भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” पहल के तहत एयरक्राफ्ट डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग को देश में स्थापित करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। इसके तहत सरकार एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) स्थापित करेगी, जिससे रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा।

ऐसे में इस अनूठी पहल से भारत ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर खिलाड़ी के रूप में उभर सकता है।
भारत स्वदेशी विमान बनाने के लिए तैयार
सिविल एविएशन मंत्री राममोहन नायडू ने सोमवार को बताया कि भारत सरकार क्षेत्रीय परिवहन विमान बनाने के लिए एक स्पेशल पर्पज व्हीकल (SPV) स्थापित करने की योजना पर काम कर रही है। नायडू ने राज्यसभा सत्र में यह भी सुनिश्चित किया कि भारत न केवल अपने एयरक्राफ्ट बनाएगा, बल्कि उनकी डिज़ाइन और मैंटेनस के लिए भी पूरी तरह से तैयार है।
नायडू ने इस मुद्दे पर बात करते हुए कहा की इस योजना को लागू करने के लिए आवश्यक नीतियां पहले से ही तैयार हैं। उन्होंने कहा, “अब भारत उस स्थिति में है जहां हम न केवल विमान बना सकते हैं, बल्कि उन्हें डिज़ाइन और उनका रखरखाव भी कर सकते हैं।”
भारत में तेजी से बढ़ता हुआ एविएशन मार्केट
भारत के एविएशन मार्केट की बात करें तो यह दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बन चुका है। इसके अलावा, देश की घरेलू एयरलाइनों ने बढ़ती हवाई यात्रा की मांग को देखते हुए 1,500 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर दिया है। सरकार भी इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए एक मजबूत स्थानीय एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग सिस्टम बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
फिलहाल केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों और अन्य प्रमुख स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करने पर विशेष ध्यान दिया गया है। नायडू ने बताया कि क्षेत्रीय ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट के निर्माण के लिए SPV बनाने की योजना को पांच साल के भीतर लागू करने का प्रयास है। उनका उद्देश्य “मेक इन इंडिया” पहल के तहत इस अवधि में प्रोडक्शन शुरू करना है।
भारत में एविएशन स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता
नायडू ने एविएशन इंडस्ट्री की बढ़ती हुई मांगों को पूरा करने के लिए वर्कफोर्स में स्किल डेवलपमेंट की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत में पहले से 58 फ्लाइंग ट्रेनिंग आर्गेनाइजेशन (FTO) हैं, जो एविएशन प्रोफेशनल्स को तैयार कर रहे हैं। इस बीच केंद्र इस इकोसिस्टम को बढ़ाने की कोशिश कर रहा है ताकि एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरिंग और MRO एक्टिविटी में किसी तरह की कोई रूकावट न आए।
नायडू ने सत्र के दौरान हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और CSIR-NAL के सहयोग से विकसित हो रहे 19-सीटर लाइट ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट सारस Mk2 की प्रगति पर भी जोर दिया।
ऐसे में यह कहा जा सकता है कि यह कदम स्वदेशी एविएशन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो भारत के एयरोस्पेस इंडस्ट्री को सशक्त करेगा और घरेलू विमान कंपोनेंट्स के निर्माण को भी मजबूत बनाएगा।
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SUMMARY
भारत सरकार ने “मेक इन इंडिया” पहल के तहत स्वदेशी एयरक्राफ्ट डिज़ाइन और मैन्युफैक्चरिंग की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इस योजना के तहत सरकार एक SPV स्थापित करेगी, जिससे रोजगार और विकास को बढ़ावा मिलेगा। यह योजना भारत को ग्लोबल एविएशन इंडस्ट्री में आत्मनिर्भर बनाएगी। इसके साथ ही, विमान निर्माण और स्किल डेवलपमेंट में सुधार होगा।
