2 करोड़ कमाने वाला मेटावर्स इंजीनियर बना डिलीवरी बॉय, पढ़ें पूरी कहानी!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Jun 09, 2025


हाल ही में एक सॉफ़्टवेयर इंजीनियर के बारे में एक चौंकाने वाली कहानी सामने आई। दरअसल 42 वर्षीय शॉन मेटावर्स इंडस्ट्री में सालाना ₹1.28 करोड़ (लगभग $150,000) कमा रहे थे। हालांकि अब वह न्यूयॉर्क में एक ट्रेलर में रहते हैं। इतना ही नहीं, वह अब खाने की डिलीवरी करते हैं और eBay पर सामान बेचते हैं।टेक सेक्टर में दो दशकों का अनुभव होने के बावजूद, अप्रैल 2024 में अचानक उनकी नौकरी चली गई। तब से उन्होंने 800 से ज्यादा कंपनियों में अप्लाई किया।

आपको जानकार हैरानी होगी कि शॉन को सिर्फ 10 से भी कम इंटरव्यू कॉल आए। इनमें से ज्यादातर कॉल AI बॉट्स ने फ़िल्टर कर दिए थे। इसके बावजूद, उन्हें कोई जॉब ऑफर नहीं मिला।

Generative AI से नौकरी जाने का खतरा बढ़ा

जनरेटिव AI का असर अब नौकरियों पर साफ दिख रहा है। टेक इंडस्ट्री से जुड़े शॉन मानते हैं कि AI ने उनके सेक्टर में प्रोफेशनल क्राइसिस को बढ़ा दिया है। उनका कहना है किह्यूमन स्किल्स अब पीछे छूट रही हैं। मशीनें तेजी से उनकी जगह ले रही हैं। शॉन खुद को ‘एआई मैक्सिमलिस्ट’ कहते हैं। वह निश्चित तौर पर AI के पक्ष में हैं।

उनका तर्क है कि  AI का इस्तेमाल इंसानों की मदद के लिए होना चाहिए, न कि उन्हें रिप्लेस करने के लिए।

पूर्व टेक इंजीनियर ने दी चेतावनी

पूर्व टेक इंजीनियर का कहना है कि एक समय जो इंडस्ट्री नए इनोवेशन और नौकरियों के लिए जानी जाती थी, वहां अब बेरोजगारी बढ़ रही है। वह बताते हैं कि मेटावर्स जैसी ट्रेंडिंग टेक्नोलॉजी भी अब पीछे चली गई हैं। फिलहाल सबका ध्यान AI पर है। कंपनियां अब पैसे बचाने के लिए काम कर रही हैं।

उन्हें लगता है कि अब इनोवेशन की जगह कॉस्ट कटिंग को अहमियत दी जा रही है। वह साफ कहते हैं, ‘आज मेरी नौकरी गई है, लेकिन कल और लोगों की भी जा सकती है।’

शॉन का अनुभव भविष्य के लिए चेतावनी

शॉन की कहानी बताती है कि AI और ह्यूमन स्किल्स के बीच संतुलन बेहद ज़रूरी है। नौकरी जाने के बाद शॉन आर्थिक परेशानी में हैं। अब वह नए करियर ऑप्शंस कि तलाश रहे हैं। वे तकनीकी कोर्स करने या कमर्शियल ड्राइविंग लाइसेंस लेने पर भी विचार कर रहे हैं। लेकिन अपस्किलिंग के लिए भी पैसा चाहिए, जो फिलहाल उनके पास नहीं है।

शॉन की मुश्किल सिर्फ उनकी नहीं है। यह एक बड़ी चेतावनी है। अगर AI का इस्तेमाल बिना प्लानिंग और सोच-विचार के किया गया, तो करोड़ों लोगों की नौकरियां खतरे में पड़ सकती हैं। ऐसे में यह ज़रूरी है कि टेक के साथ-साथ इंसानों के भविष्य का भी ध्यान रखा जाए। वरना यह बदलाव लाखों करियर को खत्म कर सकता है।

Summary

42 वर्षीय शॉन, जो मेटावर्स इंडस्ट्री में ₹1.28 करोड़ सालाना कमाते थे, अब बेरोजगार हैं। अप्रैल 2024 में नौकरी जाने के बाद वे अजीब नौकरियों के लिए संघर्ष कर रहे हैं। 800 से ज्यादा कंपनियों में आवेदन करने के बावजूद, AI बॉट्स ने कई बार उन्हें रिजेक्ट किया। शॉन की कहानी टेक इंडस्ट्री में संतुलन और बेहतर कर्मचारियों की मदद की ज़रूरत को दर्शाती है।


Bhawna Mishra
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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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