हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने न्यू एजुकेशन पॉलिसी (NEP) 2020 के तहत एक अहम कदम उठाते हुए 2025-26 से पुरे राज्य के मराठी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा के रूप में लागू करने का निर्णय लिया है। यह बदलाव 2028-29 से स्टेप-बाय-स्टेप सभी कक्षाओं में लागू किया जाएगा। सरकार का यह फैसला थ्री लैंग्वेज फार्मूला और मल्टीलिंगुअल लर्निंग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है

मराठी-अंग्रेजी स्कूलों में अब तक बस दो भाषाएं
आपको बता दें की अभी तक मराठी और अंग्रेजी मीडियम स्कूलों में स्टूडेंट्स को केवल दो भाषाएं की पढ़ाई जाती थी, जिनमें हिंदी शामिल नहीं थी। ऐसे में न्यू एजुकेशन पॉलिसी के इस अपडेट के अनुसार, इन स्कूलों में भी थ्री लैंग्वेज फार्मूला लागू किया जाएगा।
इस कदम से इन स्कूलों को अन्य संस्थानों के समान बनाया जाएगा, जहां पहले से ही अंग्रेज़ी, मराठी और हिंदी की पढ़ाई होती है।
न्यू एजुकेशन मॉडल: 5+3+3+4 की शुरुआत
बताते चलें की महाराष्ट्र अब अपन ट्रेडिशनल 10+2+3 एजुकेशन मॉडल को छोड़कर, 5+3+3+4 के नए और बेहतर मॉडल की ओर बढ़ रहा है। इस नए मॉडल के तहत एजुकेशन स्ट्रक्चर को अब चार प्रमुख स्टेज में बांटा गया है-
फाउंडेशनल स्टेज: 3 वर्ष प्री-प्राइमरी + कक्षा 1-2
प्रेपरेटरी स्टेज: कक्षा 3-5
मिडल स्टेज: कक्षा 6-8
सेकेंडरी स्टेज: कक्षा 9-12
यह स्ट्रक्चर राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के 5 मुख्य पिलर – एक्सेसिबिलिटी (सुलभता), इक्विटी (समानता), क्वालिटी (गुणवत्ता), अफोर्डेबिलिटी (सस्ती शिक्षा), और एकाउंटेबिलिटी (जवाबदेही) पर आधारित है।
टीचर ट्रेनिंग और लोकल करिकुलम की शुरुआत
स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशन रिसर्च एंड ट्रेनिंग (SCERT) और बालभारती करिकुलम डिजाइनिंग में प्रमुख भूमिका निभाएंगे। इसकी करिकुलम के मुख्य फीचर्स इस प्रकार हैं-
ब्रिज कोर्स
ट्रांजीशन को सहज बनाने के लिए।
टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम
2025 तक 80% टीचर्स को नई पेडोलॉजिकल टेक्निक और डिजिटल टूल्स की ट्रेनिंग दी जाएगी।
नई टेक्स्टबुक
कक्षा 1 की टेक्स्टबुक पहले से ही नए फॉर्मेट के तहत तैयार की जा रही हैं।
बताया जा रहा है की इन टेक्स्टबुक में अब NCERT के गाइडलाइन्स का पालन किया जाएगा और विशेष रूप से भाषाओं और सामाजिक विज्ञान में आवश्यक बदलाव किए जाएंगे।
पॉलिसी सपोर्ट SDG, मल्टीलिंगुअल इंडिया विजन
राज्य के उप सचिव, तुषार महाजन के अनुसार, यह नीति संयुक्त राष्ट्र के सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SDG) के अनुरूप है। इसका मुख्य उद्देश्य किफायती और इंक्लूसिव एजुकेशन प्रदान करना है। ऐसे में यह कहा जा सकता है की महाराष्ट्र अब मल्टीलिंगुअल आधार को मजबूत करके सभी के लिए समान और मजबूत एजुकेशन सिस्टम को बढ़ावा देने का प्रयास कर रहा है।
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SUMMARY
महाराष्ट्र सरकार ने NEP 2020 के तहत एक बड़ा कदम उठाते हुए 2025-26 से मराठी और इंग्लिश मीडियम स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने का फैसला लिया है। यह बदलाव 2028-29 तक से सभी कक्षाओं में लागू किया जाएगा। इसके साथ ही, राज्य में 5+3+3+4 शिक्षा मॉडल भी अडॉप्ट किया जाएगा, जिससे स्टेट एजुकेशन सिस्टम में अहम सुधार की उम्मीद है।
