जापान में लागू होगा 4-दिवसीय कार्य सप्ताह, जनसंख्या बढ़ाने के लिए सरकार ने उठाया बड़ा कदम!


Bhawna Mishra

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Dec 15, 2024


जापान को जनसंख्या संकट का सामना करना पड़ रहा है, जिसे हल करने के लिए टोक्यो चार दिवसीय कार्य सप्ताह की नई पहल शुरू करेगा। अप्रैल से टोक्यो मेट्रोपोलिटन सरकार अपने कर्मचारियों को सप्ताह में केवल चार दिन काम करने की अनुमति देगी, साथ ही “चाइल्डकेयर आंशिक अवकाश पॉलिसी” (childcare partial leave policy) भी लागू करेगी। यह पहल कर्मचारियों को कार्य और पारिवारिक जीवन के बीच बेहतर संतुलन बनाने में मदद करेगी।

टोक्यो में जनसंख्या संकट से निपटने की पहल

जापान टाइम्स के अनुसार, टोक्यो की गवर्नर, यूरिको कोइके ने इस सप्ताह टोक्यो मेट्रोपॉलिटन असेंबली में एक भाषण के दौरान बताया, “हम लगातार वर्किंग स्टाइल में फ्लेक्सिबिलिटी  का मूल्यांकन करेंगे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि महिलाओं को बच्चे के जन्म या पालन-पोषण जैसे जीवन के महत्वपूर्ण मोड़ों पर अपने करियर से समझौता न करना पड़े।”

जापान में जन्म दर इस साल रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुँचने के बाद नई नीतियाँ लागू की गई हैं। आपको बता दें की स्वास्थ्य, श्रम और कल्याण मंत्रालय के अनुसार, जनवरी से जून तक देश में केवल 350,074 जन्म हुए, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि से 5.7% कम है। इसके साथ ही साल 2023 में देश की कुल फर्टिलिटी रेट 1.2 % रही, जबकि टोक्यो में यह आंकड़ा 0.99 से भी नीचे गिर गया। 

आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (OECD) के अनुसार, स्थिर जनसंख्या के लिए 2.1 की बर्थ रेट जरूरी है। वहीं, सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी के आंकड़े बताते हैं कि जापान में औसत आयु 49.9 वर्ष है, जबकि अमेरिका में यह 38.9 वर्ष है, जो देश के जनसंख्या संकट को दर्शाता है।

जापान के वर्क कल्चर में होगा बड़ा बदलाव

बताते चलें की जापान ने अपनी गिरती जन्म दर को सुधारने के लिए कई कठोर कदम उठाए हैं। 1990 के दशक से शुरू होकर, सरकार ने कंपनियों से परेनेटल लीव देने, डे केयर के लिए सब्सिडी बढ़ाने और माता-पिता को नकद भुगतान की शुरुआत की थी। इतना ही नहीं, इस साल टोक्यो सरकार ने सिंगल लोगों को शादी के लिए पार्टनर खोजने में मदद करने के लिए एक डेटिंग ऐप भी लॉन्च किया। 

बावजूद इसके, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले आठ सालों में जन्म दर में लगातार गिरावट देखी गई है। ऐसे में अब जापान की चार दिवसीय कार्य सप्ताह की नीति, कार्य संस्कृति में बदलाव लाकर कुछ समस्याओं का समाधान करने की कोशिश कर रही है, खासकर कामकाजी महिलाओं के लिए। 

इंटरनेशनल मोनेट्री फंड (IMF) के अनुसार, जापान में घरेलू काम में महिलाओं और पुरुषों के बीच सबसे बड़ा अंतर है, जहां पांच गुना अधिक महिलाएं बच्चों और बुजुर्गों की देखभाल सहित अनपेड काम करती हैं।

 IMF के आंकड़े बताते हैं कि जिन महिलाओं के अपेक्षाकृत कम बच्चे हैं उनमें से आधी ने कहा कि वे कम बच्चे पैदा करना चाहती हैं क्योंकि घरेलू कामकाज का बोझ बढ़ जाता है। हालांकि, चार-दिवसीय सप्ताह के कुछ प्रयोगों से पता चला है कि यह गृहकार्य को संतुलित करता है। छह देशों में किए गए 4 डे वीक ग्लोबल परीक्षण में पुरुषों ने बच्चों की देखभाल और घर के काम पर 22 और 23 प्रतिशत अधिक समय बिताया है।

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                                         SUMMARY

जापान में गिरती जन्म दर के संकट से निपटने के लिए टोक्यो मेट्रोपॉलिटन सरकार अप्रैल से चार दिवसीय कार्य सप्ताह की शुरुआत करने जा रही है, साथ ही “चाइल्डकेयर आंशिक अवकाश पॉलिसी” भी लागू की जाएगी। इस कदम का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं के लिए कार्य और पारिवारिक जीवन में संतुलन लाना है। जापान की जन्म दर में लगातार गिरावट देखी जा रही है, ऐसे में ये नए उपाय इस समस्या को सुधारने की ओर एक कदम महत्वपूर्ण हैं।


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She is a seasoned writer with a passion for Storytelling and a keen interest in diverse topics. With 2.5 years of experience, she excels in writing about Tech, Sports, Entertainment, and various Niche topics. Bhawna holds a Postgraduate Degree in Journalism and Mass Communication from St Wilfred’s College of Jaipur.

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