बाइक का सफर और भी मजेदार हो जाता है, जब कोई पीछे बैठा हो। पीछे बैठे व्यक्ति से बातें करते-करते यात्रा और अधिक मनोरंजक और यादगार बन जाती हैं। हालांकि अब ऐसा करना आपके लिए एक बड़ी मुसीबत का कारण बन सकता हैं। हाल ही में, केरल राज्य में अपने पीछे बैठे यात्रियों से बातचीत करना दंडनीय अपराध माना गया हैं।

सड़क सुरक्षा में सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए, केरल मोटर वाहन विभाग (MVD) ने सख्त नए नियम पेश किए हैं। विभाग ने सभी क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) को इन नियमों को बिना किसी समझौते के लागू करने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं। हालांकि, इस नियम उल्लंघन के जुर्माने को लेकर क्या सजा दी जाएगी, इसकी अभी कोई जानकारी नहीं है।
एक्सीडेंट्स में हो सकती है बढ़ोतरी
केरल में इस नए नियम का उद्देश्य यातायात दुर्घटनाओं की संख्या को कम करना हैं। विभाग के अनुसार, ऐसी बातचीत से ड्राइवर का ध्यान भटकता है, जिससे एक्सीडेंट्स की संख्या में बढ़ोतरी हो सकती हैं। केरल में RTO को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो वाहन चालक इस नियम का पालन नहीं करेंगे, उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इस दौरान जारी कि गई रिपोर्ट में इस बात पर जोर दिया गया है कि यात्री से बातचीत के दौरान ध्यान भटकता है, जिससे रियल टाइम पर डिसीजन लेने पर प्रॉब्लम हो सकती है। साथ ही भयंकर एक्सीडेंट की भी संभावना रहती हैं।
नया नियम लागू करने का उद्देश्य
केरल में निर्देश लागू करने के पीछे का उद्देश्य सड़क और परिवहन सुरक्षा में सुधार करना है। विभाग के मुताबिक, गाड़ी चलाते समय बात करने से न केवल ड्राइवर का ध्यान सड़क से हट जाता है, बल्कि वे महत्वपूर्ण ट्रैफ़िक लाइटों, पैदल यात्रियों और अन्य बाधाओं को नज़रअंदाज़ कर सकते हैं।
इसके अलावा, ज्यादातर दोपहिया वाहन चालक बात करते समय अपना सिर पीछे रखते हैं, जिससे वाहन का संतुलन बिगड़ जाता है। जिसका परिमाण एक बड़ी दुर्घटना में तब्दील हो सकता है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि परिवहन आयुक्त, मनोज कुमार ने RTO से इस तरह के व्यवहार के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए है। हालांकि, इस नीति को कैसे लागू किया जाए, इसे लेकर अधिकारियों में फिलहाल असमंजस की स्थिति है।
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SUMMARY
केरल के मोटर वाहन विभाग ने एक नया नियम लागू किया है जिसके तहत दोपहिया वाहन चलाते समय अपने पीछे बैठे व्यक्ति से बात करना दंडनीय होगा। इस नियम को लागू करने के पीछे का उद्देश्य ध्यान भटकने के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को कम करना है। क्षेत्रीय परिवहन कार्यालयों को इस नियम को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है, जिसमें उल्लंघन करने वालों के लिए दंड भी शामिल है।
