भारत सरकार ने संसद के सदस्यों (MP) की सैलरी में 24% की बढ़ोतरी की घोषणा की है। इसके साथ ही पूर्व सांसदों के लिए पेंशन और अतिरिक्त भत्ते में भी बढ़ोतरी की गई है। संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को एक नोटिफिकेशन जारी करते हुए घोषणा की है, जिसमें बताया गया की यह बढ़ोतरी 1 अप्रैल 2023 से प्रभावी होगी।
इस संशोधनों को आयकर अधिनियम 1961 के तहत, कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुरूप बताया हैं।

सांसदों के लिए वेतन और भत्तों में बढ़ोतरी
वर्तमान में काम कर रहे सांसदों की सैलरी हाइक का विवरण इस प्रकार है-
मासिक वेतन (Monthly Salary)
₹1,00,000 से बढ़ाकर ₹1,24,000 किया गया।
दैनिक भत्ता (Daily Allowance)
संसद सत्र में उपस्थित होने पर ₹2,000 की राशि को ₹2,500 तक बढ़ाया गया।
सरकार की इस वेतन वृद्धि का मुख्य उद्देश्य इन्फ्लेशन को देखते हुए सांसदों को उनके कर्तव्यों के लिए सही मुआवजा देना है।
पूर्व सांसदों के लिए पेंशन और अतिरिक्त पेंशन
इस संशोधित पेंशन स्ट्रक्चर में पूर्व सांसदों के लिए हाई पेंशन और अतिरिक्त पेंशन शामिल की गई है-
बेसिक पेंशन
₹25,000 से ₹31,000 प्रति माह
अतिरिक्त पेंशन
पांच साल से अधिक की सर्विस के लिए ₹2,000 से ₹2,500 प्रति माह
यह कदम उन पूर्व सांसदों के लिए बेहतर वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने देश की सेवा में कई सालों तक अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
कर्नाटक में भी उठाया यह बड़ा कदम
आपको बता दें की यह केंद्रीय संशोधन कर्नाटक सरकार द्वारा अपने मुख्यमंत्री, मंत्रियों और विधायकों के वेतन में महत्वपूर्ण वृद्धि को मंजूरी दिए जाने के कुछ समय बाद ही लागू किया गया है। इस बीच मुख्यमंत्री का वेतन ₹75,000 से बढ़कर ₹1.5 लाख प्रति माह हो गया है, जबकि मंत्रियों के वेतन में ₹60,000 से ₹1.25 लाख तक 108% की वृद्धि की गई है।
हालांकि कर्नाटक सरकार को इस निर्णय के चलते आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। इस आलोचना के पीछे यह तर्क बताया जा रहा है कि इसे विपक्ष के विरोध के बावजूद बिना किसी चर्चा के पारित किया गया।
सरकारी वेतन वृद्धि पर सार्वजनिक प्रतिक्रियाएं
सरकार की इस वृद्धि का मुख्य उद्देश्य इन्फ्लेशन रेट के अनुसार वेतन में समानता बनाए रखना है। हालांकि, बढ़ोतरी ने इसकी आवश्यकता पर बहस शुरू कर दी है। कुछ लोग मानते हैं कि ये बदलाव जन प्रतिनिधियों के लिए सही वेतन तय करने के लिए जरूरी हैं, जबकि कुछ लोग ज्यादा वेतन के बाद सख्त जवाबदेही और परफॉरमेंस मैट्रिक्स की मांग करते हैं।
ऐसे में कहा जा सकता है की राजनीतिक बदलाव के साथ-साथ, सरकार के निर्वाचित प्रतिनिधियों के पक्ष में लिए गए वित्तीय फैसले जांच के दायरे में बने रहेंगे।
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SUMMARY
भारत सरकार ने सांसदों के वेतन में 24% की बढ़ोतरी की घोषणा की है, जिसके चलते अब यह सैलरी ₹1,00,000 से ₹1,24,000 प्रति माह हो गई है। इसके अलावा, दैनिक भत्ते और पूर्व सांसदों के पेंशन में भी वृद्धि की गई है। यह वृद्धि 1 अप्रैल 2023 से लागू होगी, जिसका उद्देश्य महंगाई के प्रभाव को संतुलित करना है। यह फैसला कर्नाटक सरकार के हाल ही में अपने नेताओं के वेतन वृद्धि के कुछ समय बाद लिया गया है।
