पुणे मेट्रो अब अपने दूसरे चरण में मॉडर्न टेक्नोलॉजी अपनाने जा रहे है। यह बदलाव मेट्रो लाइन 4 में होगा, जो खड़कवासला से खराड़ी तक बनेगी। पहले इस रूट पर ट्रेन में ऑपरेटर के साथ ‘अटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन’ (ATO) सिस्टम लागू करने की योजना थी। हालांकि अब मेट्रो ने बढ़ती यात्रियों की संख्या को ध्यान में रखकर पूरी तरह ड्राइवर लेस ‘अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन’ (UTO) सिस्टम अपनाने का फैसला किया है। इस नई तकनीक से मेट्रो ट्रेन न केवल तेज़ बल्कि ज्यादा सुरक्षित बनेगी।
सबसे पहले Metro Line 4 के साथ यह सिस्टम लागू किया जाएगा। जिसके बाद आने वाले समय में बाकी प्रोजेक्ट्स के लिए भी यही तकनीक अपनाई जाएगी।

पुणे मेट्रो में ड्राइवर लेस तकनीक से बनेगा स्मार्ट नेटवर्क
दिल्ली, मुंबई और चेन्नई जैसे बड़े शहरों में ड्राइवर लेस तकनीक पहले ही लागू हो चुकी है। अब पुणे मेट्रो भी इस दिशा में कदम बढ़ा रहा है। इस बारे में अधिकारियों का कहना है कि ड्राइवर लेस सिस्टम से ह्यूमन एरर कम होंगे, ट्रेन भी सही समय पर चलेंगी, जिससे पैसेंजर के एक्सपीरियंस में सुधार आएगा। बता दें कि पहले फेज में Line 1 (PCMC-स्वरगेट) और Line 2 (वनाज-रामवाड़ी) शुरुआत में ड्राइवर के साथ चलेंगी। लेकिन बाद में इन्हें भी ड्राइवर लेस सिस्टम में बदलने की योजना है।
ड्राइवर लेस मेट्रो से बेहतर होगा सफर
पुणे मेट्रो लाइन 4 के लिए एक कंसलटेंट नियुक्त किया जाएगा। यह कंसलटेंट मेट्रो रेल पॉलिसी 2020 के अनुसार रोलिंग स्टॉक, सिग्नलिंग, टेलीकॉम और सुरक्षा के लिए पूरी योजना और रिपोर्ट तैयार करेगा। पुणे मेट्रो ड्राइवर लेस तकनीक के लिए 75 मेट्रो कोच खरीदेगा। ये 25 तीन-कार ट्रेनें होंगी। इसके साथ CBTC सिग्नलिंग, पैसेंजर इनफार्मेशन स्क्रीन, CCTV कैमरे, साइबर सुरक्षा और फाइबर ऑप्टिक नेटवर्क जैसी नई तकनीकें भी लगाई जाएंगी।
ड्राइवर लेस तकनीक से नए रूट का विस्तार
Line 4 की बात करें तो इस रूट की लंबाई 31.6 किलोमीटर है, जिसमें 28 स्टेशन होंगे। इसमें माणिक बाग से नल स्टॉप तक 6.1 किलोमीटर का एक स्पर भी शामिल है। यह कॉरिडोर हडपसर, मगरपट्टा, स्वर्गेट, हिंगणे चौक, वारजे और खडकवासला से होकर गुज़रेगा। यह पुराने पुणे के मुख्य इलाकों को कवर करता है। इतना ही नहीं, Line 4 नल स्टॉप और खराड़ी पर लाइन 2 से इंटरचेंज सुविधा भी देगा।
बताते चलें कि ट्रेन सर्विस दो हिस्सों में चलेंगी। पहला रूट खडकवासला से खराड़ी तक होगा। वही दूसरा रूट नल स्टॉप से हडपसर तक होगा। ड्राइवर लेस तकनीक अपनाना पुणे मेट्रो के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव साबित होगा। अधिकारियों का कहना है कि UTO सिस्टम इंसानों से ज्यादा कुशल और भरोसेमंद है। यही वजह है कि यह शहरी मेट्रो का भविष्य है।
Summary:
पुणे मेट्रो अपने दूसरे चरण में ड्राइवर लेस तकनीक (UTO) को अपनाने जा रही है। यह बदलाव लाइन 4 (खडकवासला से खराड़ी) में होगा, जहां 75 कोच और आधुनिक सिग्नलिंग, CCTV, साइबर सुरक्षा जैसी सुविधाएं लागू होंगी। लाइन 4 कुल 31.6 किलोमीटर लंबी होगी और 28 स्टेशनों को कवर करेगी। अधिकारियों के अनुसार यह तकनीक ज्यादा सुरक्षित, भरोसेमंद और कुशल है। भविष्य में बाकी लाइनें भी इसी सिस्टम के अनुसार बदली जाएगी।
