TCS Layoffs पर मचा बवाल: यूनियन का दावा 2500, कंपनी ने कहा सिर्फ 376, पढ़ें पूरा मामला


Bhawna Mishra

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Dec 19, 2025


महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण जानकारी साझा की है। यह जानकारी विधान परिषद में दी गई। सरकार के मुताबिक, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ ने ले ऑफ किया है। मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में दो क्वार्टर के दौरान यह कदम उठाया गया। माना जा रहा है कि पुणे कैंपस से कुल 376 कर्मचारियों को नौकरी से हटाया गया। ये आंकड़े कंपनी के रिकॉर्ड से लिए गए हैं।

IT सेक्टर की संभावित छंटनी पर सरकार से मांगा जवाब

हाल ही में आईटी सेक्टर से जुड़ी रिपोर्टों ने विधान परिषद का ध्यान खींचा। इस मांमले में MLC उमा खापरे, प्रवीण दारेकर और प्रसाद लाड ने सवाल उठाए। उनकी चिंता भविष्य में होने वाली संभावित छंटनी को लेकर थी।

विधायकों ने सरकार से खास तौर पर उन रिपोर्टों पर जवाब मांगा। जिनमें TCS के 30,000 कर्मचारियों की ले ऑफ का दावा किया गया था। इन रिपोर्टों में पिंपरी-चिंचवड़, पुणे, मुंबई, नागपुर और छत्रपति संभाजीनगर के बारे में बताया गया था।

लेबर मिनिस्टर आकाश फंडकर ने स्थिति साफ की। उन्होंने बताया कि 376 कर्मचारियों का आंकड़ा सीधे TCS से मिला है। यह डेटा मौजूदा फाइनेंशियल ईयर की दो क्वार्टर का है। फिलहाल पुणे कैंपस में 45,575 लोग काम कर रहे हैं।

FITE ने सरकार के आंकड़ों को दी चुनौती 

महाराष्ट्र में फोरम ऑफ आईटी एम्प्लॉई (FITE) ने सरकार के आंकड़ों को चुनौती दी है। आर्गेनाइजेशन का कहना है कि पिछले कुछ महीनों में इससे ज्यादा लोगों को नौकरी से निकाला गया है। FITE के प्रमुख पवनजीत माने ने कहा कि सरकार का डेटा गलत है। उन्होंने कहा, ‘यह 376 कर्मचारी नहीं हैं।’

उनके अनुसार, नौकरी से निकाले गए लोगों की संख्या लगभग 2,000 से 2,500 हो सकती है।

TCS के डेटा में ‘साइलेंट ले ऑफ’ गायब: FITE

FITE ने सरकार के आंकड़ों पर सवाल उठाए हैं। फोरम का कहना है कि केवल फॉर्मल टर्मिनेशन को ही गिना गया। उन कर्मचारियों को शामिल नहीं किया गया, जिन पर इस्तीफ़ा देने का दबाव बनाया गया था। जिसे ‘साइलेंट ले ऑफ’ कहा गया।

FITE प्रमुख पवनजीत माने ने TCS के दावे पर भी सवाल उठाए। कंपनी का कहना है कि 2,000 से ज़्यादा कर्मचारियों ने अपनी मर्ज़ी से नौकरी छोड़ी। माने के अनुसार, ऐसी छंटनी की जांच अलग से होनी चाहिए। यह सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज सामान्य छंटनी से अलग है।

फोरम ने कहा कि उसने राज्य सरकार को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने कथित छंटनी और जबरदस्ती दिलाए इस्तीफों की जांच की मांग की है। FITE ने पिछले फाइनेंशियल ईयर में TCS के डिविडेंड पेआउट की ओर भी ध्यान दिलाया। 

कर्मचारियों ने सरकार से ऑफिशियल जांच की मांग की

फंडकर ने काउंसिल के सामने TCS का पक्ष रखा। कंपनी का कहना था कि ले ऑफ सीमित दायरे में है। यह केवल मिडिल और सीनियर मैनेजमेंट तक है। कंपनी ने साफ किया कि इसका AI या ऑटोमेशन से कोई संबंध नहीं है। 

इससे IT कंपनियों की रिपोर्टिंग प्रक्रिया पर सवाल उठे हैं। एम्प्लॉई ग्रुप ने राज्य सरकार से जांच की मांग की है। खासकर उन मामलों में जो फॉर्मल ले ऑफ से अलग हैं।

Summary:

सरकार ने TCS में छंटनी से जुड़े आंकड़े सामने रखे। मौजूदा वित्त वर्ष के दो क्वार्टर में ले ऑफ हुआ। पुणे कैंपस से 376 कर्मचारियों को हटाया गया। यह डेटा कंपनी के रिकॉर्ड से लिया गया। लेकिन FITE ने इन आंकड़ों पर सवाल उठाए। फोरम ने साइलेंट ले ऑफ का आरोप लगाया। उनका दावा है कि 2,000 से ज्यादा कर्मचारी प्रभावित हुए। एम्प्लॉई ओर्गनइजेशन ने अब ऑफिशियल जांच की मांग की है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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