US फार्मा कंपनी एली लिली (Eli Lilly) अब भारत में अपना कारोबार बढ़ाने की तैयारी में है। कंपनी ने भारत को अपने ग्लोबाल ऑपरेशन का अहम केंद्र बनाने की योजना बनाई है। दरअसल एली लिली ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा कि है। इसके तहत आने वाले सालों में कंपनी भारत में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का इन्वेस्टमेंट करेगी। इस निवेश से कंपनी की कॉन्ट्रेक्ट मैन्युफैक्टरिंग पार्टनरशिप मजबूत होगी।
कंपनी का लक्ष्य है कि इनोवेटिव दवाएं दुनिया भर के ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक पहुंचें। ऐसे में यह स्ट्रेटेजी भारत को फार्मा सेक्टर में और मजबूत बना सकती है।

Eli Lilly करेगी निवेश, फार्मा प्रोडक्शन पर रहेगा फोकस
बता दें कि अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिली भारत में महत्वपूर्ण निवेश करने वाली है। कंपनी का मुख्य फोकस कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग पर रहेगा। इसका मतलब है कि वह दूसरी कंपनियों के साथ मिलकर दवाओं का प्रोडक्शन बढ़ाएगी। ये निवेश दवाओं की प्रोडक्शन क्षमता को बढ़ाने में मदद करेगा। हालांकि कंपनी ने अभी यह नहीं बताया कि वह किन कंपनियों के साथ काम करेगी।
भारत को ग्लोबल हब बनाने की तैयारी में Eli Lilly
इस बारे में अधिकारियों ने कहा कि है ये एग्रीमेंट डायबिटीज़, मोटापा, अल्ज़ाइमर, कैंसर और ऑटोइम्यून जैसी बीमारियों के इलाज में मददगार साबित होगी। लिली इंटरनेशनल के एग्जीक्यूटिव वाईस प्रेसिडेंट और अध्यक्ष पैट्रिक जोंसन ने कहा कि कंपनी भारत में निवेश को लेकर भरोसे के साथ आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा ‘यह इन्वेस्टमेंट दिखाता है कि हम भारत को अपने ग्लोबल नेटवर्क में एक अहम हिस्सा मानते हैं।’
कंपनी ने 2020 से अब तक दुनियाभर में प्लांट बढ़ाने और 55 अरब डॉलर से ज़्यादा इन्वेस्ट करने की योजना बनाई है।
वेट लॉस और डायबिटीज़ की दवाओं पर फोकस
भारत में एली लिली का फोकस वेट लॉस और डायबिटीज़ से जुड़ी दवाओं पर है। कंपनी अपनी नई वज़न घटाने वाली दवा ऑर्फोर्ग्लिप्रोन के टैबलेट रूप को लॉन्च करने की तैयारी में है। यह दवा इंजेक्शन वाली मौंजारो (टिरज़ेपेटाइड) की ग्लोबल सफलता के बाद मार्केट में लाई जा रही है। भारत में मोटापा कम करने वाली मेडिसिन का मार्केट करीब ₹752 करोड़ का है। ऐसे में यह नई दवा भारत के लिए काफी अहम मानी जा रही है।
इस बीच, कंपनी ने उम्मीद जताई है कि 2025 के आखिर तक वेट कंट्रोल से जुड़ी दवा के लिए मंजूरी प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। वही 2026 के सेकंड क्वार्टर तक कई देशों में इसकी मंज़ूरी मिलने की संभावना है।
हैदराबाद में बनेगी नई फैक्ट्री और क्वालिटी सेंटर
बताते चलें कि पॉपुलर फार्मा कंपनी एली लिली हैदराबाद में नया मैन्युफैक्चरिंग यूनिट और क्वालिटी सेंटर बनाएगी। यह सेंटर नई और आधुनिक तकनीक से लैस होंगे। साथ ही, यहां अन्य फार्मा मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर्स की भी निगरानी की जाएगी। इस प्रोजेक्ट की सबसे खास बात यह है कि इससे इंजीनियर, केमिस्ट, साइंटिस्ट और क्वालिटी कंट्रोल से जुड़े प्रोफेशनल्स के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
देखा जाए तो यह कदम दिखाता है कि एली लिली भारत को दवा सप्लाई में एक जरूरी हिस्सा मानती है। भारत की स्किल्ड टीम और किफायती मैन्युफैक्चरिंग क्षमता कंपनी के लिए ताकत बन सकती सकती है।
Summary:
अमेरिकी फार्मा कंपनी एली लिली भारत में 1 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश करने जा रही है। कंपनी का उद्देश्य भारत को ग्लोबल फार्मा मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है। हैदराबाद में नया मैन्युफैक्चरिंग और क्वालिटी सेंटर खोला जाएगा। एली लिली का फोकस वेट लॉस और डायबिटीज़ की दवाओं पर रहेगा। इस कदम से ग्लोबल सप्लाई चेन मजबूत होगी और देश में युवाओं के लिए रोजगार के नए रास्ते खुलेंगे।
