केंद्र सरकार ने हाल ही में बिहार को एक बड़ी सौगात दी है। बता दें की जल्द ही बिहार में एक नई अमृत भारत एक्सप्रेस और नमो भारत रैपिड ट्रेन का शुभारंभ होने जा रहा है। यह अमृत भारत एक्सप्रेस ट्रेन सहरसा (बिहार) से मुंबई के लोकमान्य तिलक टर्मिनस (LTT) तक चलाई जाएगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल के दिन इस ट्रेन को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह ट्रेन विशेष तौर पर स्लीपर-क्लास यात्रियों के लिए तैयार की गई है, जिसमें पैसेंजर्स को नॉन-एसी और बेहतर सुविधाओं के साथ बजट में यात्रा का करने का अनुभव मिलेगा।

अमृत भारत एक्सप्रेस क्यों है खास?
बता दें कि यह ट्रेन चेन्नई की इंटीग्रल कोच फैक्ट्री में बनी 50 नई पुश-पुल एक्सप्रेस ट्रेनों में से एक है। खास बात ये है कि यह उन चुनिंदा तीन ट्रेनों में शामिल है, जो फिलहाल भारत में चल रही हैं। अमृत भारत एक्सप्रेस को खासतौर पर पैसेंजर्स की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए डिजाइन किया गया है। जैसे-
- ट्रेन में दोनों छोर पर इंजन हैं, ऐसे में ट्रेन दोनों तरफ से चल सकती है।
- इस ट्रेन में लोकोमोटिव रिवर्सल की आवश्यकता नहीं पड़ती, जिससे समय की बचत होती है।
- इसमें आधुनिक ट्रेन में वेस्टिबुल स्टाइल स्लीपर कोच हैं, जो यात्रियों को आरामदायक सफर प्रदान करते हैं।
- अमृत भारत एक्सप्रेस कि स्पीड की बात की जाए तो यह मैक्सिमम 130 KM प्रति घंटा तक हो सकती है।
अमृत भारत एक्सप्रेस के कुछ शानदार फीचर्स
रेलवे ने यात्रियों की सुविधा बढ़ाने के लिए अमृत भारत एक्सप्रेस के कोच में कई जरूरी बदलाव किए हैं। इन प्रमुख अपग्रेड्स में शामिल है-
- LED लाइटिंग
- CCTV सर्विलेंस
- एर्गोनोमिक लगेज रैक
- मोबाइल चार्जिंग पॉइंट
- बेहतर वेंटिलेशन
इन स्पेशल सुविधाओं का उद्देश्य खासतौर पर उन पैसेंजर्स को आरामदायक यात्रा अनुभव प्रदान करना है, जो अनरिजर्वड या स्लीपर क्लास में ट्रेवल करते हैं।
LTC से सहरसा तक जानिए पूरा रूट
अमृत भारत एक्सप्रेस के रूट की बात करें तो यह ये ट्रेन समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, दानापुर, बक्सर और दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन (पूर्व में मुगलसराय) से होकर जाती है। हालांकि, इस रूट को लेकर कुछ यात्रियों और ट्रांसपोर्ट से जुड़े लोगों ने काफी नाराज़गी जताई है।
क्या है इस विरोध के पीछे का कारण?
जहां एक ओर सरकार के इस फैसले से यात्रियों के आरामदायक यात्रा का अनुभव मिलेगा। वही दूसरी ओर कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह ट्रेन पहले से ही भीड़-भाड़ वाले मुंबई-बिहार कॉरिडोर पर है। इसमें प्रमुख अंतर-राज्यीय और दक्षिणी रूट्स को शामिल नहीं किया गया है, जहां ऐसी सेवाओं की ज्यादा जरूरत है।
पुणे के यात्री पीयूष सांगापुरकर का कहना है कि अगर अमृत भारत को कोल्हापुर-नागपुर या पुणे-अमरावती जैसे रूटों पर चलाया जाए, तो 4 से ज्यादा लोकोमोटिव रिवर्सल खत्म कर लगभग 2 घंटे का समय बचाया जा सकता है। बता दें की ये रूट बड़े शहरों और तीर्थस्थलों को जोड़ती हैं, जहां अक्सर 200% से भी अधिक ऑक्यूपेंसी देखने को मिलती हैं। हालांकि फिर भी ट्रेन सालों से पुराने ट्रैक पर ही चलाया जा रहा है।
मुंबई में ट्रेनों की भीड़ बढ़ने का खतरा
कुछ कार्यकर्ताओं का कहना है कि नई ट्रेन मुंबई के सबअर्बन नेटवर्क, खासकर कसारा, कल्याण और ठाणे के बीच यातायात में परेशानी पैदा कर सकती है। इस मामले में कार्यकर्ता अक्षय महापदी का कहना है, “अधिकारियों ने पहले भीड़-भाड़ के कारण
इंटर महाराष्ट्र सर्विस को फिर से शुरू करने से मना किया था, लेकिन अब लंबी दूरी की ट्रेनें शुरू की जा रही हैं, जो पहले से ही व्यस्त रेलवे नेटवर्क पर दबाव डाल सकती हैं।”
इसके साथ ही मुंबई से बेंगलुरु और चेन्नई तक डबल-ट्रैक वाली रेल लाइनों के बावजूद, इन रुट्स पर अमृत भारत या वंदे भारत जैसी स्लीपर सेवाएं शुरू नहीं हो पाई हैं। इस कॉरिडोर को 130 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चलाने के लिए डिज़ाइन किया गया था, हालांकि वर्तमान में इस रूट की एवरेज स्पीड केवल 56 kmph ही रह गई है। जिसके कारण यात्रा में अक्सर 22 घंटे से भी अधिक का समय लगता है।
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SUMMARY
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 24 अप्रैल को बिहार से मुंबई तक चलने वाली अमृत भारत एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाएंगे। यह ट्रेन विशेष रूप से स्लीपर क्लास यात्रियों के लिए डिजाइन की गई है, जो नॉन-एसी सुविधाओं के साथ आरामदायक यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। इसमें 130 kmph की स्पीड, सुरक्षा सुविधा, CCTV और बेहतर वेंटिलेशन जैसी सुविधाएं शामिल हैं। हालांकि, कुछ एक्टिविस्ट भारतीय रेलवे के इस निर्णय पर नाराजगी जता रहे हैं।
