भारत में सरकार के पास होगा Starlink Satellite Internet का पूर्ण नियंत्रण? जानिए क्या है सरकार की नियम व शर्तें!


Mohul Ghosh

Mohul Ghosh

Mar 18, 2025


SpaceX, टेस्ला, Open AI जैसी कंपनियों के फाउंडर और CEO हाल ही में एक नया क्रांतिकारी प्रोजेक्ट के लेकर आये है, जिसका नाम है- स्टारलिंक। स्टारलिंक दरअसल एक सैटेलाइट बेस्ड इंटरनेट सर्विस है, जो आम इंटरनेट से काफी अलग तरीके से काम करती है। हाल ही में टेलीकॉम दिगज्ज कंपनी Jio और Airtel ने स्टरलिंक के साथ एक डील भी साइन की है। इसके बाद, भारत सरकार ने एलोन मस्क की स्टारलिंक इंटरनेट सेवा पर पूरी तरह से नियंत्रण की मांग की है।

इसके तहत स्टारलिंक को भारत में ही एक कंट्रोल सेंटर स्थापित करना होगा, ताकि राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। सरकार का कहना है कि इस कदम से कानून और व्यवस्था बनाए रखने के साथ ही, संवेदनशील इलाकों में सैटेलाइट सेवाओं को तुरंत रोकने या प्रतिबंधित करने में भी मदद मिलेगी।

स्टारलिंक को करना होगा टेलीकॉम नियमों का पालन

भारत सरकार के आदेश के अनुसार स्टारलिंक को भारत के टेलीकॉम नियमों के हिसाब से काम करना होगा, जिसके तहत लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियों को कॉल इंटरसेप्ट करने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन यह केवल ऑफिशियल चैनलों के जरिए होगा। ऐसा ही नियम पहले से ही प्रमुख टेलीकॉम कंपनी जैसे जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया जैसी कंपनियों पर भी लागू किए जा चुके है।

इस प्रोसेस को आसान और सुविधाजनक बनाने के लिए, सैटेलाइट कॉल सीधे स्पेस से रूट नहीं की जाएंगी। बल्कि, वे भारत के स्थानीय गेटवे से होकर अपने मंजिल तक पहुंचेंगी, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि भारत में होने वाली कॉल्स में सिक्योरिटी प्रोटोकॉल शामिल हैं।

भारत में क्यों ज़रूरी है स्टरलिंक कंट्रोल सेंटर?

भारत में स्थापित इस स्टरलिंक कंट्रोल सेंटर से अधिकारियों को कुछ खास कार्य करने में मदद मिलेगी। जैसे- 

सर्विस ससपेंड करना 

इस सेंटर की मदद से इमरजेंसी की स्थिति में, सरकार स्टारलिंक के US बेस्ड हेडकॉर्टर पर निर्भर हुए बिना, तुरंत कार्रवाई कर सकती है।

सुरक्षा खतरों की निगरानी

इसके साथ ही जरूरत पड़ने पर लॉ एनफोर्समेंट एजेंसी कम्युनिकेशन को ट्रैक कर सकती हैं, ताकि इस नेटवर्क से होने वाले किसी भी तरह की गलत एक्टिविटी को रोका जा सके।

टेलीकॉम कानूनों का पालन

आखिर में सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सभी टेलीकॉम कंपनियां, जिसमें सैटेलाइट फर्म भी शामिल हैं, राष्ट्रीय सुरक्षा के नियमों का पालन करें।

Jio और Airtel की स्टरलिंक के साथ पार्टनरशिप

आपको बता दें की स्टारलिंक अपने सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट सेवा को बेहतर बनाने के लिए रिलायंस जियो और एयरटेल जैसे बड़े भारतीय टेलीकॉम दिग्गज के साथ मिलकर काम करने की योजना बना रही है। 

ऐसे में इस पार्टनरशिप से स्टारलिंक को बिजनेस के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने में भी मदद मिलेगी। इतना ही नहीं, यह रेगुलेटरी से जुड़ी समस्याओं को सुलझाने में भी सहायक होगा।

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                                     SUMMARY 

एलोन मस्क ने हाल ही में अपनी सैटेलाइट-आधारित इंटरनेट सर्विस, स्टारलिंक को लॉन्च किया है। जियो और एयरटेल के साथ पार्टनरशिप के बाद, भारत सरकार ने इस पर 100% कंट्रोल की मांग की है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। सरकार के दिशा-निर्देशों के तहत, स्टारलिंक को भारतीय टेलीकॉम नियमों का पालन करना होगा। इस कदम के तहत सुरक्षा के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार आएगा।


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