हाल ही में पॉपुलर मैसेंजर एप्लिकेशन “टेलीग्राम” (Telegram) से जुड़ी बड़ी खबर की घोषणा की गई है। दरअसल, भारतीय अधिकारी जबरन वसूली और जुआ गतिविधियों सम्बंधित क्रिमिनल एक्टिविटीज के लिए टेलीग्राम की जांच कर रहे हैं। गृह मंत्रालय (MHA) और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) के तहत भारत के साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर (I4C) की जांच बाद, यदि मामले की पुष्टि होती हैं तो भारत में इस App के बैन होने की संभावना हैं।

क्या है टेलीग्राम की जांच का कारण?
टेलीग्राम का इस्तेमाल जबरन वसूली और जुए जैसी अवैध गतिविधियों के लिए किए जाने की रिपोर्ट के बाद, भारत सरकार ने एक जांच शुरू की। इन चिंताओं के चलते अब इस प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग करने के तरीके को लेकर बारीकी से जांच की जा रही है।
यह पूरा मामला 24 अगस्त को सामने आया, जब कंपनी के संस्थापक और CEO पावेल ड्यूरोव को पेरिस में गिरफ्तार कर लिया गया। उन्हें ऐप की मॉडरेशन पॉलिसी के चलते पेरिस में गिरफ़्तार किया गया था। अधिकारियों के अनुसार, ये पॉलिसी प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिमिनल एक्टिविटीज़ को रोकने में विफल रही हैं, जिससे भारत सहित कई देशों में चिंताएँ बढ़ गई हैं।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, टेलीग्राम के फिलहाल भारत में 50 लाख रजिस्टर्ड यूजर्स हैं।
क्या भारत में बैन होगा Telegram?
इस मामले पर फिलहाल जांच की जा रही हैं। यदि जांच में गड़बड़ी के पर्याप्त सबूत सामने आते हैं, तो भारत सरकार टेलीग्राम पर बैन को मंजूरी देने पर विचार कर सकती है। हालांकि यह एक बड़ा कदम होगा, जो मुख्य तौर पर साइबर अपराधों को रोकने और अपने नागरिकों को ऑनलाइन खतरों से बचाने के लिए भारत के चल रहे प्रयासों के अनुरूप है।
इसके अलावा, टेलीग्राम के लिए भारत सरकार द्वारा निर्धारित सूचना प्रौद्योगिकी (IT) नियमों का अनुपालन करना महत्वपूर्ण है। इन नियमों के तहत प्लेटफार्मों को एक नोडल ऑफिसर, एक चीफ कंप्लायंस ऑफिसर नियुक्त करने और मासिक कंप्लायंस रिपोर्ट तैयार करने की आवश्यकता होती है।
बताते चलें की टेलीग्राम की जांच सिर्फ भारत तक सीमित नहीं है। कंपनी के CEO को पेरिस में गिरफ्तार किया गया, जिससे ऐप के ग्लोबल ऑपरेशन्स को लेकर चिंताएं बढ़ गई हैं। इस गिरफ्तारी की एलन मस्क और एडवर्ड स्नोडेन जैसी मशहूर हस्तियों ने आलोचना की, जिन्होंने ड्यूरोव की गिरफ्तारी के खिलाफ अपनी बात रखी है।
