New Draft Rule: 18 वर्ष से कम सोशल मीडिया यूजर्स के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Feb 04, 2025


2025 में प्रस्तावित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के तहत, बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए अब एडल्ट्स की अनुमति होना जरूरी होगी। इतना ही नहीं, माना तो यह भी जा रहा है की कड़े डेटा सुरक्षा उपाय भी लागू किए जाएंगे और नियमों का उल्लंघन करने पर ₹250 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। 

बता दें की इस विषय पर जनता की राय लेने के लिए mygov.in के माध्यम से 18 फरवरी तक प्रतिक्रिया मांगी गई है।

New Draft Rule: 18 वर्ष से कम सोशल मीडिया यूजर्स के लिए माता-पिता की सहमति अनिवार्य!

सोशल मीडिया के लिए बच्चों की सहमति

ड्राफ्ट नियमों में बच्चों के डेटा की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है, और इसके तहत यहां दी गए प्रावधानों की आवश्यकता होगी- 

वेरिफाइड कंसेंट 

किसी बच्चे को सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए एडल्ट, माता-पिता या गार्डियन की स्पष्ट सहमति आवश्यक होगी।

उचित जांच

कंपनियों को यह सुनिश्चित करने के लिए उपाय अपनाने होंगे कि सहमति देने वाला व्यक्ति एक एडल्ट हो।

ड्राफ्ट नियमों के मुख्य प्रावधान

डेटा पर कंट्रोल और ट्रांसपेरेंसी

बता दें, कई यूजर्स अपने डेटा को रिमूव करने का अनुरोध कर सकते हैं, यदि वे चाहें। इसके साथ ही यूजर्स को यह जानने का भी अधिकार होगा कि उनका डेटा क्यों कलेक्ट किया जा रहा है।

ट्रांसपेरेंसी की आवश्यकता

इसके अलावा, कंपनियों को अपने पर्सनल डेटा संचालन को पूरी तरह से स्पष्ट और पारदर्शी रूप से बताना होगा।

पेनल्टी 

साथ ही, यदि डेटा सुरक्षा नियमों का उल्लंघन होता है, तो ₹250 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।

इन परिभाषाओं को किया गया इंट्रोडस 

ई-कॉमर्स एंटिटी 

यह वह व्यक्ति है, जो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर ई-कॉमर्स संचालन करता है। हालांकि कंस्यूमर प्रोटेक्शन एक्ट 2019 के तहत परिभाषित “मार्केटप्लेस प्लेटफ़ॉर्म” का उपयोग करने वाले विक्रेताओं को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा।

सोशल मीडिया इंटरमेडियरी 

यह यूजर्स को एक-दूसरे के साथ संवाद करने और कंटेंट शेयर करने की अनुमति देता है। जो मुख्य रूप से सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के तहत आते हैं।

ऑनलाइन गेमिंग इंटरमेडियरी

यह एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म है, जो कंप्यूटर रिसोर्सेज के माध्यम से ऑनलाइन गेम खेलने की सुविधा प्रदान करते हैं।

चाइल्ड व डिसेबिलिटी सम्बंधित डेटा प्रोटेक्शन 

बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के पर्सनल डेटा को संसाधित करने के लिए कुछ कड़े नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा। इसमें सबसे पहले, माता-पिता, गार्डियन या किसी ऑथराइज्ड व्यक्ति से सहमति प्राप्त करना आवश्यक होगा। 

इसके अलावा, कंपनियों को डेटा प्रोटेक्शन सुनिश्चित करने के लिए तकनीकी और ओर्गनाइजेशनल सिक्योरिटी का पूरी तरह से पालन करना होगा।

सार्वजनिक परामर्श

बताते चलें की इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) ने 18 फरवरी, 2025 तक mygov.in के माध्यम से सार्वजनिक प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए ड्राफ्ट जारी किया है। माना जा रहा है की जब यह ड्राफ्ट पूरी तरह से लागू होगा, तो डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर डेटा की सुरक्षा और जिम्मेदारी को निश्चित तौर पर मजबूत करेगा।

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                                      SUMMARY

2025 में प्रस्तावित डिजिटल पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन नियमों के तहत, बच्चों के सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए एडल्ट्स की सहमति जरूरी होगी। कंपनियों को डेटा सुरक्षा के कड़े उपाय अपनाने होंगे और नियम उल्लंघन पर ₹250 करोड़ तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इस पर 18 फरवरी तक जनता से राय ली जा रही है। इसके अलावा, बच्चों और विकलांग व्यक्तियों के डेटा की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाएगी।


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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