भारत ने अपने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को और अधिक सुविधाजनक और सुलभ बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हाल ही में देश में पहली बार स्वदेशी रूप से विकसित वायरलेस इलेक्ट्रिक वाहन (EV) चार्जर लॉन्च किया गया है। आइए जानते है इस EV से जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण तथ्य-
बता दें कि यह चार्जर भारतीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी क्षेत्र के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। इसका 1.5 kW का चार्जर लगभग तीन घंटे में 4.8 kWh की बैटरी को 90% तक वायरलेस चार्ज करने की क्षमता रखता है। यह चार्जर एक सामान्य 230V, 50Hz AC सिंगल-फेज पावर सप्लाई का उपयोग करेगा।
इस टेक इनोवेशन पर काम करने के लिएसेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (C-DAC), तिरुवनंतपुरम और विश्वेश्वरैया नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (VNIT), नागपुर ने मिलकर प्रयास किए हैं।
भारत के पहले मेस EV चार्जर का शुभारंभ
यह सोल्यूशन इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के प्रमुख राष्ट्रीय मिशन ऑन पावर इलेक्ट्रॉनिक्स टेक्नोलॉजी (NaMPET) के तहत विकसित किया गया है। इसे स्टैंडर्ड 230V, 50Hz AC पावर सप्लाई के साथ काम करने के लिएविशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। यह कांटेक्ट लेस माध्यम से 1.5 kW की पावर सप्लाई कर सकता है। हैरान करने वाली बात यह है कि इस सिस्टम ने C12.5 cm तक के कॉइल सेपरेशन के बावजूद भी 89.4% की मैक्सिमम एफिशिएंसी प्राप्त की है। चार्जर में 88 kHz पर कार्य करने वाले सिलिकॉन कार्बाइड-आधारित MOSFETs का उपयोग किया गया है। यह इसे और अधिक प्रभावी बनाता है।
इसके साथ ही, इस समाधान में शॉर्ट-सर्किट और ओपन-सर्किट सुरक्षा जैसे एडवांस्ड सेफ्टी फीचर्स भी प्रदान किए गए हैं। ये इसके विश्वसनीय और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करते हैं।
देश भर में EV अपनाने की प्रक्रिया को मिलेगा बढ़ावा
MEITY के सचिव श्री एस. कृष्णन ने कहा कि भारत ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) के जरिए आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है। यह नई तकनीक उसमें एक बड़ा और अहम कदम है। उन्होंने खुशी जाहिर करते हुए कहा, ऐसे नवाचार न केवल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की रफ्तार बढ़ाएंगे। साथ ही बल्कि ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ जैसे लक्ष्यों को भी मजबूत बनाएंगे।
इस तकनीक को अब व्यावसायिक स्तर पर इस्तेमाल करने के लिएग्लोबल बिज़नेस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड को लाइसेंस दे दिया गया है। यह इस बात का संकेत है कि यह तकनीक अब बाजार में उतरने को तैयार है। आज जब हम इलेक्ट्रिक वाहनों की बात करते हैं,तो यह जानकर गर्व होता है कि भारत की सड़कों पर 45 लाख से भी ज़्यादा EV पहले से ही दौड़ रहे हैं। और इस तरह की तकनीक इस संख्या को और बढ़ाने में मदद करेंगी।
स्वदेशी वायरलेस चार्जर से अब ईवी चार्जिंग होगी और भी आसान
देश में पहली बार खुद का बना वायरलेस ईवी चार्जर लॉन्च किया गया है। इससे उम्मीद की जा रही है कि अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) चार्ज करने का काम पहले से आसान और सुविधाजनक हो जाएगा। साथ ही, चार्जिंग के लिए जो बुनियादी ढांचे की दिक्कतें थीं, वो भी अब काफी हद तक कम हो जाएंगी।
यह काम भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय (MeitY) की एक बड़ी कोशिश का हिस्सा है, जिसमें देश के अंदर ही पावर इलेक्ट्रॉनिक्स से जुड़ी रिसर्च और तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है। इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए देश में ही बने इंजन और कम वोल्टेज में बिजली पहुंचाने वाली ऊर्जा-कुशल डीसी सिस्टम पर भी काम कर रही है।
सी-डैक और वीएनआईटी नागपुर ने मिलकर इस वायरलेस चार्जर को बनाया है। ओमेगा सेकी प्राइवेट लिमिटेड के फाउंडर, उदय नारंग ने इस काम की तारीफ करते हुए कहा कि यह नई तकनीक सिर्फ केबल-फ्री चार्जिंग मुमकिन बनाती है। इससे ईवी को 3 घंटे में 90% तक चार्ज किया जा सकता है। यह इनोवेशन ना लोगों के लिए सुविधा को बढ़ाएगा। साथ ही भारत को इलेक्ट्रिक व्हीकल टेक्नोलॉजी में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
SUMMARY
भारत ने पहला स्वदेशी वायरलेस EV चार्जर लॉन्च किया है। यह 3 घंटे में 90% तक चार्ज कर सकता है। C-DAC और VNIT द्वारा विकसित यह तकनीक MeitY के सहयोग से बनी है। यह चार्जिंग के प्रोसेस को अत्याधिक आसान बनाएगी। इसके अलावा, देश को EV तकनीक में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। यह ‘मेक इन इंडिया’ को बढ़ावा देने में भी मददगार साबित होगी।
