हाल ही में, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने Ola इलेक्ट्रिक को हैदराबाद निवासी सुनील चौधरी को उनके Ola S1 Pro इलेक्ट्रिक स्कूटर में खराब बैटरी के कारण 1.73 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। इस निर्णय का उद्देश्य भारत के बढ़ते EV बाजार में कंस्यूमर प्रोटेक्शन है, जिसमें 1.63 लाख रुपये की वापसी, संकट के लिए मुआवजा और अगस्त 2023 से 12% ब्याज दर शामिल हैं।

क्या है शिखायत के पीछे के कारण?`
बता दें की जून 2023 में, चौधरी ने 1.63 लाख रुपये में Ola S1 Pro खरीदा, जिसमें 6,299 रुपये की वारंटी शामिल थी। शुरू से ही, ईवी का बैटरी चार्जर खराब था, जो उम्मीद के मुताबिक काम नहीं कर रहा था। बाद में ओला इलेक्ट्रिक ने 10 दिन देरी से चार्जर बदल दिया, हालांकि इसके बाद भी यह समस्या बनी रही।
श्री चौधरी ने मदद के लिए बार-बार ओला कस्टमर केयर से संपर्क किया, लेकिन शिकायत पर कंपनी की प्रतिक्रिया पर्याप्त नहीं थी। कुछ समय बाद, Ola ने आखिरकार सर्विसिंग के लिए वाहन ले लिया, लेकिन चौधरी से संपर्क करने में असमर्थ रहा, जिसके परिणामस्वरूप उन्हें अपनी EV खोनी पड़ी और कोई स्पष्ट समाधान नहीं मिला।
उपभोक्ता आयोग का Ola के खिलाफ फैसला
इस संबंध में, जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ओला इलेक्ट्रिक के कई नोटिसों का जवाब न देने का हवाला देते हुए चौधरी के पक्ष में फैसला सुनाया। इस गैर-भागीदारी के चलते, आयोग ने श्री चौधरी के दावों को “प्रामाणिक और प्रूव्ड ” माना। नतीजतन, आयोग ने ओला इलेक्ट्रिक को 1.63 लाख रुपये वापस करने, उन्हें मानसिक चिंता के लिए 10,000 रुपये की अतिरिक्त राशि और अगस्त 2023 से 12% ब्याज का भुगतान करने का आदेश जारी किया।
उपभोक्ता अधिकार और EV इंडस्ट्री पर प्रभाव
यह मामला उपभोक्ता संरक्षण के महत्व को दर्शाता है, खासकर जब इलेक्ट्रिक वाहन (EV) तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं। EV मालिक अक्सर बैटरी और चार्जर जैसी महत्वपूर्ण समस्याओं के लिए तुरंत और प्रभावी सेवा पर निर्भर होते हैं।
इस संबंध में ओला की ओर से कोई सक्रिय समर्थन नहीं मिला, जिससे कस्टमर सर्विस स्टैंडर्ड पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। ऐसे में कोर्ट के हवाले से जारी हुआ ये आदेश इस बात को स्पष्ट करता है कि कंपनियों को उपभोक्ता विश्वास बनाए रखने के लिए सेल के बाद समर्थन और समय पर प्रतिक्रिया को प्राथमिकता देनी चाहिए।
EV निर्माता कंपनी की आफ्टर सेल सर्विस
जैसे-जैसे इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का उपयोग बढ़ रहा है, निर्माताओं और सेवा प्रदाताओं की जिम्मेदारी भी बढ़ रही है कि वे तकनीकी समस्याओं को जल्दी हल करें। श्री चौधरी जैसे मामलों से यह स्पष्ट होता है कि इंडस्ट्री में बेहतर ग्राहक सहायता और जवाबदेही की जरूरत है। यह निर्णय उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण जीत है और सेवा के लिए मानक स्थापित करता है। ऐसे में Ola Electric के लिए यह अपने सेवा प्रोटोकॉल को सुधारने का एक महत्वपूर्ण सबक है।
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SUMMARY
जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने ओला इलेक्ट्रिक को हैदराबाद के सुनील चौधरी को 1.73 लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया। चौधरी ने जून 2023 में Ola S1 Pro खरीदी थी, लेकिन बैटरी चार्जर में खराबी के कारण कई बार शिकायत की। ओला की प्रतिक्रिया के कारण आयोग ने चौधरी के पक्ष में फैसला सुनाया और मुआवज़ा, ब्याज सहित राशि वापस करने का आदेश दिया।
