Reliance Jio अब वाई-फाई कनेक्टिविटी में करेगा 5G का उपयोग, यहां पढ़े डिटेल्स!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

May 30, 2025


रिलायंस जियो ने हाल ही में टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) से विशेष अनुरोध किया है। दरअसल जियो ने 26 GHz बैंड में स्पेक्ट्रम का उपयोग करने की मंजूरी मांगी है। इसका उद्देश्य वाई-फाई सर्विस प्रदान करना है। यह कदम टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। खास बात ये है कि यह जियो का अनुरोध जुलाई 2022 की स्पेक्ट्रम नीलामी के NIA के Clause 2.3 के तहत किया गया है। 

तो आइए जानते है कैसे स्पेक्ट्रम का उपयोग 5G के लिए नए रास्ते खोलेगा।

Jio ने 5G WiFi के लिए DoT से मांगी मंजूरी

अब यह अनिवार्य है कि ऑपरेटरों को 5G स्पेक्ट्रम का उपयोग करने के लिए DoT से मंजूरी लेनी होगी। यह नियम WiFi जैसी अन्य सेवाओं पर भी लागू है। इसके लिए, ऑपरेटरों को स्पेक्ट्रम का उपयोग शुरू करने से छह महीने पहले DoT से अप्रूवल लेना होता है।

बता दें कि यह वही बैंड है, जहां अडानी समूह ने अपनी 400 MHz की हिस्सेदारी भारती एयरटेल को बेची थी। रिपोर्ट्स के अनुसार, अडानी समूह इस बैंड का कमर्शियल उपयोग नहीं कर पाया। 

यह नियम उन बैंड्स पर लागू होता है, जहां डिवाइस और एप्लिकेशन इकोसिस्टम अभी पूरी तरह से तैयार नहीं है।अधिकारियों ने बताया कि जियो ने इस मामले में फॉर्मल रिक्वेस्ट किया है। फिलहाल इस मामले पर विचार किया जा रहा है। अब यह देखना बाकी है कि टेलीकॉम डिपार्टमेंट इस पर क्या निर्णय लेता है।

5G और WiFi का स्मार्ट हाइब्रिड मॉडल

आमतौर पर, दूरसंचार ऑपरेटर वाई-फाई ब्रॉडबैंड के लिए 5 GHz बैंड का इस्तेमाल करते हैं। वहीं, 3,300 MHz और 26 GHz बैंड 5G सर्विस के लिए तय किए गए हैं। लेकिन जियो इस बार कुछ नया करने की सोच रहा है। अधिकारियों के मुताबिक, जियो 5GHz बैंड की कवरेज को 26 GHz की हाई-स्पीड से जोड़ने का प्लान कर रहा है। इसका उद्देश्य घने शहरी इलाकों में बेहतर कनेक्टिविटी देना है।

अधिकारियों का कहना है कि इस नए दृष्टिकोण से ऑपरेटर्स को ट्रेडिशनल 5G नेटवर्क पर पूरी तरह निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।

जियो और भारती एयरटेल का बड़ा निवेश

जियो ने 24,740 MHz स्पेक्ट्रम के लिए 88,078 करोड़ रुपये का निवेश किया। इसमें 3,300 MHz बैंड के 2,200 MHz के लिए 33,740 करोड़ रुपये और 26 GHz बैंड के 22,000 MHz के लिए 6,990 करोड़ रुपये शामिल हैं।

वहीं, एयरटेल ने 19,867.8 MHz स्पेक्ट्रम के लिए 43,084 करोड़ रुपये खर्च किए। इसमें 3,300 MHz बैंड के 2,200 MHz के लिए 31,700 करोड़ रुपये का निवेश किया गया।

अधिकारियों के मुताबिक, अगर DoT जियो को यह मंजूरी देता है, तो एयरटेल भी भविष्य में ऐसा ही अनुरोध कर सकती है।

5G के लिए एक नई चुनौती और मौका

अब तक, 26 GHz बैंड को वैश्विक स्तर पर 5G के लिए निर्धारित किया गया है। लेकिन इस बैंड में बड़े पैमाने पर मोबाइल डिप्लॉयमेंट के लिए अभी तक इकोसिस्टम तैयार नहीं हो पाया है। अधिकांश बाजारों में इस बैंड के लिए लिमिटेड हैंडसेट और डिवाइस उपलब्ध हैं।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि जियो और भारती एयरटेल ने 26 GHz बैंड को खासतौर पर 5G के लिए खरीदा है। इसके साथ ही, वे स्पेक्ट्रम उपयोग शुल्क (SUC) का भी लाभ उठाना चाहते हैं। हालांकि, नए नियमों के तहत 2021 के बाद सभी स्पेक्ट्रम पर SUC माफ कर दिया गया था।

लेकिन एक खास बात यह है कि 26 GHz बैंड से एक अनोखा वित्तीय फायदा जुड़ा है। इस बैंड से होने वाली आय को पुराने स्पेक्ट्रम से अलग किया जा सकता है। इस तरह, SUC की कुल लायबिलिटी कम हो जाएगी।

Summary

रिलायंस जियो ने DoT से 26 GHz बैंड का उपयोग वाई-फाई सेवाओं के लिए मंजूरी मांगी है। यह कदम टेलीकॉम इंडस्ट्री में बड़ा बदलाव ला सकता है। जियो और भारती एयरटेल ने 5G स्पेक्ट्रम में भारी निवेश किया है। जियो का यह कदम 5G और वाई-फाई का स्मार्ट हाइब्रिड मॉडल पेश कर सकता है। जिससे भविष्य में बेहतर नेटवर्क कवरेज मिलेगी।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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