Licenses For New Banks: सरकार जल्द जारी कर सकती है नए बैंक लाइसेंस, जानें कैसा आएगा बैंकिंग सेक्टर में बदलाव!


Bhawna Mishra

Bhawna Mishra

Jul 16, 2025


भारत 2027 तक विकसित अर्थव्यवस्था बनने की दिशा में काम कर रहा है। इसके लिए कई अहम सुधारों पर जोर दिया जा रहा है। बैंकिंग सेक्टर भी इस बदलाव का हिस्सा बनने जा रहा है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, वित्त मंत्रालय और भारतीय रिजर्व बैंक नए बैंकिंग लाइसेंस जारी करने पर विचार कर रहे हैं। करीब एक दशक बाद यह बड़ा फैसला लिया जा रहा है। इसका मतलब है कि देश में ज्यादा बैंक खोले जाएंगे और वे ज्यादा लोगों तक अपनी सेवाएं पहुंचा पाएंगे।

10 साल बाद फिर मिल सकते हैं नए बैंकिंग लाइसेंस

बता दें की भारत में आखिरी बार 2014 में नए बैंकिंग लाइसेंस जारी किए गए थे। अब एक बार फिर सरकार इस दिशा में कदम बढ़ाने की तैयारी में है। सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों के बीच कई अहम बिंदुओं पर चर्चा चल रही है। जैसे- 

  • छोटे बैंकों का मर्जर कर बड़े और मजबूत बैंक तैयार किए जा सकते हैं।
  • इस प्लान का उद्देश्य बैंकिंग सिस्टम को और मज़बूत और व्यापक बनाना हैं।
  • सरकारी बैंकों में FDI नियमों में ढील दी जा सकती है ताकि फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़े।
  • बड़े कॉरपोरेट्स को कुछ शर्तों के साथ बैंकिंग लाइसेंस के लिए आवेदन की अनुमति दी जा सकती है।
  • कुछ NBFC (नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों) को फुल-सर्विस बैंक में बदलने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।

भारत को क्यों चाहिए बड़े और मजबूत बैंक?

देखा जाए तो आज भारत के केवल दो बैंक – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और HDFC बैंक दुनिया के टॉप 100 बैंकों में शामिल हैं। लेकिन भारत को इससे कहीं ज्यादा मजबूत बैंक कि जरूरत है।

देश को ऐसे बैंकों की ज़रूरत है जो लॉन्ग टर्म लोन देने में सक्षम हों, ताकि आर्थिक विकास को मजबूती मिले। अगले 20 सालों में भारत की GDP 3.7 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 7 से 10 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकती है। यह पूरा विज़न प्रधानमंत्री मोदी के ‘विकसित भारत 2047’ (Prime Minister Modi’s 2047 goal) लक्ष्य से जुड़ा है।

बैंकिंग क्षेत्र में कॉर्पोरेट एंट्री पर फिर से उठे सवाल

इस फैसले से बड़ी कंपनियों को बैंकिंग सेक्टर में एंट्री देने का मुद्दा फिर से चर्चा में आ गया है। हालांकि, यह मुद्दा पहले भी विवादों में रहा है। 2016 में इससे जुड़े लोन में गड़बड़ियों को देखते हुए ऐसे एंट्री पर रोक लगाई गई थी। अगर अब दोबारा यह शुरू होता है, तो कड़े नियम ज़रूर लागू होंगे । 

इसमें शेयरहोल्डिंग, गवर्नेंस और रिस्क मैनेजमेंट पर सख्त सुरक्षा उपाय शामिल हो सकते हैं। RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में लाइसेंसिंग फ्रेमवर्क की रिव्यु की बात कही है।

फॉरेन इन्वेस्टर्स की दिलचस्पी बढ़ी

बताते चलें की फॉरेन इन्वेस्टर्स भारत के बैंकिंग सेक्टर पर नजर बनाए हुए हैं। मई 2025 में जापान की सुमितोमो मित्सुई फाइनेंशियल ग्रुप ने यस बैंक में 20% हिस्सेदारी खरीदी। यह किसी भारतीय बैंक में अब तक का सबसे बड़ा विदेशी निवेश है।

अगर ऐसे ही सुधार होते रहे, तो भारत का बैंकिंग सिस्टम और मज़बूत होगा। बैंक ज्यादा कैपिटल से लैस होंगे, जिससे भविष्य में बड़े पैमाने पर लोन और फंडिंग देना आसान होगा।

Summary

भारत 2027 तक विकसित देश बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। ऐसे में बैंकिंग सेक्टर में बड़े बदलाव की तैयारी है। करीब 10 साल बाद फिर से नए बैंकिंग लाइसेंस जारी हो सकते हैं। छोटे बैंकों का मर्जर, कॉरपोरेट को लाइसेंस और FDI नियमों को लेकर चर्चा चल रही हैं। इससे बैंकिंग सिस्टम मजबूत होगा और इन्वेस्टर्स का भरोसा भी बढ़ेगा।


Bhawna Mishra
Bhawna Mishra
  • 419 Posts

She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

You Might Also Like

Recent Posts

Related Videos

   

Subscribe Now!

Get latest news and views related to startups, tech and business

who's online