मुकेश अंबानी की Reliance Retail ने आगामी इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए अपनी तैयारी के तहत एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। दरअसल कंपनी ने अपने कर्मचारियों की संख्या में कटौती शुरू कर दी है, ताकि ऑपरेशनल एफिशिएंसी को बेहतर बनाया जा सके।

रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी फिलहाल उन क्षेत्रों की पहचान कर रही है, जहां रोल एक-दूसरे से ओवरलैप हो रहे हैं, ताकि संभावित इन्वेस्टर्स के लिए एक संक्षिप्त और ज्यादा मुनाफे वाला बिजनेस मॉडल प्रस्तुत किया जा सके।
कॉर्पोरेट भूमिकाओं में कटौती, संचालन में सुधार
रिलायंस रिटेल, जो भारत की सबसे बड़ी रिटेल कंपनी है, अब कथित तौर पर कुछ अहम अपडेट्स पर काम कर रही है। जैसे –
- गैर-ज़रूरी भूमिकाओं और टीमों में कटौती करना।
- विभिन्न बिजनेस यूनिट्स में रिसोर्सेज को बेहतर तरीके से उपयोग करना।
- IPO के दौरान बेहतर वैल्यूएशन प्राप्त करने के लिए प्रॉफिटेबिलिटी में सुधार करना।
बता दें की नौकरी में कटौती का मुख्य प्रभाव कॉर्पोरेट भूमिकाओं पर पड़ेगा, जबकि महत्वपूर्ण रिटेल ऑपरेशन और फ्रंटलाइन स्टाफ इस छंटनी कम प्रभावित होंगे।
जोरों शोरों से हो रही रिलायंस रिटेल IPO की चर्चा
रिलायंस रिटेल की बात करें तो यह IPO भारत में सबसे अधिक उम्मीदों वाला लिस्टिंग बन चुका है, और एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह देश के इतिहास में सबसे बड़े मार्केट डेब्यू में से एक होगा।
ऐसे में कंपनी के ऑपरेशंस को बेहतर बनाने और कॉस्ट कटिंग करने के पीछे यह मुख्य कारण हो सकते है-
- निवेशकों का विश्वास बढ़ाना।
- वित्तीय स्थिति को और मजबूत दिखाना।
- लिस्टिंग के दिन हाई वैल्यूएशन छंटनी करना।
रिटेल सेक्टर में रिलायंस की नई योजना
नौकरी में कटौती चुनौतीपूर्ण हो सकता है, हालांकि रिलायंस रिटेल एक लॉन्ग टर्म और सस्टेनेबल बिजनेस में खुद को स्थापित करना चाहता है। यह कदम कंपनी के रिटेल सेक्टर को स्मार्ट, कॉस्ट एफिशिएंट और प्रॉफिटेबल यूनिट बनाने की योजना को दिखाता है।
IPO के बाद, रिलायंस रिटेल द्वारा भारी इन्वेस्टमेंट किए जाने की उम्मीद है, जैसे-
- टेक्नोलॉजी इंटीग्रेशन
- ई-कॉमर्स एक्सपेंशन
- फिजिकल और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर कस्टमर एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना।
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SUMMARY
रिलायंस रिटेल ने अपने अपकमिंग IPO के लिए तैयारी के तहत कर्मचारियों की संख्या में कटौती शुरू कर दी है, ताकि ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार हो सके। कंपनी अब ओवरलैपिंग भूमिकाओं को पहचानकर एक स्मार्ट, प्रॉफिटेबल बिजनेस मॉडल प्रस्तुत करना चाहती है। इसके बाद, भारी निवेश की उम्मीद है, जैसे टेक्नोलॉजी, ई-कॉमर्स और कस्टमर एक्सपीरियंस में सुधार आदि।
