जैसे ही टैक्स का सीजन आता है, लोग अपनी इनकम सेव करने में जुट जाते हैं। जहां कुछ लोग टैक्स एक्सेम्प्शन ढूंढते हैं, तो कभी कुछ सरकारी डिडक्शन का सहारा लेते हैं। लेकिन इस शोर से दूर, उत्तर-पूर्व भारत में है एक छोटा और शांत राज्य है सिक्किम। इस राज्य के लोग टैक्स नहीं देते है। उनकी कमाई पूरी तरह टैक्स फ्री होती है। ना कोई टैक्स फॉर्म, ना कोई टैक्स स्लैब की चिंता। जब देश का बड़ा हिस्सा टैक्स स्ट्रेस में होता है, तब सिक्किम के लोग चैन से रहते हैं।

सिक्किम का टैक्स मॉडल क्यों है खास?
बता दें की इस राज्य में हर साल लोग करोड़ों रुपये कमाते हैं, वो भी बिना कोई टैक्स दिए। FY25 में भी यह राज्य, टैक्स सिस्टम से अलग एक बेहतरीन उदाहरण बना हुआ है, जो सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रहा है।
गौरतलब है कि यह कर छूट अचानक नहीं मिली है, इसके पीछे गहरा ऐतिहासिक महत्व छिपा है। तो आइए इसे विस्तार से समझते हैं-
Sikkim’s Tax Exemption: इतिहास, कानून और अर्थव्यवस्था
बता दें सिक्किम को मिलने वाला यह यूनिक टैक्स एक्सेम्पशन (Sikkim Tax Exemption) 1975 से लागू है। जब सिक्किम भारत में शामिल हुआ था, तब यह विशेष प्रावधान बनाए गए थे। हालांकि, यह छूट सिर्फ सिक्किम के मूल निवासियों को मिलती है। यह एक्सेम्पशन बाहरी लोगों या बिजनेस करने वाले गैर-मूल निवासियों पर लागू नहीं होता।
सिक्किम में खास कर छूट कानूनी तौर पर मान्य है। यहां के लोग इनकम टैक्स रिटर्न फाइल तो करते हैं, लेकिन उनकी इनकम पर कोई टैक्स नहीं लगता। वह बिना टैक्स चुकाए अपनी इनकम डिक्लेयर कर सकते हैं।
यही वजह है कि सिक्किम देश के टैक्स सिस्टम में एक अलग पहचान रखता है। इस बीच सवाल यह उठता है कि राज्य अपना रेवेन्यू कहां से जेनेरेट करता है? दरअसल, सिक्किम GST, टूरिस्ट और एग्रीकल्चर से रेवेन्यू कमाता है। साथ ही, केंद्र सरकार से मिलने वाले ग्रांट्स भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
केवल स्थानीय लोगों को मिलती है टैक्स से राहत
इस बीच सिक्किम की टैक्स छूट को लेकर कई गलतफहमियां फैली हुई हैं। बहुत से लोग मानते हैं कि यह सभी निवासियों पर लागू होती है। लेकिन यह सच नहीं है। यह विशेष छूट सिर्फ मूल निवासियों को मिलती है। दरअसल सिक्किम में रहने या बिज़नेस करने वाले बाहरी लोग इस टैक्स एक्सेम्पशन के लिए एलिजिबल नहीं हैं। इस सिस्टम का उद्देश्य कुछ चुनिंदा लोगों को फायदा पहुंचना हैं।
FY25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग शुरू हो चुकी है, लेकिन सिक्किम का टैक्स-फ्री स्टेटस अब भी कायम है। जहां पूरे देश में टैक्स को लेकर चर्चा तेज़ है। वहीं सिक्किम अपनी खास पहचान बनाए हुए है। यहां रहने वाले मूल निवासी आज भी इनकम टैक्स से पूरी तरह मुक्त हैं।
Summary:
जब देशभर में इनकम टैक्स रिटर्न भरने की होड़ लगती है। वहीं भारत का सिक्किम राज्य एक अनोखा उदाहरण पेश करता है। यहां के मूल निवासी आज भी इनकम टैक्स से पूरी तरह फ्री हैं। यह टैक्स छूट 1975 से लागू है। केवल स्थानीय लोग ही इस छूट के लिए एलिजिबल है। यहां रेवेन्यू मुख्य रूप से GST, टूरिज्म, एग्रीकल्चर एवं केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी पर निर्भर करता है। सिक्किम का टैक्स मॉडल देश में एक अलग पहचान रखता है।
