केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ड्राइवरों को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राइड-हेलिंग सेवा ‘सहकार टैक्सी’ की घोषणा की है। इस पहल के माध्यम से ड्राइवरों को बिना किसी मीडिएटर के अपनी पूरी कमाई रखने का अवसर मिलेगा। बता दें की यह पहल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सहकार से समृद्धि’ दृष्टिकोण के अनुरूप है।

अब ड्राइवर्स को मिलेगा डायरेक्ट प्रॉफिट
‘सहकार टैक्सी’ की बात करें तो ओला और उबर जैसे प्रमुख राइड-हेलिंग प्लेटफार्मों से अलग, इस प्लेटफार्म का संचालन पूरी तरह से कोऑपरेटिव सोसाइटी द्वारा किया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य बिचौलियों को खत्म कर ड्राइवरों को उनकी पूरी कमाई का हिस्सा देना है। ऐसे में सरकार का यह नया मॉडल ड्राइवर्स को न केवल वित्तीय स्थिरता प्रदान करेगा बल्कि रोजगार के नए मार्ग भी खोलेगा।
‘सहकार से समृद्धि’ विजन के साथ तालमेल
यह कदम सरकार की कोऑपरेटिव विकास के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुसार, सहकारिता मंत्रालय ने इस पहल को आकार देने के लिए तीन साल से भी अधिक समय दिया है।
‘सहकार टैक्सी’ का उद्देश्य एक ट्रांसपेरेंट राइड-हेलिंग इकोसिस्टम का निर्माण करना है, जिससे ड्राइवरों को अपनी इनकम और वर्किंग कंडीशंस पर पूरी तरह से कंट्रोल मिल सके।
ओला-उबर पर उठे सवाल, क्या है मामला?
पिछले कुछ समय में ओला और उबर द्वारा अपनाए गई प्राइसिंग पॉलिसी में भेदभाव को लेकर चिंता जताई गई हैं। दरअसल कुछ रिपोर्ट्स में यह आरोप लगाया गया कि यह कंपनियां iPhone और Android यूजर्स से अलग-अलग किराया वसूल कर रही हैं। इस मामले को लेकर केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने दोनों कंपनियों को नोटिस जारी किया और उनकी प्राइसिंग पॉलिसी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
इस मामले में ओला और उबर ने किसी भी प्लेटफ़ॉर्म-आधारित प्राइस डिस्क्रिमिनेशन से साफ़ इनकार कर दिया है, हालांकि इस विवाद ने कस्टमर राइट्स और फेयर ट्रेड प्रैक्टिस के बारे में व्यापक चिंताएं पैदा कर दी हैं।
ड्राइवर और ग्राहकों के लिए निष्पक्ष प्रणाली
बताते चलें की सहकार टैक्सी एक ट्रांसपेरेंट मूल्य निर्धारण मॉडल की पेशकश करता है, जिससे कस्टमर्स को निष्पक्ष और उचित विकल्प मिलेंगे। इस प्लेटफार्म को संचालित करने वाली कोऑपरेटिव सोसाइटी बिना किसी भेदभाव के उचित मूल्य तय करेंगी। इसके अलावा, ड्राइवरों को कम ऑपरेशनल कॉस्ट और अधिक वित्तीय स्वतंत्रता का भी लाभ मिलेगा।
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SUMMARY
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने “सहकार टैक्सी” की घोषणा की है, जो एक कोऑपरेटिव-आधारित राइड-हेलिंग सेवा होगी। यह ड्राइवरों को बिना किसी मीडिएटर के डायरेक्ट प्रॉफिट रखने का अवसर प्रदान करेगी। इस पहल का उद्देश्य पारदर्शी मूल्य निर्धारण मॉडल पेश करना है, जिससे उपभोक्ताओं को निष्पक्ष विकल्प मिलेंगे और ड्राइवरों को अधिक स्वतंत्रता मिलेगी।
