हाल ही में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और IT मंत्री अश्विनी वैष्णव के हवाले से एक महत्वपूर्ण घोषणा की गई है। अब डॉक्यूमेंट, प्रेजेंटेशन और स्प्रेडशीट जैसे कामों के लिए सरकार माइक्रोसॉफ्ट के बजाय Zoho सॉफ़्टवेयर का इस्तेमाल करेगी। Zoho को एक ‘स्वदेशी प्लेटफ़ॉर्म’ के रूप में लॉन्च करते हुए मंत्री ने सभी लोगों से इंडियन डिजिटल सोल्यूशंस को अपनाने की अपील की। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मेड इन इंडिया’ प्रोडक्ट्स को समर्थन देने की बात कही थी।

Made-in-India डिजिटल इकोसिस्टम को मिल रहा समर्थन
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव की ये नई घोषणा ऐसे समय आई है, जब भारत और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। फ़िलहाल वाशिंगटन भारतीय इम्पोर्ट्स पर 50% तक टैरिफ लगा रहा है। ऐसे में सरकार का यह कदम भारत के डिजिटल इकोसिस्टम को निश्चित तौर पर मजबूती देगा ।
Zoho की बात कि जाए यह तमिलनाडु के तेनकासी में स्थित एक स्वदेशी टेक कंपनी है। आज यह दुनिया भर में मौजूद है, जिसका एनुअल रेवेन्यू 1 बिलियन डॉलर से भी ज्यादा है। अमेरिका सहित दुनियाभर के कई देशों में इसके ऑफिस मौजूद हैं।
सरकार की Zoho पर बढ़ती निर्भरता
दरअसल यह पहली बार नहीं है जब सरकार ने Zoho पर भरोसा जताया है। साल 2023 में कंपनी को कई मंत्रालयों की Email सर्विस का ज़िम्मा दिया गया था। इतना ही नहीं, Zoho ने IT मंत्रालय के लिए एक सिक्योर वेब ब्राउज़र भी डिज़ाइन किया था। यह ब्राउज़र विदेशी सॉफ्टवेयर से जुड़ी सिक्योरिटी प्रॉब्लम्स को दूर करता है। भले ही ज़ोहो के इस्तेमाल को अभी मेंडेटरी नहीं किया गया है। लेकिन ये कदम दिखाते हैं कि सरकार देश के डिजिटल सोल्यूशंस को प्रमोट करना चाहती है।
स्वदेशी टेक्नोलॉजी की बढ़ती भूमिका
भारत विदेशी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट और गूगल पर काफी निर्भर रहा है। हालांकि यह निर्भरता कभी-कभी रिस्की हो सकता है। उदाहरण के तौर पर, भारत-रूस के जॉइंट वेंचर नायरा एनर्जी के ईमेल कुछ समय के लिए बंद हो गए थे। वजह यह थी कि एक अमेरिकी कंपनी ने यूरोपीय प्रतिबंधों के चलते एक्सेस रोक दिया था। ऐसे मामले दिखाते हैं कि Zoho जैसी भारतीय कंपनियां क्यों जरूरी हैं।
PM मोदी ने दिया ‘मेड इन इंडिया’ को बढ़ावा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने टेलीविज़न संबोधन में कहा कि देश को विदेशी चीज़ों पर कम निर्भर रहना चाहिए। उन्होंने लोगों से कहा कि वे रोज़मर्रा की चीज़ों से लेकर डिजिटल डिवाइस तक, देश में बनी चीज़ें ही इस्तेमाल करें। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का Zoho को अपनाना इसी सोच का एक हिस्सा है। यह दिखाता है कि स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देना सिर्फ बातों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह भारत के डिजिटल भविष्य के लिए बहुत जरूरी है।
Summary:
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि अब सरकार दस्तावेज़ और प्रेजेंटेशन बनाने के लिए माइक्रोसॉफ्ट की जगह ज़ोहो सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल करेगी। ज़ोहो एक भारतीय कंपनी है। यह फैसला प्रधानमंत्री मोदी की ‘मेड इन इंडिया’ सोच के साथ जुड़ा है। इससे देश की तकनीक में आत्मनिर्भरता बढ़ेगी और स्वदेशी कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा।
