मल्टीप्लेक्स में पानी, कॉफी और स्नैक्स की आसमान छूती कीमतों पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है।अदालत ने कहा कि इस तरह की कीमतें दर्शकों को मल्टीप्लेक्स से दूर कर सकती हैं। यह टिप्पणी जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने की।

दरअसल बेंच उस मामले की सुनवाई कर रही थी, जिसमें कर्नाटक हाई कोर्ट ने राज्य सरकार के ₹200 टिकट कैप वाले फैसले पर रोक लगाई थी। आइए समझते है क्या है यह पूरा मामला-
पॉपकॉर्न, कीमतें और मल्टीप्लेक्स का विवाद
सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी कि अगर मल्टीप्लेक्स इतनी हाई प्राइस वसुल करते रहे, तो हॉल खाली हो जाएंगे। जस्टिस विक्रम नाथ ने कहा, ‘पानी की बोतल 100 रुपये, कॉफी 700 रुपये…’ इस पर मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन के मुकुल रोहतगी ने मजाकिया अंदाज में कहा, ‘ताज कॉफी के लिए 1000 रुपये, इसे कौन रोक सकता है?’
अदालत ने इसे मैटर ऑफ चॉइस बताया। लेकिन कहा कि दर्शकों का ध्यान रखना भी जरूरी है।
सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स महंगाई पर उठाई चिंता
अदालत ने कहा कि सिनेमा हॉल की लोकप्रियता गिर रही है। ‘लोगों के आने के लिए कीमतें और अधिक उचित बनाएं। नहीं तो हॉल खाली हो जाएंगे,” न्यायमूर्ति नाथ ने कहा। इस पर मुकुल रोहतगी ने मजाक में कहा, ‘इसे खाली ही रहने दो। लोग सामान्य मल्टीप्लेक्स में जा सकते हैं। आप सिर्फ यहीं क्यों आना चाहते हैं?’
जस्टिस नाथ ने तुरंत जवाब दिया, ”सामान्य मल्टीप्लेक्स तो बचे ही नहीं हैं।’
हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की राय
सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स में वसूली जा रही अत्यधिक कीमतों की आलोचना की। वही अदालत ने ₹200 कैप के निर्णय को सपोर्ट किया । इतना ही नहीं, आइडेंटिटी ट्रैक करने के निर्देश पर भी रोक लगा दी।
कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि मल्टीप्लेक्स प्रत्येक टिकट का रिकॉर्ड रखें। यह रिकॉर्ड खरीदार की पहचान तक पहुंचने में सक्षम होना चाहिए। यह नियम डिजिटल और ऑफलाइन दोनों तरह की खरीद के लिए लागू था। अदालत ने कहा था कि ऐसा करने से आवश्यक होने पर रिफंड प्रोसेस आसान होगा।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस नाथ ने कहा, ‘हम ₹200 की कैप से सहमत हैं।” इस विषय पर बात करते हुए सीनियर कॉउंसल मुकुल रोहतगी ने फिर कहा, ‘यह पूरी तरह व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
टिकटिंग अब पूरी तरह ऑनलाइन, रोहतगी
रोहतगी ने आगे बताया बताया कि ग्राहकों की पहचान से जुड़ी जानकारी जुटाना आसान नहीं है। उन्होंने कहा कि अधिकतर टिकट अब BookMyShow जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से खरीदे जाते हैं। लाइव लॉ के अनुसार, रोहतगी ने कहा, जज मानते हैं कि टिकट मुख्य रूप से काउंटर से बेचे जाते हैं। लेकिन अब ज्यादातर टिकट ऑनलाइन ही मिलते हैं।”
उन्होंने बात जारी रखते हुए कहा कि इन ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के पास ही सारा रिकॉर्ड होता है। मल्टीप्लेक्स के पास यह डेटा नहीं होता। आजकल कोई बॉक्स ऑफिस से टिकट नहीं लेता।”
रिपोर्ट के मुताबिक रोहतगी ने सवाल उठाया, “फिल्म टिकट खरीदने के लिए कौन आईडी लेकर जाता है?” उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट के आदेश का मतलब है कि हर कैश टिकट के साथ ID प्रूफ दिखाना होगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने फिलहाल हाई कोर्ट की इन शर्तों पर रोक लगा दी है।
Summary:
सुप्रीम कोर्ट ने मल्टीप्लेक्स की महंगी कीमतों पर नाराजगी जताई है। अदालत ने कहा कि बढ़ती कीमतें ऑडियंस को सिनेमाघरों से दूर कर सकती हैं। कोर्ट ने ₹200 टिकट कैप को सपोर्ट किया। आइडेंटिटी ट्रैक करने की शर्त पर रोक लगा दी गई। रोहतगी ने कहा कि टिकट अब ऑनलाइन खरीदे जाते हैं। इसलिए रिकॉर्ड मैंटेन करना आसान नहीं है। उन्होंने बताया कि बॉक्स ऑफिस से खरीद लगभग बंद हो चुकी है। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है।
