बेंगलुरु में एक नई पहल की शुरुआत करते हुए जनवरी 2025 में पहला ड्राइवरलेस, AI-चालित मेट्रो रूट शुरू होने जा रहा है। यह रूट आटोमेटिक ट्रेन संचालन और यात्री सुरक्षा में सुधार के लिए लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगा, जो नम्मा मेट्रो फेज़ 2 परियोजना (Namma Metro Phase 2 project) का हिस्सा है। योजना का लक्ष्य शहरी गतिशीलता में सुधार करना, ट्रैफिक की भीड़ को कम करना और बेंगलुरु को स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सोलूशन्स में अग्रणी बनाना है।

लंबे इंतजार के बाद, बेंगलुरु के व्यस्त शहर में नम्मा मेट्रो की येलो लाइन आखिरकार लॉन्च होने जा रही है। आइए, जानते हैं इस नई मेट्रो लाइन से जुड़ी कुछ प्रमुख विशेषताएं और फीचर्स जो शहरवासियों के लिए एक नया अनुभव लेकर आएंगी।
येलो लाइन शुरू होने के लिए है तैयार
माना जा रहा है की येलो लाइन का यह प्रोजेक्ट बेंगलुरु के शहरी परिवहन ढांचे में एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आएगा । जनवरी 2025 के अंत तक चालू होने वाली नम्मा मेट्रो येलो लाइन 19.15 किमी लंबी होगी और आरवी रोड को बोम्मासंद्रा से जोड़ने में महत्वपूर्ण कदम उठाएगी। इतना ही नहीं यह नई लाइन हजारों नागरिकों के लिए तेज़ और आसान ट्रैवलिंग ऑप्शन प्रदान करेगी। बता दें की ₹5,745 करोड़ की लागत से इस प्रोजेक्ट का निर्माण किया गया है।
इससे जयदेव अस्पताल, बीटीएम लेआउट, सिल्कबोर्ड जंक्शन और इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कनेक्टिविटी में सुधार होने की उम्मीद है। साथ ही ये यह दक्षिण बेंगलुरु के इंडस्ट्रियल और आवासीय क्षेत्रों में यात्रा को अधिक सुविधाजनक और कुशल बना देगा।
येलो लाइन मेट्रो के फीचर्स
इस मेट्रो लाइन का एक प्रमुख आकर्षण जयदेव अस्पताल स्टेशन है, जो 39 मीटर की ऊंचाई पर भारत का सबसे ऊंचा मेट्रो स्टेशन बनने जा रहा है। इस प्रोजेक्ट का डिज़ाइन एक सिक्स टियर स्ट्रक्चर के रूप में है, जो येलो और पिंक लाइनों के बीच इंटरचेंज हब के रूप में कार्य करेगा। इसके अलावा, यात्रियों को एक आरामदायक यात्रा अनुभव देने के लिए यहां अंडरपास, सड़क, फ्लाईओवर, कॉनकोर्स और प्लेटफ़ॉर्म जैसी सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी।
बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के अनुसार, येलो लाइन की शुरुआत में हर 30 मिनट में तीन ट्रेनें चलाई जाएंगी, जिससे संचालन की शुरुआत सुगम और प्रभावी हो सके। इसके बाद, भविष्य में इस संख्या को बढ़ाकर 36 ट्रेनों तक किया जाएगा, जिसमें अगस्त 2025 तक 15 छह-कोच सेट शामिल होंगे।
मॉडर्न तकनीक और बेहतर सुरक्षा से लैस
येलो लाइन के कोच नवीनतम तकनीक और सुरक्षा उपायों से सुसज्जित होंगे। ये कोच अंतरराष्ट्रीय और घरेलू उत्पादन का बेहतरीन मिश्रण हैं, जिनमें से कुछ चीन में और कुछ पश्चिम बंगाल में बनाए गए हैं। आने वाले समय में, इस लाइन पर ड्राइवरलेस ट्रेनें चलाई जाएंगी, जो अत्याधुनिक सिग्नलिंग, ट्रैक्शन और ब्रेकिंग सिस्टम से लैस होंगी। साथ ही, जनवरी 2025 में रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) द्वारा एक सुरक्षा निरीक्षण किया जाएगा, ताकि मेट्रो के संचालन में सर्वोत्तम सुरक्षा और यात्री सुविधा स्टैंडर्ड का पालन सुनिश्चित किया जा सके।
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SUMMARY
बेंगलुरु में जनवरी 2025 में पहला ड्राइवरलेस, AI-चालित मेट्रो रूट लॉन्च होगा, जो नम्मा मेट्रो फेज़ 2 का हिस्सा है। 19.15 किमी लंबी येलो लाइन, ₹5,745 करोड़ की लागत से, आरवी रोड को बोम्मासंद्रा से जोड़ेगी। इसमें आधुनिक तकनीक, सुरक्षा उपाय, और प्रमुख इलाकों के बेहतर कनेक्टिविटी के साथ यात्रियों के लिए बेहतर सुविधाएं सुनिश्चित होगी।
