मुंबई में अनधिकृत बाइक टैक्सी सेवाओं पर बड़ी कार्रवाई हुई है। दरअसल हाल ही में पुलिस ने ऐप बेस्ड राइड-हेलिंग कंपनियों रैपिडो और उबर पर धोखाधड़ी के मामले दर्ज किए हैं। यह कार्रवाई क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (RTO) की जांच के बाद की गई। अधिकारियों ने डमी राइड बुक कर नियमों के उल्लंघन की पुष्टि की। इससे साफ है कि अब बाइक टैक्सी सेवाओं की मनमानी पर रोक लगाई जाएगी।

कैसे सामने आया ये पूरा मामला ?
बता दें कि आरटीओ के कुछ अधिकारियों ने जांच के दौरान कई गड़बड़ियां पकड़ी। जांच में सामने आया कि रैपिडो और उबर जैसे ऐप बिना वैध लाइसेंस और सरकारी मंजूरी के यह सेवा चला रहे थे। इसके बाद अधिकारियों ने औपचारिक शिकायत दर्ज कराई। एफआईआर मुंबई के आज़ाद मैदान पुलिस स्टेशन में दर्ज की गई। यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 318(3) और मोटर वाहन अधिनियम के तहत दर्ज किया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब इन ऐप्स को इस तरह मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। इससे पहले अप्रैल में भी कंपनी को इसी तरह के उल्लंघनों के लिए नोटिस जारी किया गया था। परिवहन आयुक्त पहले ही अधिकारियों को निर्देश दे चुके थे कि नियमों का उल्लंघन करने वाले एग्रीगेटर्स के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जिसके चलते अधिकारियों ने तुरंत एक्शन लेते हुए यह कार्रवाई शुरू की।
कर्नाटक में पहले ही लग चुका है बैन
मुंबई से पहले कर्नाटक में बाइक टैक्सी सेवाओं पर बड़ी कार्रवाई हो चुकी है। 16 जून को कर्नाटक हाईकोर्ट के आदेश के बाद रैपिडो, उबर और ओला जैसी कंपनियों को राज्यभर में अपनी सेवाएं बंद करनी पड़ी। राज्य सरकार ने साफ कहा कि प्राइवेट दोपहिया वाहनों का इस्तेमाल कमर्शियल ट्रांसपोर्ट के लिए नहीं किया जा सकता।
इस सख्ती का असर सड़कों पर भी नजर आया। बेंगलुरु में 100 से ज्यादा बाइक जब्त की गई। कंपनियों ने सेवाओं को नए नाम या ब्रांडिंग से दोबारा शुरू करने की कोशिश की, लेकिन अधिकारी पहले से सतर्क थे। ऐसे में उन्होंने सभी सेवाओं पर प्रतिबंध लगा दिया।
बाइक टैक्सी इंडस्ट्री पर क्या होगा असर?
यह कार्रवाई दिखाती है कि नियमों को हल्के में लेना अब महंगा पड़ सकता है। बाइक टैक्सी सेवाएं सस्ती और सुविधाजनक हैं। खासकर उन शहरों में जहां ट्रैफिक एक बड़ी समस्या है। लेकिन मौजूदा नियम इन नए मॉडल्स के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे हैं।
भारत में फिलहाल बाइक टैक्सी के संचालन को लेकर कोई स्पष्ट राष्ट्रीय नीति नहीं है। ऐसे में राज्य सरकारें अपने-अपने स्तर पर कार्रवाई कर रही हैं। मुंबई और कर्नाटक जैसे राज्यों की सख्ती बाकी राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकती है। इससे देश के सभी राज्यों में बाइक टैक्सी सेवाओं के लिए नियम और सख्त किए जा सकते है।
Summary
मुंबई में रैपिडो और उबर पर हुई कार्रवाई एक बड़ा संकेत है। बिना लाइसेंस सेवाओं पर अब सख्त नजर रखी जा रही है। इससे पहले कर्नाटक में भी ऐसी सेवाओं पर रोक लग चुकी है। फिलहाल देश में बाइक टैक्सी को लेकर कोई स्पष्ट नीति नहीं है, जिससे कंपनियों को कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। शहरी परिवहन बदल रहा है, लेकिन नियम अभी भी कही न कही पीछे हैं। जब तक पॉलिसी और इनोवेशन के बीच संतुलन नहीं बनता, ऐसे टकराव और बढ़ सकते हैं।
