TCS के खिलाफ बड़ा एक्शन, Forced Resignation की शिकायत पर लेबर विभाग ने जारी किया नोटिस!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Nov 19, 2025


टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को पुणे के लबोर कमिश्नर से समन भेजा गया है। यह कार्रवाई कई महीनों से चल रही कथित जॉब टर्मिनेशन के बीच सामने आई है। कंपनी पर स्टाफ़ में 2% कटौती करने का आरोप है।

IT सेक्टर में अचानक बढ़ते इस्तीफों ने माहौल पहले ही तनावपूर्ण बना दिया है। ऐसे समय में देश की सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर सर्विस कंपनी पर उठते सवाल इंडस्ट्री में हलचल पैदा कर रहे हैं।

NITES ने TCS के खिलाफ शिकायत क्यों दर्ज की?

IT एम्प्लॉयीज की यूनियन NITES ने TCS के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। यूनियन ने इन मामलों को लेकर लेबर डिपार्टमेंट के पास कई शिकायतें दी। शिकायतों के बाद ही डिपार्टमेंट ने कंपनी को समन जारी किया।

NITES का कहना है कि देश के अलग-अलग सेंटर में कर्मचारियों ने कई समस्याएं बताई हैं। इसमें रिज़ाइन दिलाना, अचानक नौकरी से निकालना और लीगल ड्यूज़ होल्ड करना शामिल हैं। यूनियन का आरोप है कि कर्मचारियों को ऐसे काम दिए गए, जो उनकी प्रोफ़ाइल से बिल्कुल मेल नहीं खाते थे।

लेबर कमिश्नर की कार्रवाई पर NITES की प्रतिक्रिया

X ( पहले ट्विटर) पर दिए बयान में NITES ने अपनी प्रक्रिया स्पष्ट की है। यूनियन ने बताया किया कि उसने पहले कर्मचारियों के डॉक्यूमेंट्स की जांच की। इसके बाद ही ऑफिशियल शिकायत दर्ज कराई गई है। NITES का कहना है कि लेबर कमिश्नर की कार्रवाई बहुत महत्वपूर्ण है। एम्प्लॉयर्स को अब ड्यू प्रोसेस का पालन करना होगा। यह कानूनी रूप से अनिवार्य है। 

उन्होंने आगे कहा कि कोई भी कंपनी मौजूदा लेबर लॉ का उल्लंघन नहीं कर सकती। इस मामले में सुनवाई 18 नवंबर 2025 को तय की गई थी।


TCS और टॉप IT कंपनियों की हायरिंग ट्रेंड्स

TCS की लेटेस्ट रिपोर्ट बताती है कि भारत के IT सेक्टर में रिसेशन का खतरा बढ़ रहा है। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक, देश की टॉप छह IT कंपनियों ने Q2FY26 में कुल सिर्फ़ 952 कर्मचारियों को हायर किया गया। यह पिछले क्वार्टर की तुलना में 77% की भारी गिरावट है।

एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह गिरावट मुख्य रूप से TCS की डाउनसाइज़िंग की वजह से आई है। इसके अलावा, बाकी पांच कंपनियों ने मिलकर 20,000 से ज़्यादा कर्मचारियों को हायर किया।

भारत के IT सेक्टर में  ‘साइलेंट लेऑफ़’

एक्सपर्ट्स ने चेतावनी दी है कि IT इंडस्ट्री में ‘साइलेंट लेऑफ़’ का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहे हैं। इस साल 50,000 से ज़्यादा कर्मचारियों के निकलने की संभावना है।

कई कंपनियां एम्प्लॉयीज पर दबाव डाल रही हैं। कुछ को चुपचाप इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया जा रहा है। तो वही कुछ पर इंटरनल रोल ढूंढने का प्रेशर है।

बता दें कि 2023 और 2024 के बीच लगभग 25,000 एम्प्लॉयीज ऐसे ही एग्ज़िट हुए। इस ट्रेंड के मुताबिक, 2025 में यह संख्या दोगुनी हो सकती है। AI का बढ़ता प्रभाव और ऑटोमेशन इसके पीछे के मुख्य कारण है। 

NITES ने कर्मचारियों से न्याय के लिए आवाज़ उठाने की अपील की

NITES ने  लेऑफ़ से प्रभावित कर्मचारियों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया। यूनियन ने एम्प्लॉयीज से कहा- ‘अगर आपको गलत तरीके से नौकरी से निकाला गया है। ज़बरदस्ती इस्तीफ़ा लिया गया है। बकाया पेमेंट नहीं मिला है। या किसी भी तरह का दबाव या गलत बर्ताव हुआ है। तो आपके पास कानूनी सुरक्षा है।”

यूनियन ने कहा कि कर्मचारियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए शिकायत दर्ज करना जरूरी है। NITES ने सुनिश्चित किया कि इस मामले में वह IT और ITES से जुड़ें से कर्मचारियों की मदद करेगा।

Summary:

TCS को पुणे के लेबर कमिश्नर से समन मिला है। NITES ने शिकायत दर्ज कराई। यूनियन ने कहा कि कर्मचारियों को ज़बरदस्ती इस्तीफ़ा देने, अचानक निकालने और पेमेंट रोकने जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ा। TCS की हायरिंग कम रही है। IT सेक्टर में ‘साइलेंट लेऑफ़’ बढ़ रहे हैं। NITES ने कर्मचारियों से कहा कि वे अपने अधिकारों के लिए आगे आएं। 


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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