मध्य भारत एक नया इतिहास रचने की ओर बढ़ रहा है। जियोलॉजिस्ट ने जबलपुर ज़िले में एक बड़ा गोल्ड रिज़र्व (gold reserves in the Jabalpur district) मिलने की पुष्टि की है। यह खोज इस क्षेत्र के आर्थिक भविष्य को पूरी तरह बदल सकती है। बता दें की यह गोल्ड रिज़र्व सिहोरा तहसील के महंगवा केवलरी गांव में मिले है। यह ज़ोन पहले से ही अपने आयरन और मैंगनीज रिसोर्सेज के लिए जाना जाता है।
इस बीच, यह डिस्कवरी इस क्षेत्र को एक संभावित माइनिंग और इकनॉमिक हब बना रही है।

100 हेक्टेयर में मिले गोल्ड रिज़र्व
जियोलॉजी एवं मिनरल रिसोर्स डिपार्टमेंट ने यह खोज पुष्टि की है। रिसर्च के मुताबिक, सोने के ये भंडार 100 हेक्टेयर से भी बड़े क्षेत्र में फैले हैं। कुछ शुरूआती अनुमान बताते हैं कि सोने के क्वांटिटी लाखों टन तक हो सकती है। फिर भी, पूरा मूल्यांकन अभी किया जाना बाकी है।
इस केमिकल टेस्ट में कॉपर और अन्य कीमती धातुओं के भी महत्वपूर्ण अंश पाए गए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि साइंटिफिक एविडेन्स के आधार पर ही निर्णय लिया गया है। टेस्ट से पता चला है कि गोल्ड कॉन्संट्रेशन काफी उच्च स्तर का है। इसी वजह से इसे पिछले कुछ वर्षों की इस क्षेत्र की सबसे बड़ी और महत्वपूर्ण मिनरल डिस्कवरी माना जा रहा है। यह रिसर्च न सिर्फ मिनरल रिसोर्स को बढ़ाएगी, बल्कि क्षेत्र की आर्थिक संभावनाओं को भी नई दिशा देगी।
पहली बार सोने की मौजूदगी पर मुहर
बताते चलें यह पहली बार नहीं है जब इस क्षेत्र में सोने की मौजूदगी का संकेत मिला है। जबलपुर के पास कटनी जिले से भी पहले संकेत मिले थे। हालांकि उनकी कोई ठोस पुष्टि नहीं हो सकी थी। ऐसे में इस रिसर्च के बाद अब जबलपुर मिनरल सेक्टर के एक नए केंद्र के रूप में सामने आ रहा है।
बुनियाद पहले से मजबूत, अब माइनिंग होगी आसान
जबलपुर में खनन के लिए बेसिक इंफ्रास्ट्रक्टर पहले से मौजूद है। यहां पहले से ही 40 से ज़्यादा एक्टिव माइन हैं। इनसे लोहा, मैंगनीज, चूना पत्थर और सिलिका रेत निकाली जाती है। लोहे का एक बड़ा हिस्सा चीन जैसे देशों को एक्सपोर्ट भी किया जाता है। सड़क, जनशक्ति और लॉजिस्टिक जैसी सुविधाएं पहले से मौजूद हैं। इस क्षेत्र को माइनिंग के लिए शुरू से ही एक अच्छा फायदा मिला है।
राज्य के अधिकारियों का मानना है कि इस खोज से सोना निकालने की शुरुआती लागत काफी कम हो जाएगी। क्योंकि माइनिंग का इंफ्रास्ट्रक्चर पहले से मौजूद है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम ज़ीरो से शुरुआत नहीं कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि खनन से जुड़ी ज़रूरी सुविधाएं पहले से ही तैयार हैं। इसी कारण यह प्रोजेक्ट शुरुआत से ही आर्थिक रूप से फायदेमंद माना जा रहा है।
लोकल और नेशनल लेवल पर क्या होंगे आर्थिक प्रभाव?
मध्य प्रदेश में सोने की नई खोज से आर्थिक बदलाव की उम्मीदें बढ़ गई हैं। ऐसे मेंयह राज्य गोल्ड प्रोडक्शन में नंबर वन बन सकता है। इससे देश की गोल्ड एक्सपोर्ट पर निर्भरता कम होगी। जबलपुर में रोजगार के नए अवसर बनेंगे। राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा। रिफाइनिंग, ट्रांसपोर्ट और एक्सपोर्ट जैसे सहायक उद्योग भी विकसित होंगे। इनसे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बड़ा फायदा होगा।
इतना ही नहीं, एक्सपर्ट्स का तो यह भी कहना है कि यह रिसर्च घरेलू और अंतरराष्ट्रीय निवेश को भी आकर्षित करेगी। इससे क्षेत्रीय विकास को नई गति मिलेगी।
Summary:
मध्य भारत के जबलपुर जिले में सोने के बड़े रिज़र्व की खोज ने क्षेत्र के आर्थिक भविष्य को बदलने की संभावनाएं बढ़ा दी हैं। 100 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र में फैले इस खजाने में सोने के साथ-साथ कॉपर और अन्य कीमती धातु भी शामिल हैं। पहले से मजबूत माइनिंग इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण, इस रिसर्च से जॉब्स, रेवेन्यू और इन्वेस्टमेंट में वृद्धि की उम्मीद है। यह खोज मध्य प्रदेश को देश का प्रमुख गोल्ड मैन्युफैक्चरिंग स्टेट बना सकती है।
