E-Bikes Taxi को लेकर मुंबई में विरोध प्रदर्शन, रिक्शा चालकों ने जताई नाराज़गी!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

May 24, 2025


महाराष्ट्र सरकार ने शहरी परिवहन को बेहतर बनाने का बड़ा कदम उठाया है। बता दें की राज्य ने पूरे प्रदेश में ई-बाइक टैक्सी सर्विस (E-Bike Taxi Service) को मंजूरी दे दी है। इस कदम के पीछे सरकार का उद्देश्य ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा देना है। हालांकि राज्य के ऑटो-रिक्शा यूनियनों में काफी नाराजगी देखने को मिली है। दरअसल उनका मानना है कि इससे 15 लाख से ज्यादा रिक्शा ड्राइवर्स की आजीविका प्रभावित हो सकती है।

आइए जानते हैं, क्या है यह ई-बाइक टैक्सी योजना- 

क्यों खास है ई-बाइक टैक्सी योजना?

बता दें की हाल ही में इस स्कीम (E-Bike Taxi Plan) को सरकार की मंजूरी मिली है। इसमें 15 किलोमीटर तक की पैसेंजर लिमिट की सीमा तय की गई है। ऐसे में राइडर और पीछे बैठने वाले यात्रियों के लिए हेलमेट पहनना अनिवार्य होगा। इस योजना की सबसे खास बात है – रोजगार अवसर। माना जा रहा है की ई-मोबिलिटी सेक्टर से लगभग 20,000 नए रोजगार उत्पन्न होंगे।

इस बारे में अधिकारियों ने जानकारी शेयर की हैं। उन्होंने बताया कि योजना का उद्देश्य यात्रियों को कम दूरी के लिए फास्टर ट्रेवल ऑप्शंस प्रदान करना है। साथ ही, यह एनवायरनमेंट फ्रेंडली भी होगा। खासकर मुंबई और पुणे जैसे भारी ट्रैफिक वाले शहरों में यह काफी मददगार साबित होगा।

ऑटो रिक्शा यूनियन ने जताया विरोध

कैबिनेट इस घोषणा के तुरंत बाद, मुंबई में ऑटो रिक्शा-टैक्सीमैन यूनियन ने अंधेरी RTO पर विरोध प्रदर्शन किया। यूनियन के लीडर शशांक राव ने राज्य सरकार की इस फैसले की आलोचना की। उन्होंने कहा, मौजूदा पब्लिक ट्रांसपोर्टेशन एसोसिएशन से कोई सलाह नहीं ली गई। राव ने आगे कहा, “हमें कोई परामर्श नहीं दिया गया। ई-बाइक टैक्सियां के फैसले से सरकार रिक्शा ड्राइवर और उनके परिवारों को खतरे में डाल रही हैं।”

यूनियन का कहना है कि रिक्शा ड्राइवर पहले से ही भारी आर्थिक दवाब में हैं। मेट्रो लाइन विस्तार ने उनकी मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कोविड के बाद उनकी स्थिति और खराब हो गई है। ऐसे में ई-बाइक टैक्सियों से उनके कमाई में कमी आएगी। इसके अलावा, प्राइवेट बाइक टैक्सियों में सुरक्षा और जिम्मेदारी एक चिंता का विषय है।

राज्यभर में विरोध प्रदर्शन यूनियनों ने दी चेतावनी

इस फैसले से महाराष्ट्र के कई जिलों में ऑटोरिक्शा यूनियनों ने नई नीति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आरटीओ दफ्तरों के बाहर जोरदार प्रदर्शन हुए।

प्रदर्शन कर रहे ऑटो चालकों में से एक ने अपनी चिंता जाहिर की। उन्होंने बताया की ‘प्राइवेट बाइक में कोई सुरक्षा नहीं है। वही एक अन्य ड्राइवर ने कहा,“पहले मेट्रो ने कमाई छीनी, अब ई-बाइक सब कुछ खत्म कर देंगी।”

यूनियन ने साफ तौर पर स्पष्ट किया है अगर सरकार ने बात नहीं मानी, तो विरोध प्रदर्शन किए जाएंगे।

जहां एक ओर ई-बाइक टैक्सी पॉलिसी शहरों में ग्रीन जॉब्स और बेहतर ट्रांसपोर्ट का वादा करती है। वही दूसरी ओर, ऑटो ड्राइवर्स की रोज़ी-रोटी खतरे में नजर आ रही है। ऐसे में अब सवाल ये है की क्या महाराष्ट्र सरकार बदलाव और लोगों की जरूरतों में संतुलन बना पाएगी? देखा जाए तो इसका जवाब राइड-शेयरिंग मॉडल सड़कों की कामयाबी पर ही निर्भर करेगा।

SUMMARY:-

महाराष्ट्र सरकार ने ई-बाइक टैक्सी सर्विस को मंजूरी देकर ग्रीन ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा दिया है। योजना से 20,000 रोजगार मिलने की उम्मीद है। हालांकि ऑटो यूनियनों ने इसका विरोध प्रदर्शन कर रहे है। ऑटो ड्राइवर्स का कहना है कि इससे 15 लाख ड्राइवरों की रोज़ी-रोटी खतरे में है। अब सवाल यह है कि सरकार नवाचार और आजीविका के बीच संतुलन कैसे बनाएगी।


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
  • 419 Posts

She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

You Might Also Like

Recent Posts

Related Videos

   

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

who's online