हाल ही में महाराष्ट्र की ‘लाड़की बहन योजना’ (Ladki Bahin Yojana) में बड़ा घोटाला सामने आया है। इस योजना के तहत हर महीने ₹1,500 की मदद पाने वाली महिलाओं की सूची में 14,000 से ज़्यादा पुरुषों के नाम जुड़ गए। सरकारी रिकार्ड्स के मुताबिक, 14,298 पुरुषों ने करीब 10 महीनों तक यह पैसा लिया, जिससे राज्य को ₹21.44 करोड़ का नुकसान हुआ। दरअसल ‘लाड़की बहन योजना’ महायुति गठबंधन की एक प्रमुख योजना रही है, जिसने विधानसभा चुनावों में उसे बड़ा राजनीतिक फायदा दिलाया।

दरअसल इस योजना का लाभ 21 से 65 वर्ष की निम्न-आय वर्ग की महिलाओं को मिलना था। इस मामले ने सरकारी व्यवस्था और निगरानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
14,000 से ज्यादा पुरुषों ने किया फर्जीवाड़ा
पिछले साल जून में शुरू की गई लाडकी बहिन योजना एक बार फिर विवादों में है। यह योजना पहले से ही राज्य के खजाने पर भारी बोझ को लेकर चर्चा में रही है। अब इसमें बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। राज्य के महिला और बाल विकास विभाग ने हाल ही में की गई जांच में पाया कि 14,298 पुरुषों ने खुद को महिला बताकर योजना का फायदा उठाया। ऐसे में इन सभी अकाउंट्स में अब पेमेंट रोक दिया गया है।
बता दे कि इस योजना के तहत राज्य सरकार हर महीने 24.1 मिलियन महिलाओं को ₹1,500 की आर्थिक सहायता देती है। इसके लिए सरकार को हर माह ₹3,700 करोड़ का खर्च उठाना पड़ता है।
राज्य को ₹1,640 करोड़ का नुकसान
इस रिपोर्ट में एक और चौकानें वाला खुलासा है। राज्य सरकार को इस धोखाधड़ी के चलते भारी नुकसान उठाना पड़ा है। पिछले 12 महीनों में लाखों अयोग्य लाभार्थियों को भुगतान किया गया। जिसके चलते करीब ₹1,640 करोड़ का नुकसान हुआ है।बताते चलें की फरवरी में महिला एवं बाल विकास विभाग ने कार्रवाई शुरू की थी। जांच के बाद लगभग 5 लाख लाभार्थियों को योजना से बाहर कर दिया गया। इनमें 1.62 लाख महिलाएं थीं जिनके परिवारों के पास कार थी। वही 2.87 लाख लाभार्थी 65 साल से ज्यादा उम्र के थे।
इतना ही नहीं, जांच में और भी कई गड़बड़ी सामने आई। लाड़की बहन योजना में कई परिवारों की तीसरी महिला सदस्य को भी भुगतान किया गया। जबकि नियमों के मुताबिक, एक परिवार से सिर्फ दो महिलाओं को ही योजना का लाभ मिल सकता है। कुछ लाभार्थियों ने फर्जी तरीके से रजिस्ट्रेशन भी कराया था। ऐसे में अब डिपार्टमेंट ने मामलों की छानबीन तेज कर दी है।
ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन ने बढे फर्जी मामलें
महिला और बाल विकास विभाग के अफसरों ने इस मामले में कुछ अहम बातें बताई हैं। उनका मानना है कि अपात्र लाभार्थियों की संख्या हैरान करने वाली है। अधिकारियों के मुताबिक, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा का कुछ लोगों ने गलत फायदा उठाया। धोखेबाज़ों ने आसानी से योजना में नाम जुड़वा लिया है। इस मामले पर बात एक अधिकारी ने कहा, ‘आवेदकों की फिजिकल वेरिफिकेशन ज़रूरी है।’ उन्होंने बताया कि अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की मदद भी ली जाएगी।
ऐसे में योजना का लाभ सिर्फ उन्हीं महिलाओं को मिलेगा, जिनकी पारिवारिक आय ₹2.5 लाख सालाना से कम है।
फर्जी लाभ लेने वालों पर कड़ी कार्रवाई
जांच के दौरान महिला और बाल विकास विभाग ने कई सरकारी विभागों से जानकारी मांगी थी। रिपोर्ट में सामने आया कि 26.34 लाख अयोग्य लोगों ने लाड़की बहन योजना का लाभ उठाया। इन सभी के भुगतान अब रोक दिए गए हैं। महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिति तटकरे ने इस पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में कलेक्टर स्तर पर जांच की जाएगी।
लाड़की बहन योजना के तहत 14,000 से ज़्यादा पुरुषों के लाभ पाने की खबर पर राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने सख्त रुख अपनाया है। पवार ने बताया कि जिन पुरुषों ने योजना का फायदा उठाया है, उनसे राशि वसूल की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी है की अगर उन्होंने सहयोग नहीं किया, तो सरकार उनके खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
Summary
महाराष्ट्र की ‘लाड़की बहन योजना’ में बड़ा घोटाला सामने आया है। 14,000 से अधिक पुरुषों ने फर्जी तरीके से योजना का लाभ उठाकर ₹21.44 करोड़ की धनराशि हासिल की। विभाग की जांच में पाया गया कि कुल 26.34 लाख अपात्र लाभार्थियों को भुगतान हुआ, जिससे राज्य को ₹1,640 करोड़ का नुकसान हुआ। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन में कमी के कारण धोखाधड़ी बढ़ी। सरकार ने सभी फर्जी लाभार्थियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्णय लिया है।
