महाराष्ट्र सरकार ने 21 मई, 2025 को एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए गवर्नमेंट रेसोलुशन (Government resolution) जारी किया है। इसके तहत सरकार ने ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब सर्विसिंग के लिए नई एग्रीगेटर पॉलिसी लागू की है। इस पालिसी का उद्देश्य राइड-हेलिंग सेक्टर को ज़िम्मेदार और पारदर्शी बनाना है। इसमें फेयर, कैंसलेशन, सर्विस क्वालिटी और ड्राइवर ट्रेनिंग के लिए सख्त नियम तय किए गए हैं।

अब आखिरी समय पर नहीं होगा कैंसलेशन
बता दें अंतिम समय में कैंसलेशन रोकने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। राइड एक्सेप्ट करने के बाद अगर ड्राइवर कैंसिल करते हैं, तो उन पर ₹100 या फेयर का 10% पेनल्टी (जो भी कम हो) लगेगी। यह अमाउंट राइडर के अकाउंट में ट्रांसफर हो जाएगा।
अगर राइडर बिना किसी वैध कारण के कैंसिल करते हैं, तो उन्हें ₹50 या किराए का 5% (जो भी कम हो) का भुगतान करना होगा। यह राशि ड्राइवर को दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य कैंसलेशन को कम करना और विश्वसनीयता बढ़ाना है।
सर्ज प्राइसिंग और डिस्काउंट लिमिट तय की गई
इस नई पॉलिसी (New Cancellation Policy) में कस्टमर्स को एक्सप्लॉइटीव प्राइस से बचाने का ध्यान रखा गया है। बेस फेयर, नियमित टैक्सी और ऑटो के लिए, RTA द्वारा तय की गई रेट के अनुसार होगी। पीक टाइम में, बेस फेयर का 1.5 गुना तक सर्ज प्राइसिंग तक की लिमिट तय की गई है।
वही कम डिमांड के दौरान, डिस्काउंट 25% तक सीमित रहेगा। 3 km से कम की सवारी के लिए न्यूनतम किराया लागू होगा। 3 किमी से छोटी राइड पर मिनिमम किराया तय किया गया है। वही ड्राइवर को हर राइड से कम से कम 80% फेयर निश्चित तौर पर दिया जाएगा।
अब सफर होगा और भी सेफ और प्रोफेशनल
इस पहल के तहत यात्रा को सुरक्षित और बेहतर बनाने के लिए कुछ नए नियम लागू हुए हैं। अब बुकिंग सिर्फ उसी ऐप या वेबसाइट से होगी जो राज्य के टेक और सिक्योरिटी स्टैंडर्ड पर खरी उतरेगी। ड्राइवर और राइडर, दोनों की शिकायतों के लिए एक असरदार सोल्यूशन सिस्टम जरूरी होगा। ड्राइवरों को अब मान्यता प्राप्त इंस्टीटूशन से ट्रेनिंग लेना अनिवार्य है। इसका उद्देश्य सर्विस क्वालिटी और सिक्योरिटी को बेहतर बनाना है।
यात्रियों और ड्राइवरों के लिए क्या होंगे बदलाव ?
देखा जाए महाराष्ट्र सरकार के इस निर्णय से यात्रियों के लिए मतलब है सही फेयर मिलेगा। राइड कैंसिल करने की शिकायतें भी कम होंगी। वही ऐप बेहतर कंस्यूमर सर्विस को भी सपोर्ट करेगा। इसके अलावा, ड्राइवरों के लिए नियम कड़े होंगे। हालांकि पैसेंजर के साथ बेहतर ट्रांसपेरेंसी सुनिश्चित होगी। साथ ही ड्राइवरों की कमाई भी आसान और स्पष्ट होगी।
यह एग्रीगेटर पॉलिसी ऐप- दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण बन सकती है। इसका मुख्य फोकस ट्रांसपेरेंसी, निष्पक्षता और सुरक्षा को बढ़ावा देना है। महाराष्ट्र का उद्देश्य है कि तकनीक का सही इस्तेमाल करके यात्रियों और ड्राइवरों दोनों की मदद की जाए।
Summary
महाराष्ट्र सरकार ने 21 मई 2025 को नई एग्रीगेटर पॉलिसी लागू की है। यह ओला, उबर और रैपिडो जैसी कैब सेवाओं के लिए है। इसमें कैंसलेशन पर पेनल्टी चार्ज की जाएगी। इसके तहत सर्ज प्राइसिंग की लिमिट भी तय की गई है। अब से ड्राइवरों के लिए ट्रेनिंग जरूरी होगी। शिकायत निवारण का सिस्टम भी होगा। इसका मकसद यात्रा को सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है। यह पॉलिसी अन्य राज्यों के लिए बेहतरीन उदाहरण साबित होगी।
