नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत के एविएशन सेक्टर में अपनी पहचान बनाने के लिए तैयार है। इस एयरपोर्ट से पहली उड़ान 17 अप्रैल, 2025 के दिन निर्धारित की गई है। इस बहुप्रतीक्षित लॉन्च से क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। ऐसे में यह नया हवाई अड्डा एक प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में काम करेगा, जो यात्रियों को बेहतर यात्रा विकल्प और अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करेगा।

यह निर्णय मंगलवार को सरकार की विशेष परियोजना नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक में लिया गया। स्विस हवाई अड्डे की दिग्गज कंपनी Zurich AG की सहायक कंपनी, यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (YIAPL) ने हवाई अड्डे के उद्घाटन के लिए प्रमुख मंजूरी के साथ एक विस्तृत टाइमलाइन प्रदान की है।
समय सीमा से पहले लॉन्च हो सकता हैं नोएडा एयरपोर्ट
नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट लिमिटेड (NIAL) ने 17 अप्रैल, 2024 तक कमर्शियल परिचालन शुरू करने की योजना लॉन्च की है। हालांकि इस एयरपोर्ट को समय से पहले शुरू करने के प्रयास चल रहे हैं। NIAL के CEO अरुण वीर सिंह ने इस समय सीमा को पूरा करने के महत्व पर जोर दिया क्योंकि किसी भी देरी से अंतरराष्ट्रीय मंजूरी और समय स्लॉट छह महीने तक पीछे हो सकती हैं।
शुरुआती स्तर पर, हवाई अड्डे को सितंबर 2023 तक 65 दैनिक उड़ानों के साथ खोलने की योजना बनाई गई थी। सिंह ने बताया कि उड़ानों की संख्या समान रहने की उम्मीद है और अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उड़ानों के लिए फिलहाल IATA और DGCA के साथ बातचीत चल रही है।
उड़ान परीक्षण व अन्य तैयारियां हुई शुरू
अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों के लिए एयरलाइंस ने पहले ही आवेदन भेज दिए हैं, हालांकि यह अप्रूवल देशों और एयरलाइनों के बीच द्विपक्षीय लाइसेंसिंग समझौते जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं पर निर्भर करेगा। अक्टूबर के मध्य में DGCA के साथ घरेलू आवंटन बैठक होंगी, जिसके तुरंत बाद स्लॉट निर्धारित किए जाएंगे। सिंह ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि लॉन्च के दिन कम से कम एक उड़ान विदेश के लिए रवाना होगी।
एयरपोर्ट्स ऑथरिटी ऑफ़ इंडिया (AAI) द्वारा संचालित उड़ान परीक्षण 30 नवंबर के लिए निर्धारित किया गया हैं। परियोजना में सी-कोड विमान शामिल होंगे और इंडिगो और अकासा एयर रनवे की तैयारी का आकलन करने और ऑपरेटिंग सिस्टम का परीक्षण करने के लिए पूरे क्रू के साथ उड़ान परीक्षण करेंगे।
बताते चलें की डायरेक्टर जनरल ऑफ सिविल एवीएशन (DGCA) ने पहले ही विभिन्न अंशांकन का निरीक्षण कर लिया है, और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) परीक्षण 4-6 अक्टूबर के लिए निर्धारित किए गए हैं। ऐसे में 10 अक्टूबर तक DGCA द्वारा एक व्यापक रनवे रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी।
DGCA के हवाले से उड़ान परीक्षणों के लिए की मंजूरी 25 नवंबर तक मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, जनवरी या फरवरी में अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 90 दिन पहले और घरेलू उड़ानों के लिए 60 दिन पहले बुकिंग खुलेंगी।
बता दें की जेवर में 1,334 हेक्टेयर में फैले इस इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पहले चरण में एक रनवे और टर्मिनल होगा, जिसे सालाना 12 मिलियन यात्रियों को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह परियोजना चार चरणों में विकसित की जाएगी और इसमें कई हब शामिल होंगे।
