Karnataka High Court का अहम फैसला! सुरक्षात्मक हेडगियर न पहनने पर भी मिलेगा मुआवजा


Bhawna Mishra

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Aug 25, 2024


कुछ समय पहले एक फैसले के दौरान कर्नाटक उच्च न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि हेलमेट न पहनने से मोटर दुर्घटना में शामिल व्यक्ति को मुआवजा पाने से वंचित नहीं किया जा सकता हैं। भले ही यह कानून का उल्लंघन हो। यह निर्णय न्यायमूर्ति K Somashekara और न्यायमूर्ति  Chilakur Sumalatha की पीठ ने लिया। 

Karnataka High Court का अहम फैसला! सुरक्षात्मक हेडगियर न पहनने पर भी मिलेगा मुआवजा

यह निर्णय रामानगर जिले के चन्नापटना शहर के निवासी सादात अली खान द्वारा दायर अपील के आधार पर लिया गया था, जिनकी 5 मार्च, 2016 को बेंगलुरु-मैसूर रोड पर दुर्घटना हुई थी। खान मोटरसाइकिल पर मैसूर की ओर यात्रा कर रहे थे। जब रामनगर तालुक के वडेरहल्ली गांव में एक तेज रफ्तार कार ने उनके दोपहिया वाहन को पीछे से टक्कर मार दी।

इस दुर्घटना के बाद, खान ने रामनगर में खान ने रामनगर में मोटर दुर्घटना मुआवजा अदालत का दरवाजा खटखटाया और मुआवजे की मांग की। उन्होंने कहा कि उन्होंने इलाज और इससे जुड़ें अन्य चीज़ों पर 100,000 रुपये खर्च किए हैं।

कर्नाटक हाईकोर्ट ने सुनाया फैसला

इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय की खंडपीठ ने कहा कि भले ही दावेदार ने हेलमेट नहीं पहना था, फिर भी वह उचित मुआवजे का हकदार है। हाई कोर्ट ने  फैसला सुनाया कि मोटर वीकल एक्ट 129 (ए) के तहत प्रोटेक्टिव हेडगियर न पहनना, सहभागी लापरवाही है, लेकिन दावेदार को मिलने वाले मुआवजे पर इसका बहुत अधिक प्रभाव नहीं पड़ना चाहिए।

बेंच ने आगे अपने फैसले में कहा कि, “धारा 129 (ए) के तहत, सुरक्षात्मक हेडगियर न पहनने पर 1,000 रुपये का जुर्माना या तीन महीने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस निलंबित किया जा सकता है।” “इस अपेक्षाकृत छोटे जुर्माने को देखते हुए, हेडगियर न पहनने पर बीमा राशि को 10-15% कम करना अनुचित है।”

हाई कोर्ट ने दी महत्वपूर्ण राहत

फैसले ने कहा कि प्रतिवादी की लापरवाही के आधार पर मुआवजा निर्धारित किया जाना चाहिए, क्योंकि दुर्घटना हुई है और हेलमेट न पहनने के कारण मुआवजे की राशि को कम नहीं करना चाहिए, भले ही यह सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हो।

“मोटर वाहन दुर्घटनाओं में लापरवाही की अवधारणा तब उत्पन्न होती है जब पीड़ित की स्वयं की लापरवाही दुर्घटना या चोट की गंभीरता में योगदान करती है। 

ऐसे मामलों में, पीड़ित पक्ष को दिया जाने वाला मुआवजा, फॉल्ट की राशि के अनुपात में कम किया जा सकता है,” जिसके बाद आगे अदालत ने दावेदार को 6,80,200 रुपये का बढ़ा हुआ मुआवजा देने की बात कही।

अंत में, न्यायालय ने कहा कि वह इस बात का मूल्यांकन करेगा कि दावेदार द्वारा हेलमेट न पहनने की वजह से उन्हें कितनी चोटें आई हैं और यदि कोई योगदान पाया जाता है, तो वह उस प्रोपोरशन के अनुसार मुआवजे को कम कर सकते हैं।


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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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