बेंगलुरु को भारत की सिलिकॉन वैली के नाम से भी जाना जाता है। इस शहर के आउटर रिंग रोड (ORR) और अन्य प्रमुख रास्तों पर सिंगल ऑक्यूपेंसी व्हीकल्स पर रोक लगाने का प्रस्ताव है। यह कदम सड़कों पर भीड़भाड़ कम करने और शेयर्ड ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए उठाया जा रहा है। इस मामले पर कर्नाटक की मुख्य सचिव शालिनी रजनीश की अध्यक्षता में एक उच्च-स्तरीय बैठक हुई। बैठक में कई कॉर्पोरेट लीडर्स और एक्सपर्ट्स ने अपने विचार साझा किए।

बेंगलुरु में भीड़भाड़ से राहत के लिए नया टैक्स प्रस्तावित
बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम से निपटने के लिए सरकार ने नया कदम उठाया है। अब OOR (Outer Ring Road) जैसे सबसे भीड़भाड़ वाले इलाकों में सिंगल ऑक्यूपेंसी कार चलाने पर टैक्स देना पड़ सकता है। इस प्रस्ताव के तहत, यदि कार में केवल ड्राइवर ही है तो उस पर शुल्क लगाया जाएगा। Yulu के को फाउंडर आर. के. मिश्रा ने बताया, ‘अगर आप अकेले OOR में एंट्री कर रहे हैं, तो पैसे देने होंगे।’
उनका मानना है कि इससे लोग कारपूलिंग को अपनाएंगे। इससे सड़कों पर प्राइवेट गाड़ियों की संख्या कम होगी। इस 90 दिन के एक्शन प्लान में और भी कई सुधार प्रस्तावित हैं।साथ ही बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर के कामों में तेज़ी लाई जाएगी। सरकार को उम्मीद है कि इन उपायों से शहर की ट्रैफिक समस्या कुछ हद तक कम होगी।
शहर की समस्याओं पर उठाने होंगे ठोस कदम
बेंगलुरु की बिगड़ती हालात पर अब शहर के लीडर्स भी सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इस मामले पर तुरंत कार्रवाई करने के साथ ही लॉन्ग टर्म सोल्यूशन की मांग की है। उद्योग जगत की जानी-मानी हस्ती किरण मजूमदार-शॉ ने सरकार की नई योजना का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि अगर 90 दिनों में सुधार दिखे, तो यह सही दिशा में कदम होगा।
शॉ ने प्राइवेट कार के इस्तेमाल पर चिंता जताई। उनका कहना है, ‘हमें इसे रोकना होगा और समय रहते सख्त कदम उठाने होंगे।’ उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि सड़क मरम्मत जैसे छोटे लेकिन असरदार काम तुरंत किए जाएं।
90 दिन के एक्शन प्लान पर क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स?
नया कंजेशन टैक्स को लेकर सभी की अलग-अलग राय सामने आ रही है। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बिना मजबूत सिस्टम के यह टैक्स आम पब्लिक पर बोझ बनेगा। वही एंटरप्रेन्योर टी. मोहनदास पई ने इस योजना को ‘एक तमाशा’ बताया। दरअसल उनका कहना है कि जब तक मेट्रो और बस कनेक्टिविटी बेहतर नहीं होगी, इन स्टेप्स से हालात में कोई सुधार नहीं आएगा।
वही कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि बेंगलुरु में ट्रैफिक समस्या की जड़ मेट्रो और लोकल ट्रेन प्रोजेक्ट्स में देरी है। उनका कहना है कि शहर में बस नेटवर्क की कमी के कारण लोग प्राइवेट व्हीकल पर ज्यादा निर्भर हो गए हैं। इसी वजह से शहर में ट्रैफिक समस्या लगातार बढ़ रही है।
टैक्स से पहले ज़रूरी है बेहतर ट्रांसपोर्ट सिस्टम
बता दें कि फिलहाल कंजेशन टैक्स पर कोई भी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। फिर भी, यह सुझाव शहर में ट्रैफिक से जुड़ी समस्याओं को सामने लाता है। बेंगलुरु का ट्रैफिक जाम, गड्ढों से भरी सड़कें और ख़राब इंफ्रास्टचर, अब पब्लिक के बर्दाश्त के बाहर है। ऐसे में अधिकारियों पर इन सभी समस्याओं का समाधान ढूंढ़ने का दबाव दिन-पर-दिन बढ़ता जा रहा है।
इस बीच अगर यह टैक्स पॉलिसी लागू होती है, तो इससे शहर का ट्रैफिक सिस्टम में निश्चित तौर पर बदललाव ला सकता है। हालांकि, यह तभी इफेक्टिव होगा जब इसे मजबूत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के साथ जोड़ा जाए। ऐसे में सबसे पहले बस, मेट्रो और लोकल ट्रेन नेटवर्क को बेहतर बनाना जरूरी है।
Summary:
बेंगलुरु में ट्रैफिक जाम की बढ़ती समस्या को देखते हुए सरकार ने सिंगल ऑक्यूपेंसी कार पर टैक्स लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसका उद्देश्य शेयर्ड ट्रांसपोर्ट को बढ़ावा देना है। एक्सपर्ट्स ने पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार को भी महत्वपूर्ण बताया है। 90 दिन के एक्शन प्लान में सड़क मरम्मत और इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार शामिल हैं। फिलहाल टैक्स पर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बीच अधिकारियों पर लगातार दबाव बढ़ रहा है।
