अमेरिका ने हाल ही में अपनी इमीग्रेशन पॉलिसी में एक अहम बदलाव किया है। इसके तहत अब स्टार्टअप फाउंडर्स को अपने H-1B वर्क वीज़ा को खुद से स्पॉन्सर करने की अनुमति दी जाएगी। यह नया नियम 2025 से लागू होगा। माना जा रहा है कि यह बदलाव अमेरिकी इमीग्रेशन सिस्टम में एक महत्वपूर्ण मोड़ लाएगा।अब विदेशी एंटरप्रेन्योर बिना नियोक्ता पर निर्भर हुए अपनी कंपनी स्थापित कर सकेंगे। इससे स्टार्टअप्स के लिए विकास की राह और भी आसान हो जाएगी।

H-1B Visa : अब स्टार्टअप फाउंडर्स खुद से करेंगे स्पॉन्सर
दरअसल पहले, H-1B वीज़ा के लिए किसी स्थापित एम्प्लॉयर को विदेशी कर्मचारी की ओर से याचिका दायर करनी पड़ती थी। लेकिन अब स्टार्टअप फाउंडर्स को खुद को स्पॉन्सर करने की छूट मिल गई है। जो फाउंडर अमेरिकी बिजनेस के कम से कम 50 % के मालिक होंगे, वे अपना वीज़ा खुद से स्पॉन्सर कर सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें सख्त नियमों का पालन करना होगा।
इस बदलाव का उद्देश्य एंटरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा देना है। इसके तहत इनोवेशन, जॉब क्रिएशन और आर्थिक अवसरों को भी बढ़ावा मिलेगा।
H-1B Visa : स्टार्टअप फाउंडर्स की योग्यता और शर्तें
1. रजिस्टर्ड कंपनी बनाएं
आपका स्टार्टअप अमेरिका में रजिस्टर्ड होना चाहिए और ऐसा बिजनेस करना चाहिए, जिसमें आमतौर पर ग्रेजुएशन डिग्री की आवश्यकता हो।
2. एम्प्लॉयर और एम्प्लॉई रिलेशनशिप
फाउंडर्स को यह दिखाना होगा कि कंपनी पर पूरा कंट्रोल सिर्फ उनके पास नहीं है। कंपनी की निगरानी बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स या इन्वेस्टर्स के ज़रिए होनी चाहिए।
3. H-1B लॉटरी में भाग लें
अधिकांश स्टार्टअप फाउंडर्स को H-1B लॉटरी के जरिए ही वीज़ा मिल सकेगा। हालांकि, रिसर्च इंस्टीटूशन्स के फाउंडर्स को इस प्रक्रिया से छूट मिल सकती है।
4. सैलरी और जॉब स्टैंडर्ड्स
कंपनी के पास आर्थिक क्षमता होनी चाहिए कि वह फाउंडर को सही सैलरी दे सके। इसके साथ ही, अमेरिकी श्रम कानूनों का पालन करना भी ज़रूरी है।
5. आवश्यक डाक्यूमेंट्स जमा करें
USCIS को सही डाक्यूमेंट्स के साथ एक पिटीशन सबमिट करनी होगी। पिटीशन में कंपनी और वीज़ा नियमों की पूरी जानकारी होनी चाहिए।
स्टार्टअप फाउंडर्स के लिए ग्रीन कार्ड का सुनहरा अवसर
बताते चलें कि फाउंडर्स अपने H-1B स्टेटस को शुरूआती तीन साल तक रख सकते हैं। यह किसी भी स्टार्टअप के लिए एक अच्छी शुरुआत होती है। अगर वे अमेरिका में अपना बिज़नेस आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो इस वीज़ा को अगले तीन सालों के लिए रिन्यू किया जा सकता है। लेकिन एक्सटेंशन के लिए, फाउंडर्स के पास अप्रूवल या I-140 इमीग्रेशन पिटीशन होना जरूरी है।
Summary:-
अमेरिका ने इमीग्रेशन पॉलिसी में बड़ा बदलाव करते हुए स्टार्टअप फाउंडर्स को H-1B वीज़ा खुद से स्पॉन्सर करने की अनुमति दी है। यह नियम 2025 से लागू होगा। अब विदेशी एंटरप्रेन्योर बिना किसी नियोक्ता के अपनी कंपनी शुरू कर सकेंगे। इसके लिए कुछ शर्तें तय की गई हैं, जैसे रजिस्टर्ड कंपनी, सैलरी स्टैंडर्ड और I-140 डॉक्युमेंटेशन। यह कदम इनोवेशन और जॉब क्रिएशन को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
