Robotic Pregnancy in China : क्या रोबोट दे सकेंगे बच्चों को जन्म? चीन की रिसर्च ने किया चौंकाने वाला खुलासा!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Aug 19, 2025


चीन अब जल्द ही रिप्रोडक्टिव साइंस में नई सफलता हासिल करने जा रहा है। दरअसल चीन में रिसर्चर ने एक ऐसी तकनीक पर काम शुरू किया है, जो प्रेगनेंसी प्रोसेस को रोबोटिक तरीके से दोहराने की कोशिश कर रही है। इस रोबोट के जरिए बिना मां के भी जीव का जन्म हो सकेगा। इतना ही नहीं, फ़ीटस एक आर्टिफिशियल यूट्रस में विकसित होगा। जिसमें ट्यूब के जरिए न्यूट्रिएंट्स भी पहुंचाए जाएंगे।

बता दें की यह प्रोजेक्ट नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिक डॉ. झांग किफेंग के नेतृत्व में चल रहा है। साथ ही, इसे ग्वांगझोउ स्थित काइवा टेक्नोलॉजी की रिसर्च टीम भी सहयोग दे रही है।

रोबोट का प्रोटोटाइप और लॉन्च डेट

इस प्रोजेक्ट पर बात करते हुए डॉ. झांग ने बताया कि यह टेक्नोलॉजी ‘मैच्योर स्टेज’ में पहुंच चुकी है। ऐसे में अगले फेज पर इस तकनीक को रोबोट के एब्डोमेन से जोड़ा जाएगा। जिससे यह सुनिश्चित होगा कि ह्यूमन और मशीन के बीच रियल टाइम में बातचीत हो सके। 

बताते चलें कि इस रोबोट का प्रोटोटाइप 2026 तक तैयार होने की उम्मीद है। वही इसकी कीमत करीब 100,000 युआन (लगभग 14,000 अमेरिकी डॉलर) हो सकती है।

इनफर्टिलिटी के इलाज में नई उम्मीद

यदि प्रेगनेंसी रोबोट की यह टेक्नोलॉजी सफल होती है, तो इनफर्टिलिटी से जूझ रहे कपल्स के लिए नई उम्मीद बन सकता है। दुनिया भर में लगभग 15 प्रतिशत कपल्स इस समस्या से प्रभावित हैं। यह उन लोगों के लिए भी मददगार हो सकता है, जो बायोलॉजिकल प्रेगनेंसी के लिए तैयार नहीं हैं। यह तकनीक पहले किए गए आर्टिफिशियल वॉम्ब पर आधारित है।

उदाहरण के तौर पर, 2017 में ‘बायोबैग’ प्रयोग हुआ, जिसमें समय से पहले जन्मे मेमनों को जीवित रखा गया।

नैतिक और सामाजिक चुनौतियां

जहां एक ओर यह इनोवेशन रिप्रोडक्टिव मेडिसिन में बड़ा बदलाव ला सकता है। वहीं दूसरी ओर यह कई नैतिक और सामाजिक सवाल भी उठाता है। कुछ एक्सपर्ट्स ने फ़ीटस और मां के रिश्ते, रोबोटिक प्रेगनेंसी से पैदा हुए बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य और रिप्रोडक्टिव सेल के उपयोग पर सवाल उठाए हैं। फिलहाल, डॉ. झांग की टीम इन सभी मुद्दों पर ग्वांगडोंग प्रांत (Guangdong Province) के अधिकारियों से बातचीत कर रही है।

Summary:

चीन में रिसर्चर गर्भावस्था की प्रक्रिया को रोबोटिक तरीके से दोहराने की तकनीक पर काम कर रहे हैं। इस टेक्नोलॉजी की मदद से बिना मां के भी जीव का जन्म संभव हो सकेगा। फिलहाल, डॉ. झांग किफेंग के नेतृत्व में नानयांग टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी और काइवा टेक्नोलॉजी की टीम इस प्रोजेक्ट पर काम कर रही है। यह तकनीक इनफर्टिलिटी ट्रीटमेंट में क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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