की तकनीकी राजधानी बेंगलुरु में टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) ने दो प्रमुख रियल एस्टेट डील्स की हैं। जिसमें शामिल है –
- कंपनी ने सत्व-दर्शिता से 2,250 करोड़ रुपये में 1.4 से 1.6 मिलियन वर्ग फीट जगह खरीदी है।
- वहीं, TRIL से 1,625 करोड़ रुपये में 3.2 मिलियन वर्ग फीट ऑफिस स्पेस लिया गया है।
माना जा रहा है कि इन डील्स से कंपनी की बैठने की क्षमता में करीब 25,000 सीटों का इजाफा होगा। इसके अलावा, TCS ने बेंगलुरु की इलेक्ट्रॉनिक सिटी में 360 डिग्री बिजनेस पार्क में 8 लाख वर्ग फीट जगह लीज पर ली है।
कोलकाता में TCS का नया विस्तार
TCS कोलकाता में अपने ऑपरेशन्स का तेजी से विस्तार कर रही है।कंपनी संचिता पार्क और बंगाल सिलिकॉन वैली हब में नई सुविधाएं विकसित कर रही है।
यह विस्तार कुल 30 एकड़ क्षेत्र में हो रहा है। इन प्रोजेक्ट्स में लगभग 16,500 कर्मचारियों के बैठने की व्यवस्था होगी। बताया गया है कि इनमें से 12,500 सीटें 2025 तक तैयार हो जाएंगी।
TCS का टियर-2 शहरों में विस्तार
इस बीच TCS ने टियर-2 शहरों में विस्तार के लिए अहम निवेश किए हैं। विशाखापत्तनम में, कंपनी ने 99 साल के लंबे पट्टे पर 21.6 एकड़ जमीन हासिल की है। कोच्चि में भी कंपनी बड़ा कदम उठा रही है। यहां कंपनी ने 690 करोड़ रुपये में किनफ्रा इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर के 37 एकड़ जमीन का एक्विजिशन किया है।
साथ ही, कोयंबटूर और हैदराबाद में भी पट्टे पर नई संपत्तियों के लिए हस्ताक्षर हो चुके हैं। ये सभी कदम दिखाते हैं कि TCS देश के प्रमुख शहरों में भी अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है।
भारत के टेक मार्केट में टीसीएस ने जताया भरोसा
टीसीएस के विस्तार को लेकर बाजार में नई हलचल है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स इसे भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था में बढ़ते भरोसे का संकेत मान रहे हैं। यह फैसला नैसकॉम की हालिया रिपोर्ट के बाद आया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घरेलू तकनीकी मांग अब निर्यात से भी तेज़ी से बढ़ रही है।
TCS अब इस बदलाव के लिए खुद को तैयार कर रहा है। कंपनी हाइब्रिड वर्क मॉडल पर फोकस कर रही है। डिलीवरी सिस्टम को और मज़बूत किया जा रहा है। साथ ही टैलेंट हब्स तक पहुंच भी तेज़ी से बढ़ाई जा रही है।
TCS की आगामी स्ट्रेटेजी
TCS ने भले ही आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा हो, लेकिन उसके एक्शन बहुत कुछ बयां करते हैं। निवेश का समय साफ दिखाता है कि कंपनी दूर की सोच रही है। भारत में डिजिटल क्रांति रफ्तार पकड़ रही है। TCS अब सिर्फ निर्यात तक सीमित नहीं रहना चाहती है। कंपनी देश की तकनीकी ज़रूरतों में भी अहम भूमिका निभाने को तैयार है। यह रणनीति साफ तौर पर भारत के भविष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है।
Summary
भारत की सबसे बड़ी IT कंपनी TCS देशभर में अपने इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज़ी से विस्तार कर रही है। कंपनी 4,500 करोड़ रुपये से अधिक इन्वेस्टमेंट के साथ बेंगलुरु, कोलकाता, हैदराबाद और टियर-2 शहरों में नए ऑफिस और टेक हब्स बना रही है। यह कदम देश की बढ़ती डिजिटल मांग को पूरा करने की दिशा में है। TCS यह साबित कर रही है कि वह भारत के IT भविष्य में भरोसा करती है और उसका हिस्सा बनना चाहती है।
