भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है। हाल ही में भारतीय स्टेट बैंक (SBI) और यूरोप की फंड मैनेजमेंट कंपनी अमुंडी ने महत्वपुर्ण ऐलान किया है। दोनों कंपनियां SBI फंड्स मैनेजमेंट (SBIFM) में अपनी 10% स्टेक बेचेंगी। यह सेल इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के जरिए की जाएगी।

यह कदम एसेट मैनेजमेंट फर्म की शेयर बाजार में एंट्री संकेत है। इससे इन्वेस्टर्स को कंपनी की वैल्यू समझने में मदद मिलेगी। भारत में बढ़ते IPO माहौल के बीच यह फैसला खास महत्व रखता है।
शेयर बाजार में एंट्री के लिए तैयार SBI
SBI फंड्स मैनेजमेंट, SBI और यूरोप की अमुंडी का जॉइंट वेंचर है। यह भारत की सबसे बड़ी एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) है। कंपनी की बाजार हिस्सेदारी करीब 15% है। इतना ही नहीं, यह लगभग ₹120 बिलियन की संपत्तियों को संभालती है। यह फर्म में रिटेल और इंस्टीटूशनल दोनों तरह के इन्वेस्टर्स की मदद करती है। इसके प्रोडक्ट में म्यूचुअल फंड से लेकर पोर्टफोलियो मैनेजमेंट तक कई ऑप्शन हैं। जो इन्वेस्टर्स को अपने पैसे बढ़ाने में मदद करते हैं।
SBIFM: शेयर बिक्री और IPO 2026 की तैयारी
SBI की घोषणा के अनुसार, वह अपनी 6% हिस्सेदारी बेचने की तैयारी में है। वहीं, अमुंडी अपनी 3.7% हिस्सेदारी बेचने जा रही है। फिलहाल, SBI के पास SBIFM में 61.9% हिस्सेदारी है। इसके अलावा, अमुंडी के पास 36.4% स्टेक है। IPO 2026 में पूरा होने की संभावना है। इसके लिए एसबीआई ने इन्वेस्मेंट बैंकर्स की नियुक्ति शुरू कर दी है।
नए वैल्यूएशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। कुछ एक्सपर्ट्स के अनुसार, इस लिस्टिंग के बाद SBIFM भारत की सबसे वैल्युएबल फाइनेंशियल सर्विस कंपनी में शामिल हो जाएगी।
भारत के IPO मार्केट तेजी से उछाल
भारत के आईपीओ मार्केट में एसबीआई-अमुंडी के जॉइंट वेंचर ने सबका ध्यान खींचा है। LSEG के आंकड़ों के मुताबिक, 2025 के पहले नौ महीनों में 240 से ज्यादा कंपनियों ने 10.5 अरब डॉलर जुटाए। इससे भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा IPO मार्केट बन गया है।
टाटा कैपिटल, LG इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया और HDB फ़ाइनेंशियल जैसी बड़ी कंपनियों की लिस्टिंग से आईपीओ की कुल रकम 20 अरब डॉलर से ऊपर पहुंच गई है। यह दिखाता है कि इन्वेस्टर्स अच्छी कंपनियों में निवेश करने के लिए काफी उत्साहित हैं।
देश में निवेश के नए अवसर
इस बारे में बात करते हुए अमुंडी की सीईओ वैलेरी बॉडसन ने कहा कि यह लिस्टिंग कंपनी के लिए फायदेमंद होगी। उन्होंने कहा कि भारत का बाजार तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में भविष्य में विकास की कई संभावनाएं हैं।
SBIFM की बात करते तो FY 2025-26 के पहले छह सालों में ₹15.86 बिलियन का नेट प्रॉफिट दर्ज किया। यह पिछले साल की तुलना में 15% ज्यादा है। यह दिखाता है कि भारत में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री, रिटेल इन्वेस्टर्स और डिजिटल प्लेटफार्मों की मदद से तेजी से बढ़ रही है।
Summary:
भारतीय स्टेट बैंक और अमुंडी अपनी कंपनी एसबीआई फंड्स मैनेजमेंट में 10% हिस्सा बेचेंगे। यह बिक्री आईपीओ के ज़रिए होगी। भारत में आईपीओ का बाजार इस समय बहुत तेजी पर है। एसबीआईएफएम देश की सबसे बड़ी फंड मैनेजमेंट कंपनी है। लिस्टिंग के बाद इसकी कीमत बढ़ सकती है। इससे निवेशकों को नए मौके मिलेंगे। साथ ही यह बेहतर रिटर्न के रास्ते भी खोल सकता है।
