महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए राज्य के सभी बॉर्डर चेकपोस्टों को 15 अप्रैल तक समाप्त करने का फैसला लिया है। यह कदम परिवहन क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक बदलाव माना जा रहा है। साथ ही इस फैसले से राज्य में कमर्शियल गतिविधियों में भी राहत मिलेगी, जिससे आर्थिक विकास में वृद्धि होगी ।

Worli में रखी गई ‘परिवहन भवन’ की आधारशिला
दरसअल रविवार को वर्ली में ‘परिवहन भवन’ के निर्माण कार्य की आधारशिला रखते हुए, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अहम घोषणा की कि 15 अप्रैल, 2025 तक राज्य की सभी बॉर्डर चेकपोस्टों को समाप्त कर दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस पहल को महाराष्ट्र और देशभर के परिवहन समुदाय के लिए ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने ट्रांसपोर्ट मंत्री प्रताप सरनाईक, राज्य मंत्री माधुरी मिशाल, ACS संजय सेठी और कमिश्नर विवेक भीमनवार को समय सीमा के भीतर पॉलिसी लागू करने का निर्देश दिया।
इसके अतिरिक्त, ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस (AIMTC) के पूर्व अध्यक्ष और सलाहकार बाल मलकीत सिंह ने बताया कि CM ने यह सुनिश्चित किया है कि राज्य सरकार BOT Project के लिए उचित कंपनसेशन भी प्रदान करेगी।
महाराष्ट्र जल्द बनेगा प्रमुख Trade Hub
सिंह ने बताया कि स्टेट चेकपोस्ट को हटा दिया जाए, तो इससे कई फायदे होंगे। उन्होंने आगे कहा कि इससे गुड्स और पैसेंजर्स की आवाजाही में कोई रुकावट नहीं आएगी, जिससे ट्रांजिट टाइम बहुत कम हो जाएगा और सप्लाई चैन की एफिशिएंसी बेहतर होगी। ऐसे में ना केवल करप्शन कम होगा, बल्कि लोगों को होने वाली परेशानियां और देरी में भी कमी आएगी।
बताते चलें की यह कदम आर्थिक विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने की दिशा में भी मील का पत्थर साबित होगा, जिससे महाराष्ट्र की स्थिति एक प्रमुख लॉजिस्टिक और ट्रेड हब के रूप में मजबूत होगी। यह पहल “One Nation, One Market” की नेशनल पॉलिसी के अनुरूप है, जो सेंट्रल गवर्नमेंट के विजन को भी सपोर्ट करती है।
साथ ही, GST, E-Way Bill, VAHAN, SARATHI और FASTag जैसे सिस्टम के जरिए डिजिटल और ट्रांसपेरेंट तरीके से टैक्स कलेक्शन सुनिश्चित किया जाता है, जिससे पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन और सरल बन जाती है।
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SUMMARY
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने 15 अप्रैल तक महाराष्ट्र के सभी बॉर्डर चेकपोस्टों को खत्म करने की घोषणा की। यह कदम परिवहन क्षेत्र के लिए ऐतिहासिक है और राज्य की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देगा। इससे गुड्स और पैसेंजर्स की आवाजाही में रुकावटें कम होंगी, करप्शन घटेगा, और महाराष्ट्र एक ट्रेड हब केंद्र के रूप में अपनी नई पहचान बनाएगा।
